KANISHKBIOSCIENCE E -LEARNING PLATFORM - आपको इस मुद्दे से परे सोचने में मदद करता है, लेकिन UPSC प्रीलिम्स और मेन्स परीक्षा के दृष्टिकोण से मुद्दे के लिए प्रासंगिक है। इस 'संकेत' प्रारूप में दिए गए ये लिंकेज आपके दिमाग में संभावित सवालों को उठाने में मदद करते हैं जो प्रत्येक वर्तमान घटना से उत्पन्न हो सकते हैं (या एक परीक्षक की कल्पना कर सकते हैं) kbs हर मुद्दे को उनकी स्थिर या सैद्धांतिक पृष्ठभूमि से जोड़ता है। यह आपको किसी विषय का समग्र रूप से अध्ययन करने में मदद करता है और हर मौजूदा घटना में नए आयाम जोड़कर आपको विश्लेषणात्मक रूप से सोचने में मदद करता है।
गगनयान हेतु दो फ्लाइट सर्जनों का रूस में प्रशिक्षण
संदर्भ:
रूस द्वारा गगनयान मिशन के लिए भारत के दो फ्लाइट सर्जनों को एयरोस्पेस चिकित्सा में प्रशिक्षित किया जाएगा।
फ्लाइट सर्जन:
1 फ्लाइट सर्जन भारतीय वायुसेना के डॉक्टर हैं और उन्हें एयरोस्पेस मेडिसिन में विशेषज्ञता हासिल है।
2 फ्लाइट सर्जन, उड़ान के दौरान और इसके बाद में अंतरिक्षयात्रियों की सेहत के लिए जिम्मेदार होते हैं।
भारतीय समानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम
(Indian Human Space Flight Programme)
इसरो का लक्ष्य, भारत की स्वतंत्रता की 75 वीं वर्षगांठ से पहले, वर्ष 2022 में अपने पहले मानव सहित अंतरिक्ष मिशन, गगनयान को लॉन्च करना है।
मिशन के उद्देश्य:
1 देश में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के स्तर में वृद्धि
2 एक राष्ट्रीय परियोजना, जिसमें कई संस्थान, शिक्षा और उद्योग शामिल होंगे
3 औद्योगिक विकास में सुधार
4 युवाओं के लिए प्रेरणा
5 सामाजिक हितों के लिए प्रौद्योगिकी का विकास
6 अंतर्राष्ट्रीय सहयोग में सुधार
भारत के लिए मानव-सहित अंतरिक्ष मिशन की प्रासंगिकता:
उद्योगों को प्रोत्साहन: अत्यधिक मांग वाले अंतरिक्ष अभियानों में भागीदारी के माध्यम से भारतीय उद्योग को बड़े अवसर प्राप्त होंगे। गगनयान मिशन में प्रयुक्त लगभग 60% उपकरणों को भारतीय निजी क्षेत्र द्वारा निर्मित किया जाएगा।
रोजगार: इसरो प्रमुख के अनुसार, गगनयान मिशन 15,000 नए रोजगार के अवसर सृजित करेगा, उनमें से 13,000 रोजगार निजी उद्योग में होंगे। इसके अलावा, अंतरिक्ष संगठन के लिए 900 व्यक्तियों की अतिरिक्त श्रमशक्ति की आवश्यकता होगी।
प्रौद्योगिकी विकास: मानव सहित अंतरिक्ष उड़ानें, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सबसे आगे हैं। मानव-सहित अंतरिक्ष उड़ानों से मिलने वाली चुनौतियां और इन मिशनों को स्वीकार करने से भारत को काफी लाभ होगा और भारत में तकनीकी विकास के लिए प्रोत्साहन मिलेगा।
अनुसंधान और विकास में प्रोत्साहन: इससे, अच्छे अनुसंधान और प्रौद्योगिकी विकास को बढ़ावा मिलेगा। उचित उपकरणों सहित बड़ी संख्या में शोधकर्ताओं के शामिल होने से मानव सहित अंतरिक्ष उड़ानों (Human Space flights- HSF) से खगोल-जीव विज्ञान, संसाधन खनन, ग्रह रसायन विज्ञान, ग्रह कक्षीय अभिकलन और कई अन्य क्षेत्रों में महत्वपूर्ण अनुसंधानों का विस्तार होगा।
प्रेरणा: मानव-सहित अंतरिक्ष उड़ान, राष्ट्रीय स्तर पर सामान्य लोगों के साथ-साथ युवाओं को प्रेरणा प्रदान करेगी। यह, युवा पीढ़ी को उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल करने के लिए प्रेरित करेगी और उन्हें भविष्य के कार्यक्रमों में चुनौतीपूर्व भूमिका निभाने में सक्षम करेगी।
प्रतिष्ठा: भारत, मानव-सहित अंतरिक्ष मिशन शुरू करने वाला चौथा देश होगा। गगनयान न केवल देश में प्रतिष्ठा लाएगा, बल्कि अंतरिक्ष उद्योग में एक प्रमुख भागीदार के रूप में भारत की भूमिका भी स्थापित करेगा।
स्रोत: द हिंदू
विषय: आंतरिक सुरक्षा के लिये चुनौती उत्पन्न करने वाले शासन विरोधी तत्त्वों की भूमिका।
विधिविरूद्ध क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम (UAPA)
(Unlawful Activities (Prevention) Act)
संदर्भ:
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता वहीद पारा पर विधिविरूद्ध क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम (Unlawful Activities (Prevention) Act– UAPA) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
विधिविरूद्ध क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम के बारे में:
- 1967 में पारित, विधिविरूद्ध क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम [Unlawful Activities (Prevention) Act-UAPA] का उद्देश्य भारत में गैरकानूनी गतिविधि समूहों की प्रभावी रोकथाम करना है।
- यह अधिनियम केंद्र सरकार को पूर्ण शक्ति प्रदान करता है, जिसके द्वारा यदि केंद्र किसी गतिविधि को गैरकानूनी घोषित कर सकता है।
- इसके अंतर्गत अधिकतम दंड के रूप में मृत्युदंड तथा आजीवन कारावास का प्रावधान किया गया है।
प्रमुख बिंदु:
UAPA के तहत, भारतीय और विदेशी दोनों नागरिकों को आरोपित किया जा सकता है।
- यह अधिनियम भारतीय और विदेशी अपराधियों पर सामान रूप से लागू होता है, भले ही अपराध भारत के बाहर विदेशी भूमि पर किया गया हो।
- UAPA के तहत, जांच एजेंसी गिरफ्तारी के बाद अधिकतम 180 दिनों में चार्जशीट दाखिल कर सकती है और अदालत को सूचित करने के बाद इस अवधि को और आगे बढ़ाया जा सकता है।
2019 के संशोधनों के अनुसार:
- यह अधिनियम राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) के महानिदेशक को एजेंसी द्वारा मामले की जांच के दौरान आतंकवाद से होने वाली आय से बनी संपत्ति पाए जाने पर उसे ज़ब्त करने का अधिकार देता है।
- यह अधिनियम राज्य में डीएसपी अथवा एसीपी या उससे ऊपर के रैंक के
अधिकारी के अतिरिक्त आतंकवाद के मामलों की जांच करने हेतु NIA के
इंस्पेक्टर रैंक या उससे ऊपर के रैंक के अधिकारियों को जांच का अधिकार देता
है।
प्रीलिम्स लिंक:
- विधिविरूद्ध क्रियाकलाप की परिभाषा।
- अधिनियम के तहत केंद्र की शक्तियां।
- क्या ऐसे मामलों में न्यायिक समीक्षा लागू है?
- 2004 और 2019 में संशोधन द्वारा बदलाव लाया गया।
- क्या विदेशी नागरिकों को अधिनियम के तहत आरोपित किया जा सकता है?
मेंस लिंक:
क्या आप सहमत हैं कि विधिविरूद्ध क्रियाकलाप (निवारण) संशोधन अधिनियम मौलिक अधिकारों के लिए हानिकारक साबित हो सकता है? क्या राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए स्वतंत्रता का बलिदान करना न्यायसंगत है? चर्चा कीजिए।
स्रोत: द हिंदू
प्रारम्भिक परीक्षा हेतु तथ्य
ज़ुकोऊ घाटी
(Dzukou Valley)
चर्चा का कारण:
मणिपुर और नागालैंड की सीमा पर स्थित प्रसिद्ध जुकोउ घाटी में भीषण आग दो सप्ताह तक भड़कने के बाद बझाई जा सकी है, जिससे पर्यावरण को काफी नुकसान हुआ।
ज़ुकोऊ घाटी के बारे में:
- यह नागालैंड और मणिपुर राज्यों की सीमाओं पर अवस्थित है।
- यह ‘ज़ुकोऊ लिली’ (Dzüko Lily) फूलों के लिए प्रसिद्ध है और यह फूल केवल इस घाटी में पाए जाते है।
- एशियाई राजमार्ग-1 (NH-1) और राजमार्ग-2 (NH-2) भी इसकी तलहटी से होकर गुजरते है। (समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)
अगर आपको यह कहानी पसंद आई तो इसे एक दोस्त के साथ साझा करें! हम एक गैर-लाभकारी संगठन हैं। हमारी पत्रकारिता को सरकार और कॉरपोरेट दबाव से मुक्त रखने के लिए आर्थिक मदद करें।
0 Comments