नगर निगम ने मंगलवार को पाँच समितियों के सफाई श्रमिकों का भौतिक सत्यापन कराया और इसमें कई खामियाँ निकलकर सामने आईं। मामला थाने तक पहुँच गया, जहाँ लोगों ने यह शिकायत दर्ज कराई कि वे तो मजूदरी का काम करते थे और उन्हें यही बोलकर लाया गया कि 5 सौ रुपए देंगे चलो। इसका सीधा सा मतलब है कि इन समितियों के पास सफाई कर्मचारी नहीं हैं और वे भाड़े के लोगों को लाकर वर्क ऑर्डर हथियाना चाह रहे हैं।
इससे शहर की सफाई व्यवस्था पर और भी चौपट होने का खतरा मंडरा रहा है। यह अलग बात है कि निगम अधिकारी ऐसा नहीं मानते वे इंतजार कर रहे हैं कि जब सफाई कर्मी वार्डों में आएँगे तब उनकी पहचान होगी, क्योंकि अब बायोमैट्रिक्स प्रणाली से रोजाना उपस्थिति दर्ज होगी और मोबाइल एप से उनकी लोकेशन पर लगातार नजर भी रखी जाएगी।
निगम के ठेके के करीब 41 वार्डों के लिए 5 समितियों को ठेका दिया गया है। इन समितियों ने मंगलवार को भौतिक सत्यापन का कार्य कराया। इस दौरान वैसे तो लगभग सभी स्थानों पर जमकर हंगामा हुआ क्योंकि अधिकांश स्थलों पर मूल सफाई कर्मियों की संख्या कम थी और मजदूरों, किसानों और भाड़े पर बुलाए गए युवा ही नजर आए।
अधारताल में माँ नर्मदा साईं सेवा समिति पर गंभीर आरोप लगाए गए। कुछ मजदूर थाने पहुँचे और यह बताया कि उन्हें 500 रुपए देने का बोलकर यहाँ लाया गया और जब सत्यापन का कार्य हो गया तो ठेकेदार गायब हो गया। एक युवक का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें वह किसी रमेश कुरैती का नाम लेकर कह रहा है कि उसने उन्हें मंडी से यहाँ लाया और काम होने के बाद वह गायब हो गया।
इन समितियों को मिला है टेंडर
बताया जाता है कि निगम ने जो टेंडर जारी किया था उसके आधार पर बर्फानी सिक्योरिटी सर्विस, अल्ट्रा क्लीन एंड केयर सर्विसेस, मेसर्स आर. प्रियांशी कम्पनी, माँ नर्मदा सफाई संरक्षक एण्ड लेबर कॉन्ट्रेक्टर को-ऑपरेटिव सोसायटी तथा माँ नर्मदा साईं सेवा समिति पाटन को ठेका मिला है।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/35hnTeQ January 07, 2021 at 05:03AM https://ift.tt/1PKwoAf
0 Comments