डिलेवरी अथेंटीफिकेशन कोड को लेकर शहर के 30% से ज्यादा घरेलू गैस ग्राहक परेशान हैं। इनमें से आधे के पास मोबाइल नहीं हैं जबकि कुछ के पास मोबाइल होने के बाद भी मैसेज नहीं पहुंच रहे हैं। इसी कारण इन दिनों हॉकर और ग्राहकों के बीच चिकचिक होने लगी है। हॉकरों को भी मोबाइल संबंधी अधिक जानकारी न होने से वे भी एप से ग्राहकों की मदद नहीं कर पा रहे हैं।
5 दिन बाद सभी गैस कंपनियां अपने ग्राहकों के लिए डीएसी (डिलेवरी अथेंटीफिकेशन कोड) का मैसेज हॉकर को बताना जरूरी कर रही हैं। ऐसा घरेलू गैस के वितरण व्यवस्था में लीकेज को खत्म करने किया जा रहा है। दो सप्ताह से इस नई व्यवस्था पर टेस्टिंग चल रही है। इस दौरान ग्राहक व हॉकर दोनों को कई तरह की परेशानी आ रही है। गैस एजेंसी संचालक, ग्राहक व हॉकरों की परेशानी को इंडेन के अफसरों को बता चुके हैं पर अभी कोई निदान नहीं हो सका है।
कुछ एजेंसी संचालकों का कहना है कि चूंकि नई व्यवस्था अभी टेस्टिंग में है, परेशानी खत्म नहीं हो रही हैं, इसीलिए गैस कंपनियांं अपने ग्राहकों को समझने के लिए अभी कुछ दिन और मोहलत दे सकती हैं। उल्लेखनीय है कि इन दिनों जिले में 28 गैस एजेंसियों से जुड़े 3.20 लाख ग्राहक गैस का उपयोग कर रहे हैं।
ये है ग्राहकों की परेशानी
- 15% ग्राहक आज भी लैंडलाइन से गैस बुकिंग कर रहे हैं, इन्हें मैसेज नहीं मिलने से परेशानी हो रही है।
- पहले से मोबाइल के अलावा किसी अन्य से बुकिंग करने पर मैसेज पुराने नंबर पर ही पहुंच रहे हैं।
- कुछ गली-मोहल्ले ऐसे हैं जहां मोबाइल नेटवर्क कमजोर होने से हॉकर डिलेवरी मैन एप से काम नहीं कर पा रहे हैं।
- एजेंसियों के 60% हॉकर एंड्रायड मोबाइल ऑपरेट नहीं कर पा रहे हैं, इसलिए वे दूसरा नंबर रजिस्टर्ड नहीं पा रहे हैं।
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