STOCK MARKET UPDATE

Ticker

6/recent/ticker-posts

प्लास्टिक की बोतल दान करें नागरिक, रिसाइकिल कर निगम बनवाएगा कलाकृति, सौंदर्यीकरण में होगा उपयोग

बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, होटल्स, ट्रेन, सरकारी या निजी संस्थान सहित ऐसे विभिन्न स्थान हैं, जहां डिस्पोजल प्लास्टिक की बोतलें नजर आना आम बात है। यात्रा के दौरान भी हम बोतल बंद पानी को ही तरजीह देते हैं, लेकिन उपयोग के बाद खाली बोतलों को हम सड़क किनारे या डस्टबिन में फेंक देते हैं। अब आप इन बोतलों को फेंकने की बजाए इन्हें जमा कर नगर निगम के एक बड़े अभियान के भागीदार बनने का गौरव हासिल कर सकते हैं।

उज्जैन नगर निगम ने सिंगल यूज प्लास्टिक से पर्यावरण और ड्रेनेज सिस्टम को पहुंच रहे नुकसान में कमी लाने के लिए डिस्पोजल प्लास्टिक की बोतलों का उपयोग बगीचों के सौंदर्यीकरण में करने का निर्णय लिया है। इसके लिए नगर निगम 24 से 26 दिसंबर तक एक व्यापक अभियान चलाएगा, जिसमें शहर का हर नागरिक प्लास्टिक की बोतल दान कर भागीदारी कर सकता है।

निगमायुक्त क्षितिज सिंघल ने नागरिकों से अनुरोध किया है कि 24 से 26 दिसंबर तक निगमकर्मी घर-घर पहुंचकर प्लास्टिक बोतलें जमा करेंगे। नागरिक घर में जमा ऐसी बोतलें दान कर सकते हैं जिनका उपयोग वे नहीं कर रहे हैं। इन प्लास्टिक बोतलों का इको ब्रिक के रूप में प्रयोग करते हुए निगम विभिन्न कलाकृतियां, संरचनाएं बनवाएगा। इस अभियान से शहर को प्लास्टिक मुक्त बनाने में मदद तो मिलेगी ही, पर्यावरण को बेहतर बनाने की दिशा में हर नागरिक की भागीदारी भी सुनिश्चित होगी। नागरिक ग्रांड होटल स्थित कार्यालय में भी प्लास्टिक बोतलें दान कर सकते हैं।

कचरे में न फेंकें, इकट्‌ठा कर रखें, टीम ले जाएगी
निगमायुक्त के अनुसार फिलहाल कचरा संग्रहण में मिलने वाली बोतलें टूटी-फूटी होती हैं, इससे इसका पुन: उपयोग नहीं हो पाता। नागरिक अथवा गैर सरकारी अथवा सरकारी संस्थान जहां भी प्लास्टिक की बोतलों का ज्यादा उपयोग होता है, वहां इन बोतलों को स्टोर करके रखें। निगम की टीम उनके पास पहुंचकर इन बोतलों को ले जाएगी।

कैफेटेरिया अथवा मॉडल बनाने में भी करेंगे उपयोग
प्लास्टिक की बोतलों से कलाकृतियों के साथ ही निगम ऐसी संरचनाएं भी निर्मित कराएगा जो देखने में तो आकर्षक होगा ही वेस्ट से बेस्ट की मिसाल भी बनेगा। निगम की कोशिश रहेगी कि बोतलों से सार्वजनिक पार्क अथवा बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन या फिर सरकारी, गैर सरकारी संस्थान के समीप कुछ ऐसी संरचनाएं बनाई जाए जिनका उपयोग भी जनता करें। कैफेटेरिया अथवा बोतलों से बतौर मॉडल बिल्डिंग भी बनाएंगे जो काफी आकर्षक होंगे। गौरतलब है कि प्रतिदिन शहर में लगभग 35 टन कचरा निकलता है। इसमें 20 प्रतिशत कचरा सिंगल यूज प्लास्टिक वेस्ट का निकलता हैै।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
प्रतीकात्मक फोटो


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3mCS9GP December 22, 2020 at 05:03AM https://ift.tt/1PKwoAf

Post a Comment

0 Comments

Custom Real-Time Chart Widget

'; (function() { var dsq = document.createElement('script'); dsq.type = 'text/javascript'; dsq.async = true; dsq.src = '//' + disqus_shortname + '.disqus.com/embed.js'; (document.getElementsByTagName('head')[0] || document.getElementsByTagName('body')[0]).appendChild(dsq); })();

market stocks NSC