मेरे पिता का कोविड टेस्ट नहीं हुआ फिर भी पॉजिटिव बताकर शव नहीं दिया। आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज अस्पताल ने शव वाहन बुलाकर उनका मोतीनगर स्थित श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार करवा दिया। वे पॉजिटिव नहीं पाए गए तो उनका अंतिम संस्कार कोरोना प्रोटोकाल के तहत कैसे करवा दिया गया? हेल्थ बुलेटिन में तब से पॉजिटिव की मौत का आंकड़ा भी नहीं बढ़ा है।
यह आरोप मंगलवार को पुत्र शिवलाल खांडपा निवासी बापूनगर ने मेडिकल कॉलेज पर लगाए हैं। उन्होंने बताया कि 15 दिसंबर को मेरे पिता भेरूलाल को यूरीन की समस्या होने पर लेकर मेडिकल कॉलेज ले गया था। वहां सीटी स्कैन व एक्स-रे के नाम पर राशि जमा करवाई। मेरी बहन से 1020 रुपए कोविड टेस्ट के भी जमा करवाए गए। इसकी रसीद भी नहीं दी गई। कोविड टेस्ट होने से पहले ही पिता की 15-20 मिनट में मौत हो गई।
अस्पताल प्रबंधन ने मेरे पिता को पॉजिटिव बताकर उनका शव नहीं दिया। मेरे पिता की कोरोना से मौत नहीं हुई तो उनका अंतिम संस्कार कैसे करवा दिया गया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि मेरे पिता का चेहरा दिखाने के नाम पर भी मुझसे 1000 रुपए लिए गए। उन्होंने यह भी आशंका जताई है कि उनके पिता के शव को इसलिए नहीं दिया गया क्योंकि पिता के शरीर के अंग निकाल लिए होंगे।
मेडिकल कॉलेज के रिकाॅर्ड में पिता की संदेहास्पद मौत दर्शाया गया, जबकि श्मशान घाट की रसीद में कोरोना पॉजिटिव लिखा है। इसमें अस्पताल प्रबंधन व डॉक्टर के खिलाफ प्रकरण दर्ज किए जाने की मांग की है। इसको लेकर उन्होंने संभागायुक्त आनंद शर्मा व कलेक्टर आशीष सिंह को शिकायत की है।
इधर मेडिकल कॉलेज में कोविड-19 के नोडल अधिकारी डॉ. सुधाकर वैद्य का कहना है कि संदेहास्पद मौत होने पर प्रोटोकाल के तहत प्रशासन व नगर निगम को सूचना दी जाती है, उसके बाद की कार्रवाई उनके द्वारा की जाती है। आरोप निराधार हैं।
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from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3mFFd33 December 23, 2020 at 05:15AM https://ift.tt/1PKwoAf
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