शुक्रवार से 10वीं और 12वीं की कक्षाएं लगना शुरू हो गई पर हर स्कूल में कोरोना गाइड लाइन का पालन नहीं हो पाया। हालात ये थे कि कई स्कूलों में एक टेबल पर दो-दो छात्र-छात्राओं को बैठाया गया तो वहीं कई जगह बिना मास्क के भी बच्चे बैठे थे। हालांकि स्कूल खुलने के पहले दिन बच्चों की उपस्थिति भी बेहद कम दिखाई दी। पहले दिन 10 से 40 फीसदी तक ही बच्चे स्कूल आए जबकि कई स्कूल ऐसे भी थे जहां एक भी बच्चा नहीं पहुंचा। जिलेभर में कक्षा 10वीं और 12वीं की कक्षाएं शुक्रवार से लगना शुरू हो गईं। पहले दिन बहुत ही कम बच्चे स्कूल आए। अधिकांश बच्चे व अभिभावक स्कूलों में यह पूछने आए कि कितने बजे क्लास लगेगी तो कई ने सहमति पत्र भरकर दिए। सीहोर में बच्चों की उपस्थिति 40 प्रतिशत तक रही। गांवों के स्कूलों में 20 प्रतिशत बच्चे पहुंचे।
एक बेंच पर दो-दो छात्राएं
स्थान: शासकीय हासे स्कूल श्यामपुर, समय दोपहर 12.30 बजे
स्कूल में कक्षाएं तो लगीं लेकिन सोशल डिस्टेंस का ध्यान नहीं रखा गया। यहां पर एक टेबल पर दो-दो छात्राएं भी बैठी हुई थीं। हालांकि स्कूल में सैनिटाइजर आदि की व्यवस्था की गई थी। सभी विद्यार्थियों को मास्क के साथ ही प्रवेश दिया गया लेकिन सोशल डिस्टेंस का ख्याल नहीं रखा गया।
कैमरा दिखा तो बच्चे लगाने लगे मास्क
स्थान: हाई स्कूल बैरागढ़ खुमान, समय दोपहर 1.30 बजे
बहुत कम बच्चे स्कूल आए थे। जो बच्चे स्कूल आए भी उन्हें क्लास रूम में व्यवस्थित तरीके से बैठाया नहीं गया था। यहां खास बात यह थी कि एक तो सोशल डिस्टेंस का पालन बिल्कुल नहीं हो पा रहा था और साथ में कई बच्चे बिना मास्क लगाए क्लास रूम में बैठे थे। जैसे ही कैमरे को देखा तो बच्चे मास्क लगाते नजर आए।
गाइड लाइन का पालन कराने वाले बोले...
नहीं माने तो सख्ती होगी
^सभी को निर्देशित किया गया है कि वे नियमों का कड़ाई से पालन कराएं। सोशल डिस्टेंसिंग के अलावा बच्चों को मास्क लगाकर ही क्लास रूम में बैठना होगा।
-आरके बांगरे, बीईओ सीहोर
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