हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के राजस्व विभाग और जबलपुर कलेक्टर को नोटिस जारी कर पूछा है कि दिवंगत कोरोना योद्धा की पत्नी को मुख्यमंत्री कोविड-19 योद्धा कल्याण योजना के तहत 50 लाख रुपए क्यों नहीं दिए जा रहे हैं। जस्टिस नंदिता दुबे की एकल पीठ ने अनावेदकों से तीन सप्ताह में जवाब-तलब किया है।
बादशाह हलवाई मंदिर पोलीपाथर निवासी अंजू मूर्ति उपाध्याय की ओर से दायर याचिका में कहा गया कि उनके पति स्व. राजीव उपाध्याय जबलपुर कलेक्ट्रेट की प्रोटोकाल शाखा में असिस्टेंट ग्रेड-3 के पद पर कार्यरत थे। कोरोना महामारी के दौरान उनकी ड्यूटी मरीजों को अस्पताल पहुँचाने और प्रवासी मजूदरों को बस से उनके घर तक पहुँचाने के लिए लगाई थी।
कोरोना योद्धा के रूप में उनके पति पूरी लगन और मेहनत से अपनी सेवाएँ दे रहे थे। उनके पति कई-कई दिनों तक घर नहीं आते थे। लगातार काम के तनाव के कारण उन्हें 8 जून 2020 को ड्यूटी के दौरान हार्ट अटैक आया। इलाज के दौरान 10 जून 2020 को उनकी मौत हो गई।
अधिवक्ता संजय वर्मा और मीना वर्मा ने तर्क दिया कि जबलपुर के तत्कालीन कलेक्टर भरत यादव ने मुख्यमंत्री कोविड-19 योद्धा कल्याण योजना के तहत दिवंगत कोरोना योद्धा की पत्नी को 50 लाख रुपए दिए जाने का प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा। राज्य सरकार के राजस्व विभाग ने इस आधार पर प्रस्ताव को निरस्त कर दिया कि दिवंगत कर्मी की मृत्यु कोरोना की वजह से नहीं हुई है।
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