मध्यप्रदेश में बिजली कंपनी के निजीकरण की सुगबुगाहट के विरोध में 15 कर्मचारी संगठन लामबंद हो गए हैं। संयुक्त माेर्चा ने ऐलान किया है कि सरकार ने कर्मचारी-अधिकारियों को घर बैठाने जैसा कोई निर्णय लिया तो इसका कड़ा विरोध किया जाएगा। केन्द्र सरकार के निजीकरण संबंधी प्रस्ताव के विरोध में कंपनी के कर्मचारियों ने प्रदर्शन कर राष्ट्रपति के नाम प्रशासन को ज्ञापन सौंपा।
बिजली कंपनी के सर्कल कार्यालय पर प्रदर्शन को संबोधित करते हुए उपमहाप्रबंधक केके आर्य ने कहा कि केन्द्र सरकार, मध्यप्रदेश विद्युत वितरण कंपनी का निजीकरण करने का मन बना चुकी है। सरकार प्रदेश की बिजली व्यवस्था को निजी हाथों में सौंपना चाहती है। इससे बिजली महंगी भी होगी और उपभोक्ताओं के साथ दुर्व्यवहार की घटनाएं भी बढेंगी। डीई आर्य ने कहा कि निजीकरण के परिणामस्वरूप कंपनी में सेवाएं दे रहे हजारों अधिकारी-कर्मचारी बेराेजगार हो जाएंगे। इसका असर कर्मचारियों के बच्चों की पढ़ाई पर पड़ेगा।
वक्ताओं ने कहा कि केन्द्र सरकार के खिलाफ बिजली कंपनी के 15 कर्मचारी संगठनों ने संयुक्त माेर्चा तैयार किया है। मप्र विद्युत निजीकरण विरोधी संयुक्त मोर्चा ने अपनी लड़ाई लड़ने के लिए स्टैंडर्ड बिड डॉक्युमेंट जारी किया है। गेट मीटिंग से शुरू हुए आंदोलन को भविष्य में कार्य बहिष्कार के रूप में आगे बढ़ाया जाएगा।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/33z0kOj October 07, 2020 at 05:29AM https://ift.tt/1PKwoAf
0 Comments