जिला मुख्यालय सहित अंचल के बड़े कस्बों में खेलों को बढ़ावा देने सरकार ने करोड़ों रुपए के विकास कार्य मंजूर कर दिए हैं। लेकिन अधिकारी व जनप्रतिनिधियों द्वारा ध्यान न दिए जाने की वजह से यह कार्य अधूरे हैं। खेल मैदान से लेकर सुविधाओं के अभाव में जिले की खेल प्रतिभाएं उभरकर सामने नहींं आ पा रहीं हैं।
पीजी कॉलेज श्योपुर में स्वीमिंग पूल और इनडोर हॉल बनाने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने साल 2015 में 1 करोड़ 70 लाख रुपए मंजूर किए थे। जिसमें 1 करोड़ का बड़ा स्वीमिंग पूल बनना था। पहली किस्त में 85 लाख रुपए मिले। निर्माण एजेंसी मप्र लघु उद्योग निगम ने पूरी राशि सिर्फ इनडोर हॉल बनाने में खर्च कर दी। लेकिन स्वीमिंग पूल का गड्ढा खोदकर छोड़ दिया।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा वर्ष 2015 में इंडोर स्टेडियम के निर्माण के लिए 70 लाख रुपए मंजूर किए थे। स्टेडियम निर्माण की जिम्मेदारी लघु उद्योग निगम मध्यप्रदेश ( एलयूएन) को सौंपी गई थी। काम शुरू हुआ तो एलयूएन ने 70 नहींं बल्कि 1 करोड़ 12 लाख रुपए खर्च कर दिए। यानि स्वीकृत राशि से 42 लाख रुपए ज्यादा। बाद में जब यूजीसी ने स्वीकृति राशि से ज्यादा का भुगतान करने से हाथ खींच लिए तो एलयूएन ने निर्माण कार्य रोक दिया।
गर्ल्स कॉलेज के लिए पृथक से बनेगा खेल मैदान
मालूम हो कि जुलाई 2018 से बायपास रोड किनारे नवीन गर्ल्स कॉलेज को भी छात्राओं के लिए पृथक से खेल मैदान तैयार कराया जाएगा। क्योंकि अब हायर सेकंडरी पास करने वाली छात्राएं पीजी कॉलेज में कम बल्कि गर्ल्स कॉलेज में ज्यादा प्रवेश लेंगी। हालांकि कॉलेज के लिए नए स्टॉफ की आमद होना शेष है।
छात्र संगठनों ने उठाई मांग
पीजी कॉलेज छात्र संघ अध्यक्ष ने अधूरे पड़े स्टेडियम और स्वीमिंग पुल को पूरा कराने की मांग शुरू कर दी है। उनका कहना है कि हम छात्रों के लिए यह दोनों चीजें बहुत जरूरी हैं। स्टेडियम में कुश्ती, खोखो, तीरंदाजी, बैडमिंटन जैसी खेल प्रतियोगिताएं संभव हो सकती हैं लेकिन स्टेडियम के अधूरे होने से छात्रों को इन चीजों से वंचित होना पड़ रहा है।
कॉलेज ने मांगे थे पैसे, यूजीसी से ने किया इनकार
कॉलेज प्रबंधन ने यूजीसी से इंडोर स्टेडियम और स्वीमिंग पुल निर्माण के लिए पैसों की मांग की थी लेकिन यूजीसी ने अधिक राशि देने से इंकार कर दिया। कॉलेज प्रबंधन अब जनभागीदारी में यह काम कराने की सोच रहा है। कॉलेज प्राचार्य एसडी राठौर का कहना है कि जल्द ही वे पीआईयू से नया प्राक्कलन बनवाएंगे और स्टेडियम निर्माण तथा स्वीमिंग पुल पर कितनी राशि खर्च होगी यह जानने का प्रयास होगा। इसके बाद ही जनभागीदारी में लोगों से चर्चा की जाएगी। खेल के हिसाब से श्योपुर स्टेडियम पर दर्शक दीर्घा का काम शुरू नहींं हुआ है। हॉकी और फुटबॉल मैदान नहींं है। कबड्डी आदि के लिए मैदान का अभाव है।
जनभागीदारी में पूरे कराएंगे अधूरे काम
स्वीमिंग पूल का काम चार साल से रुका हुआ है। यूजीसी द्वारा दूसरी किश्त नहींं दी जा रही है। इस संबंध में कलेक्टर से बातचीत करेंगे। स्वीमिंग पूल के लिए जल्द ही दूसरी किश्त मांगेंगे। शेष राशि कम पड़ेगी तो हम जनभागीदारी के खाते से खर्च करेंगे। जिससे जल्द ही स्वीमिंग पुल चालू हो सकें।
डॉ एसडी राठौर, प्रभारी प्राचार्य, पीजी कॉलेज श्योपुर
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