विधानसभा उपचुनाव में पहली बार निर्वाचन आयोग बूथ लेवल एप का उपयोग करने जा रहा है। इससे चुनाव के रियल टाइम वोटिंग परसेंट व बूथ पर हुई वोटिंग का पता चल सकेगा। इस जानकारी को एप के उपयोग से हर कोई जान सकेगा। क्योंकि एप की जानकारी सबके सामने होगी। इस एप के माध्यम से फर्जी वोटिंग रोकने में मदद मिलेगी। चुनाव आयोग का प्लान है कि अब भविष्य के हर चुनाव में इस एप का उपयाेग किया जा सकेगा।
निर्वाचन आयोग हर बार चुनाव प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए नायाब प्रयोग करता रहा है। इस बार विधानसभा की पांच सीटों पर उपचुनाव के मतदान को निष्पक्ष बनाने के लिए बूथ लेवल एप लेकर आया है। इस एप को चुनाव ड्यूटी में लगे प्रत्येक कर्मचारी के स्मार्ट फोन में इंस्टाल कराया जाएगा ताकि वह मतदान संबंधी जानकारी से अपडेट रह सके। एप में बूथ के वोटर की पूरी जानकारी रहेगी। मतदाता को दी जाने वाली पर्ची पर क्यूआर कोड होगा। मतदाता जैसे ही वोटर पर्ची लेकर बूथ पर जाएगा वहां मतदान अधिकारी-1 उसकी पर्ची को स्कैन करेगा। स्कैन करते ही मतदाता की पूरी जानकारी कर्मचारी के सामने होगी। इसके साथ ही वोटर की उपस्थिति दर्ज कराकर वोटिंग कराई जाएगी। इस प्रक्रिया के साथ उस वोट की संख्या अन्य वोटिंग के साथ अपडेट हो जाएगी। इस प्रकार एप के उपयोग से हर किसी को वोटिंग के रियल टाइम की परसेंटेज व मतदाता की जानकारी मिल सकेगी और फर्जी वोटिंग पर अंकुश लग सकेगा।
कागजी कार्रवाई व समय की बचत
बूथ लेवल एप काे पायलट प्रोजेक्ट के रूप में निर्वाचन आयोग पहली बार प्रयोग कर रहा है इसलिए मतदान संबंधी जानकारी के लिए 3 नवंबर के मतदान दिवस पर मतदान केन्द्रों पर लिखा-पढ़ी के लिए रजिस्टर व कागज उपलब्ध रहेंगे लेकिन भविष्य में इस एप का उपयोग करने के लिए मतदान केन्द्रों पर कागजी वर्क को पूरी तरह समाप्त किए जाने की योजना है। आगामी चुनावों में मतदाता पर्ची के क्यूआर कोड काे स्कैन करने के साथ ही मतदाता की जानकारी सामने आते ही उसके वोट को एप्रूव्ड कर दिया जाएगा। एप के माध्यम से मॉकपोल व पोल एंड की जानकारी भी तुरंत मिल जाएगी।
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