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फरवरी में सीआरपीएफ की 6 कंपनियां तैनात होंगी; बस्तर, गढ़चिरौली में दबाव बढ़ने पर मप्र के इलाकों में पहुंचने लगे

छत्तीसगढ़ के बस्तर और महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में एजेंसियों के दबाव के बाद मप्र के विस्तार इलाके में नक्सली मूवमेंट बढ़ गया है। खासतौर पर कान्हा-किसली टाइगर रिजर्व में पिछले दो-तीन माह में इन्हें देखा गया है। मुकी क्षेत्र व मंडला में इनकी गतिविधियां हैं। इसी को देखते हुए जनवरी-फरवरी में सीआरपीएफ की छह कंपनियां मंडला-बालाघाट में तैनात की जाएंगी। इनमें 75 फीसदी लड़ाकू जवान होंगे। नवंबर में कान्हा के बफर क्षेत्र में एक नक्सली ऑपरेशन को भी अंजाम दिया जा चुका है। नक्सली गतिविधि बढ़ने के कारण हॉकफोर्स का मुख्यालय बालाघाट शिफ्ट कर दिया गया है, जिसमें 5 दिसंबर को ही आईपीएस नागेंद्र सिंह और सहायक पुलिस निरीक्षक घनश्याम मालवीय की पोस्टिंग की गई है।

दो साल बाद यह स्थिति बनी है कि मप्र के छग के सीमावर्ती इलाके में नक्सली देखे गए हैं। पुलिस सूत्रों का कहना है कि एक दिन पहले हुए ऑपरेशन में मारी गईं मप्र, छग और महाराष्ट्र की इनामी नक्सली शोभा और सावित्री का मूवमेंट कान्हा में ही देखा गया था। वन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि नक्सलियों के कारण मंडला के वन क्षेत्र में कटाई कुछ दिन प्रभावित रही। बहरहाल, अब गृह विभाग ने मंडला और बालाघाट में सर्विलांस बढ़ा दिया है। कान्हा रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर एसके सिंह को मूवमेंट की जानकारी नहीं है। अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (संरक्षण) असीम श्रीवास्तव ने भी कहा कि उन्हें कुछ नहीं बता।

मंडला में तीन एकलव्य स्कूल खुलेंगे
नक्सलियों के अभियान को कमजोर करने के लिए मंडला में ही तीन एकलव्य स्कूल खोलने का निर्णय लिया गया है। ताकि युवाओं व किशोरों को उनके संपर्क में आने से रोका जा सके।

‘कान्हा टाइगर रिजर्व में मूवमेंट छग बॉर्डर की तरफ बढ़ा है। नवंबर में रिजर्व के बफर क्षेत्र में एक ऑपरेशन किया जा चुका है। सर्विलांस तेज है। एक्सट्रा फोर्स बुलवाई जा रही है। बस्तर और गढ़चिरौली में कार्रवाई जारी है, इसीलिए कुछ ने रुख मप्र की तरफ किया है।’
- जीपी सिंह, एडीजी, नक्सल ऑपरेशन

कान्हा से 10 किमी दूर छत्तीसगढ़ में ऑपरेशन
कान्हा टाइगर रिजर्व से सटे छत्तीसगढ़ बार्डर में 10 किमी के करीब मप्र का छत्तीसगढ़ के साथ ज्वाइंट ऑपरेशन चल रहा है। इसके साथ ही गढ़चिरौली में भी मप्र की टीम गई है। नक्सलियों में छग और महाराष्ट्र के लोगों की संख्या ज्यादा है। मप्र के फिलहाल पांच नक्सलियों की ही सूचना मिल रही है।

भड़काने के लिए ‘कोरोना’ का सहारा लिया
सूत्र बता रहे हैं कि मप्र में नक्सली लोगों को यह कहकर भड़का रहे हैं कि कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने में सरकार ने गलत ढंग अपनाया। इसी वजह से लोगों के रोजगार चले गए। हालांकि अभी तक पुलिस के पास ऐसी कोई सूचना नहीं है कि लोगों पर इसका असर हुआ।



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फाइल फोटो


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