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कंप, सुनामी, ज्वालामुखीय हलचल, चक्रवात आदि जैसी महत्त्वपूर्ण भू-भौतिकीय घटनाएँ, भौगोलिक विशेषताएँ


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KANISHKBIOSCIENCE E -LEARNING PLATFORM - आपको इस मुद्दे से परे सोचने में मदद करता है, लेकिन UPSC प्रीलिम्स और मेन्स परीक्षा के दृष्टिकोण से मुद्दे के लिए प्रासंगिक है। इस 'संकेत' प्रारूप में दिए गए ये लिंकेज आपके दिमाग में संभावित सवालों को उठाने में मदद करते हैं जो प्रत्येक वर्तमान घटना से उत्पन्न हो सकते हैं Chic Me - World (या एक परीक्षक की कल्पना कर सकते हैं)

 

kbs  हर मुद्दे को उनकी स्थिर या सैद्धांतिक पृष्ठभूमि से जोड़ता है।  PeersTV WW यह आपको किसी विषय का समग्र रूप से अध्ययन करने में मदद करता है और हर मौजूदा घटना में नए आयाम जोड़कर आपको विश्लेषणात्मक रूप से सोचने में मदद करता है।

 केएसएम का उद्देश्य प्राचीन गुरु - शिष्य परम्परा पद्धति में "भारतीय को मजबूत और आत्मनिर्भर बनाना" है।

 

स्पेस हरिकेन / अंतरिक्षीय तूफ़ान


(Space Hurricane)

संदर्भ:

हाल ही में, चीन के वैज्ञानिकों ने उत्तरी ध्रुव के ऊपर, पहली बार, एकस्पेस हरिकेन / अंतरिक्षीय तूफ़ान(Space Hurricane) का पता लगाया है।

इससे पहले, ‘स्पेस हरिकेन’ को केवल सैद्धांतिक परिघटना माना जाता था।

प्रमुख तथ्य:

  • वैज्ञानिकों की रिपोर्ट के अनुसार, ये हरिकेन लगभग 600 मील क्षेत्र में विस्तृत था, और इसके द्वारा लगभग आठ घंटों तक आवेशित इलेक्ट्रॉनों की बारिश होती रही।
  • अकादमिक पेपर के अनुसार, ये स्पेस हरिकेन, वामावर्त्त दिशा (counter clockwise) में 4,700 मील प्रति घंटे की गति से घूर्णन कर रहा था।
  • ये हरिकेन उत्तरी ध्रुव के ठीक ऊपर अंतरिक्ष में देखा गया था।

इसका महत्व:

इस नई खोज से वैज्ञानिकों को यह जानने में मदद मिल सकती है, कि ‘सूर्य, पृथ्वी के वायुमंडल को किस प्रकार प्रभावित करता है?’ तथा इसके अलावा ‘विभिन्न कक्षाओं में स्थित उपग्रहों के लिए अंतरिक्षीय मौसम, किस प्रकार हानि पहुंचा सकता है?’ इस बारे में भी अधिक जानकारी हासिल हो सकती है।

स्पेस हरिकेन क्या हैं?

स्पेस हरिकेन’ अथवा ‘अंतरिक्षीय तूफ़ान’ को सौर हवाओं तथा पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र के मध्य परस्पर क्रिया का परिणाम माना जाता है।

  • ‘स्पेस हरिकेन’, आकार में काफी विशाल, कीप की भांति, सर्पिल भू-चुंबकीय तूफान होते हैं, जो सामान्यतः अत्याधिक शांत परिस्थितियों में धुर्वों के ऊपर पृथ्वी के आयनमंडल में निर्मित होते हैं।
  • ये ‘उत्तर धुर्वीय ज्योति’ / ‘ऑरोरा बोरेलिस’ (aurora borealis) परिघटना से भी संबंधित होते हैं। ‘स्पेस हरिकेन’ की ‘कीप’ (funnel) से होने वाली इलेक्ट्रॉन वर्षा से चक्रवात-आकार के विशाल ऑरोरा / धुर्वीय ज्योति (auroras) उत्पन्न होती है।
  • ये प्लाज्मा से निर्मित होते हैं, तथा इनमे अत्याधिक तप्त आयनित गैसें होती हैं, जो अत्यंत तीव्र गति से घूर्णन करती हैं।

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निर्माण:

सूर्य से सौर-पवनों के रूप में उन्मुक्त की गयी प्लाज्मा से ‘स्पेस हरिकेन’ का निर्माण होता है। इन आवेशित कणों के बादल अंतरिक्ष से होकर गुजरने के दौरान चुंबकीय क्षेत्रों से अंत:क्रिया करते हैं तथा चुंबकीय तूफानों को उर्जा प्रदान करते हैं।

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प्रभाव:

शोधकर्ताओं के अनुसार, इस प्रकार के तूफान उपग्रहों पर अधिक हानिकारक हो सकते हैं और रेडियो संकेतों और संचार में बाधा उत्पन्न कर सकते हैं, अतः इन घटनाओं को समझना विशेष रूप से महत्वपूर्ण है।

  1. ‘स्पेस हरिकेन’ क्या है?
  2. निर्माण
  3. प्रमुख विशेषताएं
  4. यह कहाँ निर्मित होते है?
  5. यह साधारण तूफान से किस प्रकार भिन्न होते है?

 

  1. उपर्युक्त विभिन्न रिपोर्ट्स और उनके प्रकाशक।
  2. भारत का प्रदर्शन।

 हाल ही में जारी वार्षिक लोकतंत्र रिपोर्ट में भारत के प्रदर्शन पर टिप्पणी कीजिए।

स्रोत: द प्रिंट ;


सामान्य अध्ययन- III


 

विषय: भारतीय अर्थव्यवस्था तथा योजना, संसाधनों को जुटाने, प्रगति, विकास तथा रोज़गार से संबंधित विषय।

‘त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई’ तंत्र


(Prompt Corrective Action-PCA)

संदर्भ:

भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने चार साल बाद IDBI बैंक लिमिटेड को अपनी ‘त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई’  (Prompt Corrective Action-PCA) सूची से बाहर निकाल दिया है। रिजर्व बैंक का कहना है कि राज्य द्वारा संचालित ऋणदाता ‘आईडीबीआई बैंक’ द्वारा उनके किसी भी पैरामीटर का उल्लंघन नहीं किया गया है।

पृष्ठभूमि:

आईडीबीआई बैंक को वर्ष 2017 में अपने काफी राशि के ख़राब ऋणों और परिसंपत्तियों पर नकारात्मक लाभ के कारण तथाकथित ‘त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई’ (Prompt Corrective Action-PCA) तंत्र के अंतर्गत रखा गया था। उस समय भारतीय ऋणदाता ख़राब परिसंपत्तियों के के रिकॉर्ड स्तर से जूझ रहे थे, इन स्थितियों ने आरबीआई को इस प्रकार का कदम उठाने के लिए उत्प्रेरित किया था।

  • अब, बैंक ने न्यूनतम नियामक पूंजी, सकल गैर-निष्पादित आस्तियों (NPA) तथा जारी आधार पर लाभ-अनुपात संबंधी मानकों का अनुपालन करने संबंधी एक लिखित में प्रतिबद्धता व्यक्त की है।
  • इसके साथ ही, बैंक ने इन प्रतिबद्धताओं को पूरा करने में मदद करने हेतु लागू किये गए संरचनात्मक और प्रणालीगत सुधारों से आरबीआई को अवगत कराने के लिए भी कहा है।

‘त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई’ (PCA) क्या है?

  • ‘त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई’ वह तंत्र होता है, जिसके अंतर्गत आरबीआई कमजोर वित्तीय मैट्रिक्स वाले बैंकों को अपनी निगरानी में रखता है।
  • आरबीआई द्वारा वर्ष ‘त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई’ तंत्र की शुरुआत वर्ष 2002 में, खराब परिसंपत्ति गुणवत्ता, अथवा लाभ प्रदान करने की क्षमता में कमी होने के कारण ‘पूंजी में कमी’ (undercapitalised) हो गए बैंकों के लिए एक संरचित प्रारंभिक हस्तक्षेप तंत्र (structured early-intervention mechanism) के रूप में की गयी थी।
  • इसका उद्देश्य भारतीय बैंकिंग क्षेत्र में गैर-निष्पादित आस्तियों (NPAs) की समस्या पर नियंत्रण करना है।
  • वर्ष 2017 में, भारत में वित्तीय संस्थानों के लिए संकल्प प्रशासन पर वित्तीय स्थिरता और विकास परिषद के कार्यकारी समूह तथा वित्तीय क्षेत्र विधायी सुधार आयोग की सिफारिशों के आधार पर इस तंत्र की समीक्षा की गई थी।

त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई’ तंत्र कब लागू किया जाता है?

कुछ निश्चित जोखिम सीमाओं का उल्लंघन होने पर ‘त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई’ तंत्र लागू किया जाता है। परिसंपत्ति की गुणवत्ता, लाभप्रदता और पूंजी तथा इसी तरह के कुछ निश्चित स्तरों के आधार पर तीन जोखिम सीमाएं निर्धारित की गयी हैं।

प्रतिबंधों के प्रकार:

‘त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई’ के तहत दो प्रकार के प्रतिबंध होते हैं: अनिवार्य और विवेकाधीन।

लाभांश, शाखा विस्तार, निदेशकों के मुआवजे पर प्रतिबंध अनिवार्य श्रेणी में आते हैं, जबकि विवेकाधीन प्रतिबंधों में ऋण और जमाओं पर प्रतिबंध शामिल हो सकते हैं।

त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई’ लागू होने पर बैंक क्या करेगा?

  • ‘त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई’ लागू होने पर, बैंकों को अपनी शुल्क-आधारित आय में वृद्धि करने हेतु महंगी जमाओं को नवीनीकृत करने अथवा उनका उपयोग करने की अनुमति नहीं होती है।
  • बैंकों के लिए अपने गैर-निष्पादित आस्तियों (NPAs) भंडार को कम करने तथा नए NPA निर्माण को रोकने के लिए विशेष अभियान शुरू करना होगा।
  • बैंकों के लिए नए व्यापार क्षेत्रों में प्रवेश करने की भी अनुमति नहीं होगी। आरबीआई अंतर-बैंक बाजार से ऋण लेने के लिए भी बैंक पर प्रतिबंध भी लगाएगा।


  1. PCA के बारे में
  2. विशेषताएं
  3. मानक


‘त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई’ तंत्र के महत्व पर चर्चा कीजिए।

स्रोत: ET

 

विषय: भारतीय अर्थव्यवस्था तथा योजना, संसाधनों को जुटाने, प्रगति, विकास तथा रोज़गार से संबंधित विषय।

उत्पादन संबद्ध प्रोत्साहन योजना: 33 सक्रिय औषधीय सामग्री’ आवेदनों को मंजूरी

Depositphotos [CPS] WW

संदर्भ:

सरकार द्वारा ‘उत्पादन संबद्ध प्रोत्साहन योजना’ (production linked incentive scheme: PLI Scheme) के तहत 5,082.65 करोड़ रुपये के प्रतिबद्ध निवेश के लिए 33 ‘सक्रिय दवा सामग्री’ (active pharmaceutical ingredients- API) आवेदनों को मंजूरी दी गई है।

API क्या होता है?

प्रत्येक औषधि दो मुख्य अवयवों से बनती है – रासायनिक रूप से सक्रिय API तथा रासायनिक रूप से निष्क्रिय, एक्ससिपिएंट्स (Excipients)। एक्ससिपिएंट्स, ऐसा तत्व होता है जो किसी व्यक्ति के शरीर में API को प्रभावी बनाता है।

  • API, वे रासायनिक यौगिक होते है जो किसी दवा के उत्पादन करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण कच्चा माल होते है।
  • औषधियों में, API किसी बीमारी को ठीक करने के लिए इच्छित प्रभाव पैदा करते है। उदाहरण के लिए, पैरासिटामोल, क्रोसिन के लिए API है और यह API पैरासिटामोल, शरीर में दर्द और बुखार से राहत देता है।
  • फिक्स्ड-डोज़ कॉम्बिनेशन दवाओं में कई API का उपयोग किया जाता है, जबकि क्रोसिन जैसी सिंगल-डोज़ दवा सिर्फ एक API का उपयोग करती हैं।

API, किस प्रकार निर्मित होते हैं?

  • API मात्र कच्चे माल की एक अभिक्रिया द्वारा उत्पादित नहीं किये जाते है, बल्कि कई रासायनिक यौगिकों के माध्यम से API का निर्माण होता है। वे रासायनिक यौगिक, जो कच्चे माल से API बनने की प्रक्रिया में होते है, उन्हें मध्यवर्ती (intermediate) कहा जाता है।
  • कुछ APIs ऐसे होते हैं जो कच्चे माल से API बनने की प्रक्रिया में दस से अधिक प्रकार के मध्यवर्ती योगिकों से होकर गुजरते हैं। निर्माण की इस लंबी प्रक्रिया को उच्च स्तर की शुद्धता की प्राप्ति तक जारी रखा जाता है।

भारत, API मार्केट में चीन से किस प्रकार पिछड़ गया?

90 के दशक की शुरुआत में, भारत API उत्पादन में आत्मनिर्भर था।

  • हालांकि, API निर्माता के रूप में चीन के उदय के साथ, इसने भारतीय बाजार पर सस्ते उत्पादों के माध्यम से कब्जा कर लिया।
  • चीन ने कम लागत वाला API उत्पादन उद्योग स्थापित कर लिया। इस उद्योग को कम-लागत पूंजी, सरकार द्वारा भारी मात्रा में वित्तीय सहायता तथा कर प्रोत्साहन आदि का लाभ मिला।
  • चीन में उद्योग परिचालन की लागत भारत की लागत की एक-चौथाई है। यहां तक कि चीन में वित्तीय लागत 6-7 प्रतिशत है, जबकि भारत में वित्तीय लागत 13-14 प्रतिशत होती है।
  • अतः, अधिक लागत तथा कम मुनाफे वाले उद्योग के कारण भारतीय फार्मा कंपनियों ने कुछ वर्षों से API का उत्पादन बंद कर दिया।
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प्रीलिम्स लिंक:

  1. API क्या है?
  2. मध्यवर्ती क्या है?
  3. फिक्स्ड-डोज़ दवाओं बनाम सिंगल-डोज़ दवा संयोजनों में API
  4. भारत तथा चीन में API उत्पादन की तुलना
  5. औषधियों में एक्ससिपिएंट्स क्या होते हैं?

स्रोत: द हिंदू

 

विषय: विकास और फैलते उग्रवाद के बीच संबंध।

गलत अभियोजन के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में याचिका


(Plea in SC against wrongful prosecution)

संदर्भ:

हाल ही में, पुलिस अथवा अधिकारियों द्वारा गलत तरीके से अभियोजन के पीड़ितों को मुआवजा देने हेतु सरकार के लिए दिशा-निर्देश तैयार करने की मांग करते हुए सर्वोच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की गई है।

आवश्यकता:

  • लगभग 5 बिलियन की आबादी वाले भारत में पुलिस तथा अभियोजन प्रक्रिया में कमियों के कारण गलत अभियोजन के लिए कोई प्रभावी वैधानिक / कानूनी तंत्र नहीं है, जिसके परिणामस्वरूप व्यापक स्तर पर झूठे मामले सामने आते हैं।
  • इससे न केवल राष्ट्र का सामाजिक ताना-बना नष्ट होता है, बल्कि 40 मिलियन से अधिक विचाराधीन मामलों के अत्यधिक बोझ से दबी हुई न्यायपालिका भी प्रभावित होती है।

उपाय:

  • सरकार के लिए वर्ष 2018 में भारत के विधि आयोग द्वारा अपनी 277 वीं रिपोर्ट में ‘अदालत की ग़लती’ (miscarriage of justice) विषय पर, की गई सिफारिशों को लागू करना चाहिए।
  • आयोग ने नवंबर 2017 में बबलू चौहान मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश के आधार पर “अभियोजन पक्ष और गलत तरीके से पीड़ितों को राहत और पुनर्वास के मुद्दे की व्यापक जांच” हेतु रिपोर्ट तैयार की थी।

पृष्ठभूमि:

भारत की जेलों में बंद कुल कैदियों में लगभग 70 प्रतिशत अभियोगाधीन (Undertrials) कैदी हैं। उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, मध्य प्रदेश और दिल्ली सहित राज्यों द्वारा अपनी जेलों में कोविड-19 के मामले दर्ज किए गए हैं। कथित तौर पर यह महामारी कई जेलों में फ़ैल गई, फिर भी कई बीमार या बुजुर्ग अपराधियों को उनके अपराध की गंभीरता के कारण जमानत नहीं दी गयी है।

स्रोत: द हिंदू

 


प्रारम्भिक परीक्षा हेतु तथ्य


बौद्धिक विकलांगता: परिभाषा

दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम, 2016 की अनुसूची में “बौद्धिक विकलांगता” (Intellectual Disability) को एक स्थिति के रूप में वर्गीकृत किया गया है, जिसके तहत व्यक्ति, बौद्धिक कामकाज (तार्किक, सीखने की क्षमता, समस्या हल करने) और अनुकूली व्यवहार (adaptive behaviour), दोनों में महत्वपूर्ण तरीके से अक्षम होता है।

अनुकूली व्यवहार के तहत दैनिक क्रियाओं, सामाजिक और व्यावहारिक कुशलता, ‘सीखने की निर्दिष्ट अक्षमता’ तथा ऑटिज़्म स्पेक्ट्रम विकार (Autism Spectrum Disorder-ASD) को शामिल किया गया है। 

लिंगराज मंदिर

  • यह मंदिर भगवान् शिव को समर्पित है।
  • सोम वंश के राजा यायति केशरी द्वारा इसका निर्माण कराया गया था।
  • लाल पत्थर से निर्मित यह मंदिर कलिंग शैली की वास्तुकला का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।
  • मंदिर के उत्तर में स्थित बिन्दुसागर झील है।
  • मंदिर में विष्णु की प्रतिमाएँ भी स्थापित हैं, जिन्हें संभवत: 12 वीं शताब्दी के दौरान पुरी में जगन्नाथ मंदिर का निर्माण करने वाले गंग शासकों द्वारा प्रचलित जगन्नाथ संप्रदाय की प्रमुखता के कारण स्थापित किया गया है। 

 

सोशल मीडिया बोल्ड है।

 सोशल मीडिया युवा है।

 सोशल मीडिया पर उठे सवाल सोशल मीडिया एक जवाब से संतुष्ट नहीं है।

 सोशल मीडिया में दिखती है ,

बड़ी तस्वीर सोशल मीडिया हर विवरण में रुचि रखता है।

 सोशल मीडिया उत्सुक है।

 सोशल मीडिया स्वतंत्र है। 

 सोशल मीडिया अपूरणीय है। 

लेकिन कभी अप्रासंगिक नहीं। सोशल मीडिया आप हैं।

 (समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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