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सरकारी रिपोर्ट पर सवाल; डेढ़ घंटे नहीं, सिर्फ 15 मिनट चला वेंटिलेटर का बैकअप

हमीदिया की कोरोना यूनिट में शुक्रवार शाम बिजली गुल हाेने के बाद तीन मरीजों की मौत के मामले में संभागायुक्त कवींद्र कियावत की रिपोर्ट पर सवाल उठने लगे हैं। जिम्मेदाराें काे क्लीन चिट देने वाली इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि कोरोना वार्ड के वेंटिलेटर में दो घंटे से ज्यादा का पावर बैकअप था, इसलिए मरीजों के इलाज में कोई व्यवधान नहीं आया।

जबकि, उस रात कोरोना यूनिट के आईसीयू वार्ड में तैनात स्टाफ ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि बिजली गुल होने के 15 मिनट बाद ही वेंटिलेटर का पावर बैकअप भी बैठ गया था। जब मरीजों की हालत बिगड़ी तो अंबु बैग का इस्तेमाल करना पड़ा था।

हैरानी की बात यह है कि जिम्मेदारों ने पूरे घटनाक्रम के दौरान कोरोना वार्डों में ड्यूटी कर रहे डॉक्टर और नर्स समेत स्टाफ के किसी भी कर्मचारी के बयान तक दर्ज नहीं किए। जिम्मेदारों ने आनन-फानन में मरीजों का रिकॉर्ड देखा और उसके आधार पर रिपोर्ट तैयार की।

ऑक्सीजन नहीं मिलने से अकबर, अब्दुल और बाबूलाल की तबीयत बिगड़ती जा रही थी, बाद में उनकी मौत हो गई
जैसे ही लाइट गई सिर्फ 10 से 15 मिनट में ही वेंटिलेटर एक-एक कर बंद होने लगे। यानी पावर बैकअप सिर्फ 15 मिनट ही काम कर पाया।ऑक्सीजन नहीं मिलने से मरीजों की हालत बिगड़ने लगी तो उन्हें बेन सर्किट से ऑक्सीजन देनी शुरू की, लेकिन ज्यादा प्रेशर न बन पाने के कारण पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पा रही थी। ऐसे में मरीजों की हालत बिगड़ती जा रही थी। समझ नहीं आ रहा था कि पहले किस मरीज को देखें।

वार्ड में 10 मरीज थे, इनकी देखरेख करने के लिए चार डॉक्टर, चार नर्स, दो वार्ड ब्वॉय और दो अन्य सहायक स्टाफ। एक स्टाफ एक मरीज के पास था जो अंबु बैग लगाए था। डॉक्टर दौड़कर कभी इस मरीज के पास तो कभी उस मरीज के पास जा रहे थे। सबके मोबाइल की फ्लैश लाइट जल रही थीं। इस डेढ़ घंटे में मरीज अकबर खान, अब्दुल रहीम और बाबूलाल मालवीय की तबीयत ज्यादा बिगड़ गई थी। इनकी बाद में उसी रात माैत हाे गई।
-जैसा स्टाफ ने भास्कर काे बताया (रिकॉर्डिंग भास्कर के पास उपलब्ध है)

घबरा गई थी नर्स... परिवार से कहा था- बिजली की व्यवस्था जल्द कराओ
शुक्रवार को बिजली गुल होने के दौरान मृतक पूर्व पार्षद अकबर खान के बेटे अहमद ने कोरोना वार्ड में फोन लगाया था, तब नर्स ने भी यही बताया था कि मरीज की हालत लगातार बिगड़ती जा रही है, हम अंबु बैग लगाकर ऑक्सीजन दे रहे हैं, आप जल्दी बिजली की व्यवस्था कराइए।

अंबु बैग- वेंटिलेटर खराब होने पर होता है उपयोग
अंबु बैग गुब्बारे जैसा होता है। मरीज की ट्यूब ब्लॉक, कार्डियक अरेस्ट होने या फिर शिफ्टिंग के लिए इसका उपयोग किया जाता है। इसके अलावा वेंटिलेटर में खराबी आ जाए या पावर कट हो जाए और पावर बैकअप काम नहीं कर रहा है तो अंबु बैग को हाथ से बार-बार दबाकर ऑक्सीजन फेफड़ों तक पहुंचाई जाती है।
- डॉ. विकास गुप्ता, एनेस्थीसियोलॉजिस्ट, इंदौर




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आईसीयू में 10 मरीज, 4 डॉक्टर थे, भाग-भागकर किया इलाज, अंबु बैग का करना पड़ा था इस्तेमाल (हमीदिया अस्पताल । फाइल फोटो)


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