अनुबंध पर खेती के विवाद काे निपटाने के लिए जिले में सुलह बोर्ड का गठन नहीं हुआ है। पिपरिया में किसानों की शिकायत आने के बाद बोर्ड का गठन किया था। जबकि केंद्र सरकार के किसान सशक्तिकरण और संरक्षण अनुबंध मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा अधिनियम 2020 की धारा 14 (2) के तहत सुलह बोर्ड में ही किसानों काे शिकायत करना है।
इसके बाद मामला हल नहीं हाेने पर एसडीएम न्यायालय में किसान अनुबंध के खिलाफ शिकायत कर अपनी उपज का सही मूल्य प्राप्त कर सकेंगे। इसके लिए नर्मदापुर के कमिश्नर रजनीश श्रीवास्तव ने हाेशंगाबाद, हरदा अाैर बैतूल के कलेक्टरों काे सुलह बोर्ड का गठन जल्द करने के निर्देश दिए हैं।
श्रीवास्तव ने बताया कि यदि कोई एजेंसी/ संस्था, कृषकों से किए किसी करार से मुकरती है, तो उस दशा में किसान उपज व्यापार वाणिज्य संवर्धन और सरलीकरण अधिनियम 2020 के माध्यम से शिकायत सुलह बोर्ड में कर सकता है। इस सुलह बोर्ड में अध्यक्ष से लेकर चार सदस्य हाे सकते हैं।
इसमें तहसीलदार, कृषि विभाग के अनुविभागीय अधिकारी भी शामिल रहेंगे। किसानों से अनुबंध करने के बाद उनकी उपज अनुबंध की कीमत पर ना खरीदते हुए संबंधित कंपनी या अभिकर्ता द्वारा अनुबंध का उल्लंघन किया गया हो तो इस अधिनियम के अंतर्गत शिकायत कर समस्याओं का समाधान किया जा सकेगा।
सुलह बोर्ड के बाद मामला एसडीएम काेर्ट में 30 दिन और इसके बाद एडीएम और कलेक्टर काेर्ट में 30 दिन में हल करने के प्रावधान हैं। गौरतलब है कि अनुबंध पर खेती के विवाद काे निपटाने के लिए पिपरिया के किसानों की पहल पर सुलह बोर्ड का गठन होशंगाबाद जिले में सभी जगह किया जाना था।
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from Dainik Bhaskar https://ift.tt/381TBNW December 14, 2020 at 04:46AM https://ift.tt/1PKwoAf
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