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कांग्रेस से भाजपा में गए दत्तीगांव, बिसाहूलाल, तोमर शामिल; सरकारी विभागों के साथ-साथ टेक्सटाइल, रोड कंस्ट्रक्शन और सीमेंट उद्योगपतियों के भी नाम

कमलनाथ सरकार के समय पड़े आयकर छापों के दस्तावेजों में लेन-देन करने वाले बड़े चेहरों का खुलासा हुआ है। तीन आईपीएस अधिकारियों सुशोभन बैनर्जी, संजय माने, बी मधुकुमार के साथ पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, बिसाहूलाल सिंह, राज्यवर्धन सिंह दत्तीगांव, प्रद्युम्न सिंह तोमर, सज्जन सिंह वर्मा के साथ 50 से अधिक वर्तमान विधायकों व नेताओं के नाम हैं। आईपीएस अधिकारियों के नाम के आगे 25-25 लाख रुपए की राशि का जिक्र है।

नेताओं के साथ कांग्रेस से पैसों के ट्रेल में टेक्सटाइल, सीमेंट, रोड कंस्ट्रक्शन और विभागों का भी जिक्र है। इन्होंने करोड़ों रुपए दिए हैं। ‘भास्कर’ के पास आयकर विभाग के इनवेस्टिगेशन विंग के दस्तावेज मौजूद हैं, जिनमें चौंकाने वाले तथ्य हैं। इधर, आयकर विभाग की गवर्निंग संस्था केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीजीटी) की रिपोर्ट चुनाव आयोग ने जो मप्र सरकार को भेजी है, उसका अध्ययन शीर्ष स्तर पर शुरू हो गया है।

सूत्रों का कहना है कि राज्य सरकार जल्द ही केस ईओडब्ल्यू को सौंपेगी। इससे पहले विधि विभाग भी रिपोर्ट देख सकता है। इस बीच आयकर विभाग की इनवेस्टिगेशन विंग के दस्तावेज बताते हैं कि कांग्रेस के दिल्ली स्थिति दफ्तर भी पैसे भेजे जाने का जिक्र है। मप्र के नेताओं में वे भी शामिल हैं, जो मार्च 2020 में कांग्रेस को छोड़कर भाजपा में शामिल हो चुके हैं। हवाला कारोबारी ललित चालानी के लैपटॉप से भी चौंकाने वाली एंट्री मिली है। जिन लोगों के यहां आयकर विभाग की कार्रवाई हुई थी, इसमें कमलनाथ के करीबी प्रवीण कक्कड़, राजेंद्र मिगलानी और रिश्तेदार रतुल पुरी की कंपनी के साथ अश्विनी शर्मा, ललित चेलानी के साथ प्रतीक जोशी शामिल रहे।

इसमें चेलानी के यहां करीब दो करोड़ (1.9 करोड़) और प्रतीक के यहां साढ़े दस करोड़ (10.33 करोड़) रुपए सीज हुए। दिग्विजय सिंह को 90 दिए जाने का जिक्र है। आयकर विभाग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि दिग्विजय सिंह भोपाल से प्रत्याशी हैं और दी गई रकम चुनाव आयोग की खर्च सीमा से अधिक है। चेलानी के लैपटॉप की एंट्री में बताया गया कि कुल 287.05 करोड़ का कलेक्शन हुआ, जिसमें से 130.47 करोड़ रुपए खर्च हुए। इसमें यह भी लिखा था कि 156.98 करोड़ अभी भी उनके पास हैं।

दिग्विजय सिंह, सज्जन सिंह सहित 64 लोगों को देना होगा लेन-देन का हिसाब
जो कांग्रेस से भाजपा में चले गए...
बिसाहूलाल सिंह, प्रद्युम्न सिंह तोमर, राज्यवर्धन सिंह दत्तीगांव, एदल सिंह कंसाना, गिर्राज दंडोतिया, रणवीर जाटव, कमलेश जाटव, रक्षा संतराम सिरोनिया, प्रद्युम्न लोधी, राहुल लोधी, नारायण सिंह पटेल, सुमित्रा देवी कास्देकर, मनोज चौधरी, बसपा के रामबाई और संजीव सिंह कुशवाह (भाजपा के साथ) हैं।

कांग्रेस व अन्य के नाम... अजय सिंह, कंप्यूटर बाबा, शाद अहमदाबाद, योगेश राठौर, रणदीप सुरजेवाला, दिग्विजय सिंह, अभिषेक मिश्रा, फुंदेलाल मार्को, विजय राघवेंद्र सिंह, ओमकार सिंह मरकाम, नारायण पट्‌टा, योगेंद्र बाबा, डॉ. असोक मर्सकोले, अर्जुन काकोदिया, संजय उइके, ब्रह्मा भलावी, भूपेंद्र मरावी, सज्जन सिंह, बाबू जंडेल, बैजनाथ कुशवाहा, प्रवीण पाठक, घनश्याम सिंह, गोपाल सिंह चौहान, तनवर लोधी, नीरज दीक्षित, विक्रम सिंह नातीराजा, शिवदयाल बागरी, सिद्धार्थ कुशवाहा, संजय यादव, शशांक भार्गव, आरिफ मसूद, गोवर्धन सिंह दांगी, बापू सिंह तोमर, महेश परमार, राजेश कुमार (सपा), राणा विक्रम सिंह, देवेंद्र पटेल, रामलाल मालवीय, मुरली मोरवाल, झूमा सोलंकी, सचिन बिड़ला, रवि रमेशचंद्र जोशी, केदार चिड़ाभाई डावर, ग्यारसीलाल रावत, चंद्रभागा किराड़े, मुकेश रावत पटेल, कलावती भूरिया, वीरसिंह भूरिया, वाल सिंह मेढ़ा, प्रताप ग्रेवाल, पांचीलाल मेढ़ा, हर्ष विजय सिंह गेहलोत, आरकेएम, मीनाक्षी नटराजन, कमल मरावी, प्रमिला सिंह, मधु भगत, देवाशीष जरारिया, शशि कर्णावत, शैलेंद्र सिंह दीवान, कविता नातीराजा, मुकेश श्रीवास्तव, ब्रजेश पटेल, बिरला लोधा आदि।

अप्रेजल रिपोर्ट में पैसा प्राप्त करने वालों की पहली सूची।

लेन-देन का ये सारा हिसाब 2018 के विधानसभा चुनाव और 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान हुआ।

विवाद में कूदे नरोत्तम, कहा- सबका खुलासा होगा, कोई नहीं बचेगा
प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि अप्रेजल रिपोर्ट आ गई है। इसी के बाद तो छिंदवाड़ा में कमलनाथ ने कहा कि उन्हें संयास लेना है। दरअसल इसमें सबके नाम हैं, जिनका खुलासा होगा। दोषी कोई भी हो, नहीं बचेगा। अब कार्रवाई में कोई संशय नहीं है। सीबीडीटी की रिपोर्ट और चुनाव आयोग ने सब स्पष्ट कर दिया है। मप्र में कानून का राज है। जो नाम सामने आए हैं, ये तो मोहरे हैं, सरगना अभी बाकी है। दरअसल मप्र में ओवर ईटिंग हो गई थी। कुपोषण में बच्चों का पैसा खाया गया और दिल्ली राहुल को भेजा गया। सदी के सबसे भ्रष्टतम मुख्यमंत्री रहे कमलनाथ और उनकी सरकार।



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आयकर विभाग की रिपोर्ट में राज्य सरकार के मंत्री बिसाहूलाल सिंह के नाम से पैसे प्राप्त करने का स्क्रीनशाट भी लगाया गया है। विभाग इसे कालेधन का हिस्सा मान रहा है।


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