कोविंड-19 के कारण स्कूलों में पढ़ाई से लेकर खेलकूद व अन्य गतिविधियों पर रोक लगी हुई है। विद्यार्थी केवल अपने घरों में ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे हैं। वहीं खेल गतिविधियां पूरी तरह से बंद है। ऐसे में विद्यार्थियों का शारीरिक विकास में वृद्धि नहीं हो रही है। इससे विद्यार्थी निराश भी है। इसी कारण खिलाड़ियों को सरकारी व निजी स्कूलों से संभाग, राज्य व राष्ट्रीय स्तर तक खेलने वाले विद्यार्थियों को इस साल वार्षिक परीक्षा में बोनस अंक नहीं मिलेंगे। बोर्ड परीक्षा की अंकसूची में स्टार के रूप में राज्य स्तर पर 10 तो राष्ट्रीय स्तर पर चयनित विद्यार्थियों की 20 अंक मिलते हैं। ये अंक विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा व खेल कोटे से सरकारी नौकरी पाने में सहायक होते हैं।
शिक्षा विभाग ने अनुसार पिछले साल खेलकूद गतिविधियों में 71 से अधिक विद्यार्थी ने राज्य स्तर व करीब 9 विद्यार्थी राष्ट्रीय स्तर की शालेय स्पर्धाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए पहुंचे थे। इसमें से अव्वल 9 विद्यार्थियों ने राज्य स्तर व 4 विद्यार्थियों ने राष्ट्रीय स्तर पर शानदार प्रदर्शन करके ब्लाॅक का नाम रोशन किया था। इस साल शालेय खेल गतिविधियां नहीं होने से विद्यार्थियों को यह अंक हासिल नहीं होंगे। शिक्षा विभाग के अनुसार ब्लाॅक के राज्य स्तर 71 व राष्ट्रीय स्तर पर 9 विद्यार्थी पहुंचे थे। इसमें से कक्षा 10वीं के 8 विद्यार्थी राज्य व 3 विद्यार्थी राष्ट्रीय व कक्षा 12वीं के 1 राज्य व 1 राष्ट्रीय स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन करके अपना नाम दर्ज किया था।
500 से अधिक विद्यार्थी गतिविधियों में लेते हैं भाग
ब्लाॅक के सरकारी व अशासकीय स्कूलों में हर साल क्रिकेट, कबड्डी, वालीबॉल, फुटबॉल, ताइक्वांडो, कुश्ती, ग्रीको रोमन कुश्ती, खो-खो, कैरम, शतरंज सहित करीब 15 खेल गतिविधियों के लिए खिलाड़ियों को स्कूलों में प्रशिक्षण दिया जाता है लेकिन इस साल कोविड 19 के चलते पिछले आठ महीने से सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों के नहीं आने से शालेय खेल गतिविधियां भी बंद है। खेल सामग्रियों का उपयोग ही नहीं हो पाया। इन गतिविधियों में ब्लाॅक के स्कूलों से 500 से अधिक विद्यार्थी शामिल होते हैं। इसमें चयनित विद्यार्थी विकासखंड, जिला, संभाग, राज्य व राष्ट्रीय स्तर तक प्रदर्शन करते हैं।
विद्यार्थी प्रैक्टिस कर डाल रहे हैं वीडियो
ब्लाॅक की एक मात्र शासकीय उत्कृष्ट उच्चरतर माध्यमिक स्कूल में भी कोरोना संक्रमण के चलते खेलकूद गतिविधियां आयोजित नहीं हो पा रही है। यहां स्टाफ तो आता है लेकिन विद्यार्थी शासन की गाइडलाइन के अनुसार सिर्फ पाठ्यक्रम से जुड़े संशय दूर करने के लिए पहुंचते हैं हालांकि विद्यार्थियों की फिटनेस के लिए यहां ऑनलाइन ग्रुप बनाकर विद्यार्थी प्रैक्टिस कर रहे हैं। खेल प्रशिक्षक केआर वर्मा ने बताया प्रत्येक विद्यार्थी अपना 5-5 मिनट का वीडियो बनाकर ग्रुप पर अपलोड करता है ताकि खेलकूद के लिए ये विद्यार्थी फिट बने रहे।
कोरोना के कारण खेल गतिविधियां नहीं हुई
यतींद्र जोशी ने बताया कोरोना संक्रमण के चलते इस साल कोई भी खेलकूद गतिविधियां नहीं हो पाई है। कक्षा 10वीं व 12वीं के छात्र अगर इन प्रतियोगिता में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर राष्ट्रीय व राज्य स्तर पर चयनित होते तो उन्हें बोनस अंक भी मिलते हैं लेकिन इस साल ऐसी कोई प्रतियोगिता नहीं हुई है। इसके लिए अब इन विद्यार्थियों को फायदा नहीं मिल सकेगा।
ये विद्यार्थी रहे थे अव्वल
शासकीय बालक उत्कृष्ट उमावि बड़वाह के खिलाड़ी राज्य स्तर पर कबड्डी में राहुल चावड़ा, लागोरी राहुल तावडे, पवन देंसला, क्रिकेट में सुनील डाबर व शासकीय कन्या उमावि की छात्रा अर्पिता पिता राजेश, सोनाली प्रेमलाल सहित ब्लाॅक की शासकीय व अशासकीय स्कूलों के विद्यार्थी अव्वल थे।
नहीं है कोई आदेश
^इस साल खेल गतिविधियों को लेकर हमें कोई आदेश प्राप्त नहीं हुए हैं। इसके लिए स्कूलों में खेल गतिविधियां नहीं हुई है। इन गतिविधियों से राज्य व राष्ट्रीय स्तर पर चयनित विद्यार्थी को सरकारी नौकरी के लिए बोनस अंक मिलते हैं।
सुदामा सोलंकी, बीईओ बड़वाह
खेलकूद से दूर होगा विद्यार्थियों का मानसिक तनाव
^लॉकडाउन के दौरान बच्चे व अन्य लोग घर में थे। इसके कारण उनमें डिप्रेशन व मानसिक तनाव की स्थिति बढ़ गई है। घूमना, दोस्तों से मिलना व खेलकूद जैसी गतिविधियां नहीं होने से बच्चों का मानसिक विकास रुक सा गया है। इसे दूर करने के लिए खेलकूद एक अच्छा माध्यम है। सोशल डिस्टेसिंग का पालन करते हुए बच्चे कुछ देर खेलकूद गतिविधियों में हिस्सा ले तो उनका मानसिक तनाव दूर हो सकता है। इससे आने वाली परीक्षाओं में अधिक सफलता भी मिलेगी।
डॉ. श्याम नीमा, मनोचिकित्सक
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