बदलते मौसम और बढ़ती ठंड के बीच स्वास्थ्य विभाग की सैंपलिंग टीम ने सैंपल घटा दिए हैं। अब केवल कोविड कंट्रोल रूम से आने वाली सूचनाओं पर ही सैंपल लिए जा रहे हैं। जबकि ठंड में सर्दी-खांसी और बुखार के मरीजों की संख्या बढ़ गई है। सरकारी व प्राइवेट अस्पतालों में सर्दी-खासीं के हर दिन 30-40 मरीज पहुंच रहे हैं। ऐसे में टारगेट के तहत 1000 लोगों के सैंपल की बजाए सैंपलिंग का आंकड़ा घटकर 363 तक पहुंच गया है। कोविड विशेषज्ञ भी ठंड में कोविड बढ़ने की आशंका जता चुके हैं।
डॉक्टर, स्टाफ नर्स सहित तीन का स्टाफ : बीमार लोगों के सैंपल लेने के लिए नौ टीमें गठित हैं, जिसमें डॉक्टर, स्टाफ नर्स व लैब टेक्नीशियन शामिल हैं। सैंपलिंग मोबाइल है, जिसमें टीम सैंपलिंग करती है। फीवर क्लीनिक पर भी मरीजों के सैंपल लिए जाने के लिए लैब टेक्नीशियन रखे हुए हैं।
यह हो सकता है असर
मरीजों की संख्या कम होने से यह कतई नहीं माना जा सकता है कि कोरोना का संक्रमण खत्म हो चुका है। जब तक वैक्सीन उपलब्ध नहीं हो जाती तब तक संक्रमण का खतरा बना रहेगा। सैंपलिंग कार्य में लगे अधिकारी भी इस बात को स्वीकार कर रहे हैं कि सैंपलिंग कम हो रही है, इसे बढ़ाने के लिए फिर से प्रयास किए जा रहे हैं। सैंपलिंग की नोडल अधिकारी गरिमा रावत ने कहा ऑनकॉल पर टीम सैंपल ले रही है। जिले में बीएमओ द्वारा भी सैंपलिंग करवाई जा रही है। नए सिरे से सैंपलिंग को बढ़ाने पर फोकस किया है। जो कमियां रही हैं उनमें सुधार कर सैंपलिंग बढ़ाई जाएगी।
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from Dainik Bhaskar https://ift.tt/2WH2IhA December 23, 2020 at 05:15AM https://ift.tt/1PKwoAf
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