प्रतिकूल मौसम के कारण हर साल खराब हो रही कपास फसल से परेशान किसान अब गन्ना बुवाई की ओर बढ़ रहे हैं। इन दिनों कई किसान गन्ना बुवाई में जुटे है। क्योंकि अधिक बारिश में भी गन्ना फसल पर अधिक प्रभाव नहीं पड़ता है। कृषि विभाग का भी अनुमान है कि इस बार गन्ने की बुवाई का रकबा 800 हैक्टेयर तक बढ़ सकता है। इस साल करीब 2000 हैक्टेयर में किसानों ने गन्ना की बुवाई की थी।
क्षेत्र में इसकी पिराई होने व भाव अच्छे मिलने से किसान इसकी बुवाई कर रहे हैं। पिछले तीन साल से अधिक व कम बारिश के कारण किसानों की कपास फसल प्रभावित हुई है। इसमें लागत अधिक होने व भाव कम मिलने से घाटा उठाना पड़ता है।
गन्ना कटाई के लिए अन्य जिलों से पहुंचे 5000 मजदूर
क्षेत्र में इन दिनों गन्ना कटाई का काम तेजी से चल रहा है। किसान मुकेश पटेल व विजय वर्मा ने कहा पहले क्षेत्र में हार्वेस्टर की सुविधा उपलब्ध थी। इससे कटाई जल्दी हो जाती है। लेकिन अब एक ही मशीन होने से मजदूरों से कटाई करवाना पड़ रही है। गन्ना कटाई के लिए भगवानपुरा, चिरिया, मुंडिया आदि सहित अलीराजपुर व बड़वानी जिले के करीब 5000 मजदूर पहुंचे है। यह खेतों में अस्थायी रुप से रहकर कटाई में जुटे है। किसानों ने कहा मशीन की तुलना में मजदूरों के माध्यम से कटाई में देरी होती है। वहीं मिल प्रबंधन के अनुसार किसानों की सुविधा के लिए महाराष्ट्र क्षेत्र से 8 हार्वेस्टर बुलवाए है। इन्होंने क्षेत्र में काम भी शुरू कर दिया है।
गेहूं का रकबा बढ़ने का भी अनुमान
रबी सीजन में गेहूं का रकबा भी बढ़ने का अनुमान है। इस साल अधिक बारिश से खराब हुई कपास फसल खेतों से जल्दी बाहर होने व डॉलर चने के प्रति भी रुझान घटने से गेहूं का रकबा बढ़ सकता है। इस साल विभाग ने 35 हजार हैक्टेयर में गेहूं बुवाई का लक्ष्य निर्धारित किया है। अब तक 29500 हैक्टेयर में गेहूं की बुवाई हो चुकी है। वहीं 17500 हैक्टेयर में किसानों ने चना लगाया है।
^ कपास फसल की लागत अधिक होने व मौसम के कारण नुकसान होने से किसानों का रुझान गन्ने की बुवाई के प्रति बढ़ रहा है। इस साल रकबा 2000 से बढ़कर 2800 हैक्टेयर तक पहुंचने का अनुमान है। गेहूं के रकबे में भी बढ़ोतरी हो सकती है।
- बीएस सेंगर, वरिष्ठ कृषि विस्तार अधिकारी
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