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तीस साल विधायक रहे शेजवार और उनके परिवार की सियासी जमीन पर इस बार प्रभुराम बने चेहरा; सीएम का सीट पर फोकस

(अनिल गुप्ता) रायसेन जिले की जिस सांची सीट के ऊपर से कर्क रेखा गुजरती है, इस बार वहां की सियासी जमीन पहले से ज्यादा गरम है। करीब तीस साल भाजपा के डॉ. गौरीशंकर शेजवार यहां से विधायक रहे, लेकिन उपचुनाव में इस बार उनके परिवार से बाहर का चेहरा प्रभुराम चौधरी मैदान में होंगे।

कांग्रेस ने मदन चौधरी को टिकट दिया है मगर संघर्ष के संकेत भाजपा के भीतर ज्यादा हैं। हाल में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रायसेन का दौरा कर इसे साधने की कोशिश की है। खास बात यह है कि सलामतपुर से सांची, दीवानगंज और फिर सांची से आमखेड़ा, बारला पंचायत से लेकर रायसेन तक चले जाइए, सांची अंतरराष्ट्रीय बौद्ध विवि, आमखेड़ा का खेल परिसर और सड़क कोई मुद्दा नहीं है।

चौधरी सड़कों के जाल को भुनाना चाहते हैं पर चर्चा सिर्फ यह है कि प्रभुराम चौधरी के साथ शेजवार व उनका परिवार क्यों दिखाई नहीं दे रहा। सांची शहर में मंडल अध्यक्ष रचना जैन के परिवार से जुड़े लोग कहते हैं कि प्रत्याशी कोई भी हो, जीत भाजपा की होगी। लेकिन यह भी कहते हैं कि पिछली बार डॉ. शेजवार के पुत्र मुदित को गैरतगंज से वोट कम मिले थे। शायद इसीलिए मुख्यमंत्री चुनाव की घोषणा से पहले ही गैरतगंज का दौरा कर चुके हैं।

कांग्रेस... प्रत्याशी नया चेहरा, पार्टी में विरोध नहीं
बारला के किशन सिंह की नजर में कोई स्थानीय मुद्दा नहीं है। बस उन्होंने भाजपा के बड़े नेताओं को साथ प्रचार करते नहीं देखा। यह जरूर है कि प्रभुराम प्रचार कर रहे हैं कि सांची से विदिशा और सांची से रायसेन तक जो टू-लेन सड़क बनी है, वह सिंधिया के कारण बनी है। बहरहाल, यह साफ है कि स्थानीय मसलों से ऊपर भाजपा के सामने अंदरूनी कलह को दुरुस्त करना बड़ी चुनौती है, क्योंकि कांग्रेस उम्मीदवार मदन चौधरी नया चेहरा हैं। जिला पंचायत सदस्य रह चुके हैं और गांव-गांव घूम रहे हैं। कांग्रेस में उनके नाम पर विरोध नहीं है।

भाजपा... कई साल प्रतिद्वंद्वी रहे, अब एक पार्टी में
2008 के चुनाव में प्रभुराम चौधरी ने कांग्रेस से चुनाव लड़ते हुए भाजपा के गौरीशंकर शेजवार को 9,434 वोटों से हराया। 2013 में शेजवार ने प्रभुराम को 20936 वोटों से हराकर बदला चुकाया। फिर 2018 में प्रभुराम ने शेजवार के बेटे मुदित को 10813 वोटों से हरा दिया। अब उपचुनाव में प्रभुराम भाजपा के ही खेमे में हैं। गौरतलब है कि शेजवार इमरजेंसी के बाद 1977 में पहली बार विधायक चुने गए। फिर 1980 में दोबारा विधायक बने। वर्ष 1990 से लेकर 2003 तक उन्होंने सांची सीट पर एकाधिकार रखा।

जातिगत समीकरण

कुल वोटर- 2.40 लाख

मुस्लिम- 35 हजार

लोधी- 15-20 हजार

अहिरवार- 28 हजार

किरार- 15-17 हजार



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प्रभुराम चौधरी (बाएं) और मदन चौधरी (दाएं)।


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