जिला अस्पताल में मरीजों को दिए जाने वाले खाने में इल्ली मिलने के बाद अस्पताल प्रशासन हरकत में आया है। मामले में प्रभारी सिविल सर्जन डॉ. आरपी वर्मा ने डयूटी डॉक्टर सहित छह लोगों के बयान दर्ज किए हैं। खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग की टीम ने दाल, सब्जी, चावल आदि सहित 10 सैंपल लिए हैं, जिन्हें जांच के लिए राज्य प्रयोगशाला भेजा गया है। इल्ली वाली दाल का जब्ती पंचनामा भी बनाया है।
फूड सेफ्टी अधिकारी सोमवार सुबह भी जिला अस्पताल पहुंचे और खाने की गुणवत्ता की जांच की। हड्डी वार्ड में रविवार को मरीजों ने खाना खाने से इंकार कर दिया था। राउंड पर वार्ड में पहुंचे डॉक्टर ने इसकी वजह पूछी तो मरीजों ने कहा कि दाल में मरी हुई इल्ली तैर रही है, इसे कैसे खा सकते हैं, इसलिए थाली वापस कर दी। उसके बाद मामला प्रभारी सिविल सर्जन डॉ. पीएन वर्मा के पास पहुंचा तो उन्होंने खाने की जांच करने के लिए फूड सेफ्टी विभाग के अधिकारियों को सूचित किया।
फूड सेफ्टी अधिकारी बीएस देवलिया ने अस्पताल जाकर तैयार भोजन में पांच तथा किचन में रखे हुई खाद्य सामग्री दाल-चावल आदि के भी पांच इस तरह से कुल 10 सैंपल लेकर जांच के लिए लैब में भेजा है। वहां से रिपोर्ट के आधार पर दाल में इल्ली होने की पुष्टि हो सकेगी। रविवार को जिस दाल में इल्ली होने की शिकायत सामने आई थी, उसे जब्ती में लेकर पंचनामा बनाया है।
देवलिया ने बताया खाद्य सामग्रियों की जांच की गई है। सैंपल जांच के लिए भेजे हैं। सोमवार को भी खाने की जांच की गई है। दूसरी तरफ प्रभारी सिविल सर्जन डॉ. वर्मा ने हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. महेश मरमट, डायटिशियन व किचन की व्यवस्था देखने वाले केएस परमार तथा हड्डी वार्ड के मरीजों सहित छह लोगों के बयान दर्ज किए हैं।
इसमें मरीज व उनके परिजन में मूंग की दाल में इल्ली होने की बात दोहराई है। अस्पताल प्रशासन द्वारा जांच पूरी कर वरिष्ठ अधिकारियों को रिपोर्ट सौंपी जाएगी तथा कार्रवाई का निर्णय लिया जाएगा। डायटिशियन केएस परमार लंबे समय से जिला अस्पताल के किचन का कार्य देख रहे हैं, जिसको लेकर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।
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