ग्राम पंचायतों के सरपंच व सचिव गंभीरता के साथ सरकारी योजनाओं का क्रियान्वयन करें, जिससे ग्रामीणों की करीब 80 प्रतिशत समस्याओं का पंचायत स्तर पर ही निदान हो सकता है। रविवार को ग्राम बाल्या, पीपरीखेड़ा, बलखड़, अंबा, नलवट, अतरसुंबा, पाल्या फाल्या, बद्री फाल्या, पटेल फाल्या, चौकी फाल्या, टकारा बेड़ी में आयोजित विधायक चौपाल में विधायक सचिन बिरला ने ग्रामीणों से कहा। उन्होंने कहा ग्राम पंचायत ही ग्राम विकास की धुरी है।
ग्रामों की मूलभूत समस्याओं का निदान सरपंच व सचिव की प्राथमिकता होना चाहिए। ग्राम पंचायत, प्रशासन, जनप्रतिनिधि व ग्रामीणों के परस्पर समन्वय से ही विकास को साकार स्वरूप प्रदान किया जाएगा। ग्रामीण भी अपने अधिकारों के लिए सजग रहें व विकास कार्यों की गुणवत्ता पर निगरानी रखें। ग्रामीण विकास कार्यों के लिए सरपंच व सचिव पर निर्भर रहते हैं। ग्रामीण बड़ी उम्मीदों के साथ सरपंच व पंच का चुनाव करते हैं। उन उम्मीदों को पूरा करना सरपंच, पंच व सचिव का कर्त्तव्य है। सरपंचों, पंचों व सचिवों से आह्वान करते हुए कहा पेयजल, आवास, पेंशन, नाली, सड़क, आंगनवाड़ी जैसी मूलभूत जरूरतों को शीघ्रता से पूर्ण करें। ग्रामीणों को सरकार की योजनाओं का लाभ दिलाएं। सचिवों को जनसंख्या रजिस्टर के आधार पर ग्राम के प्रत्येक घर का सर्वेक्षण करने के निर्देश देते हुए कहा पात्र हितग्राहियों का श्रमिक पंजीयन व कर्मकार पंजीयन नहीं होने के कारण संबल सहित अन्य योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता। सचिव प्रत्येक घर का सर्वे करें। सभी समस्याओं का प्रशासन के सहयोग से निदान करने का प्रयास करेंगे। सुदूरवर्ती आदिवासी ग्राम पाल्या फाल्या के ग्रामीणों ने बताया आजादी के बाद से आज तक आदिवासी फाल्या बिजली से वंचित हैं। पेयजल की बड़ी समस्या है। बिरला ने ग्रामीणों से
उनकी समस्याओं के बारे में जानकारी लेते हुए संबंधित विभागों को निराकरण के निर्देश दिए। ग्रामीणों की जरुरत के अनुसार पेयजल टेंकर, सीसी रोड, हैंडपंप, सामुदायिक भवन की घोषणा की।
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