शहर के मास्टर प्लान के दूसरे चरण के लिए आपत्तियों पर शनिवार को ऑनलाइन सुनवाई हुई। इसमें पूर्व मुख्य सचिव निर्मला बुच ने मास्टर प्लान में एक तरफ बड़े तालाब, केरवा डैम और कलियासोत डैम के कैचमेंट व आसपास के वन क्षेत्र के साथ की जा रही छेड़छाड़ पर आपत्ति की है। इसके साथ ही उन्होंने सड़क की चौड़ाई के अनुसार भूमि उपयोग तय करने की छूट देने को भी गलत बताया है।
ये भी आपत्ति...बड़े तालाब के चारों ओर सड़क की अनुमति देना गलत
पूर्व मुख्य सचिव निर्मला बुच ने ऑनलाइन सुनवाई के दौरान कहा कि कलियासोत और केरवा में बाघ की उपस्थिति दर्ज हुई है। इस क्षेत्र को बाघ मूवमेंट एरिया घोषित कर नगरीय विकास से अलग किया जाना चाहिए। उन्होंने बड़े तालाब के चारों ओर 18 मीटर चौड़ी सड़क बनाने और गांव की बसाहट की मौजूदा सीमा चिह्नित किए बिना 250 मीटर तक विकास की अनुमति देने जैसे प्रावधानों को भी गलत बताया।
बुच ने टीएंडसीपी एक्ट के प्रावधानों का उल्लेख करते हुए कहा कि ड्राफ्ट स्वत: निरस्त हो जाता है क्योंकि 6 मार्च को अधिसूचना जारी होने के बाद 90 दिन में सुनवाई पूरी हो जाना चाहिए थी, जो नहीं हुई।
ड्राफ्ट में बताई बेहिसाब जनसंख्या वृद्धि
भोपाल सिटीजंस फोरम के पूर्व संयोजक अरुण गुर्टू और हरीश भावनानी ने कहा कि ड्राफ्ट में बेहिसाब जनसंख्या वृद्धि दिखाई गई है। जबकि कोई भी ऐसी आर्थिक गतिविधि का प्रावधान नहीं है जिससे जनसंख्या बढ़े। उन्होंने सेप्ट की रिपोर्ट को प्रकाशित नहीं किए जाने और कोलार व कलियासोत क्षेत्र में रॉक पेंटिंग को हैरिटेज में शामिल नहीं करने पर भी आपत्ति की।
प्लान को कैसे लागू करेगा बीडीए
बीडीए के पूर्व चीफ आर्किटेक्ट अवनीश सक्सेना ने कहा कि ड्राफ्ट में कहा गया है कि बीडीए इसे लागू करेगा। इसकी प्रक्रिया क्या होगी? यह कहीं भी स्पष्ट नहीं है। उन्होंने कहा कि टीएंडसीपी एक्ट में संशोधन के बाद डेवलपमेंट प्लान में टाउन प्लानिंग स्कीम भी बताना जरूरी है, लेकिन ऐसा नहीं किया गया है। यह एक्ट का उल्लंघन है।
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