इन दिनों बीना नदी के दोनों तरफ पानी के इंजनों को रख कर किसानों के द्वारा खेतों की अवैध रूप से सिंचाई की जा रही है। जिससे नदी का जलस्तर तेजी से गिर रहा है।
हालात यह है कि मात्र 25 दिन में ही नदी का जलस्तर करीब डेढ़ फीट से अधिक गिर गया है, जो चिंता का विषय है। यदि इसी तरह अंधाधुंध सिंचाई होती रही तो नदी में पानी की कमी होने के कारण शहर और रेलवे में गर्मी के दिनों में जल संकट गहराने की स्थिति बन सकती है।
जानकारी अनुसार बारिश के पहले छपरेट घाट पर बने सिंचाई विभाग कुरवाई का 144 गेट वाले स्टाप डेम के 10 अक्टूबर को सभी 144 गेट लगाए गए थे। स्टापडेम पर 72-72 गेट ऊपर नीचे लगाए गए थे। गेट लगने के बाद ही 24 घंटे के अंदर ही डेम के ऊपर से करीब 9 इंच पानी ओवरफ्लो होने लगा था। अब नदी का जलस्तर गेट से करीब 1 फीट नीचे खिसक गया है।
दाे तहसील के किसान कर रहे अवैध सिंचाई
छपरेट घाट के पास नदी 2 तहसील में आती है। जिसमें एक तरफ हिस्सा बीना तहसील और दूसरी तरफ का हिस्सा कुरवाई तहसील में आता है। यहां के किसान मोटरों से अवैध रूप से पानी लेकर खेतों की सिंचाई कर रहे है।
प्रतिदिन 1.25 करोड़ लीटर पानी की खपत
जिस स्थान पर यह स्टापडेम बना हुआ है, वहीं कुछ दूरी पर डेम के अंदर नगर पालिका का फिल्टर प्लांट बना हुआ है। जो प्रतिदिन नदी से करीब 80 लाख लीटर पानी लेकर उसे फिल्टर कर शहर के 25 वार्डों में पानी की टंकियों एवं सीधी सप्लाई के द्वारा जल सप्लाई की जाती है।
वहीं रेलवे के द्वारा प्रतिदिन करीब 45 लाख लीटर पानी लिया जाता है। जिसे नदी के किनारे बने पंप हाउस से पाइप लाइन के माध्यम से पश्चिमी रेलवे कॉलोनी में बने रेलवे के फिल्टर प्लांट पर सप्लाई की जाती है। जिसे बाद में फिल्टर कर इस पानी की सप्लाई रेलवे स्टेशन, ट्रेनों और रेलवे कॉलोनियों में जल सप्लाई की जाती है। लेकिन बीना नदी के तेजी से गिरते जलस्तर से गर्मी के दिनों में जल संकट गहराने की संभावना बढ़ती जा रही है।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/32pIdt3 November 08, 2020 at 05:04AM https://ift.tt/1PKwoAf
0 Comments