हमारे जिले में अब कोरोना का कहर कम हो रहा है। रोज सामने आ रहे पॉजिटिव के आंकड़े इस बात का सबूत हैं। सितंबर के मुकाबले इस बार 295% कम पॉजिटिव सामने आए हैं। जबकि, 47% ज्यादा लोगों के सैंपल लिए गए हैं लेकिन, आप सावधानी रखना मत छोड़ देना... क्योंकि, हकीकत इससे परे है। कोरोना सिर्फ आंकड़ों में ही कम हो रहा है, ये बड़ा बदलाव इसलिए सामने आ रहा है क्योंकि अब ना तो कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग के सैंपल लिए जा रहे हैं, न ही मेडिकल स्टोर से दवा लेने वाले लोगों की सैंपलिंग हो रही है।
अक्टूबर में 15 दिन में 219 पॉजिटिव ही मिले हैं। रोज कभी 10, 15 तो कभी 20 संक्रमित आ रहे हैं। ये आंकड़ा इसलिए चौंका रहा है क्योंकि कुछ दिन पहले तक 50 या इससे ज्यादा संक्रमित आ रहे थे। सितंबर के शुरुआती 15 दिन में जिले में 866 पॉजिटिव सामने आ गए थे। जबकि, सितंबर में 3491 लोगों के ही सैंपल हुए थे, अक्टूबर के 15 दिन में 5137 लोगों के सैंपल लिए जा चुके हैं। फिलहाल 200 से भी कम एक्टिव केस हैं।
कोरोना कम नहीं हुआ... इसलिए दिख रहा है बदलाव, आप सतर्क रहें
1. कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग
जिले में कान्टेक्ट ट्रेसिंग की सैंपलिंग बंद हो चुकी है। ज्यादातर पॉजिटिव मरीज इस माध्यम से ही सामने आ रहे थे क्योंकि, पॉजिटिव केस के संपर्क में आए लोगों के पॉजिटिव होने की संभावना सबसे ज्यादा होती है।
2. रैपिड एंटीजन टेस्ट
जिले में ज्यादातर जांच रैपिड एंटीजन टेस्ट किट से की जा रही है। इसके परिणाम शुरुआत से ही शंकास्पद रहे हैं, कई ऐसे केस भी सामने आए हैं, जिनमें व्यक्ति रैपिड एंटीजन में निगेटिव रहा तो वहीं, आरटीपीसीआर में पॉजिटिव था।
3. मेडिकल स्टोर
मेडिकल स्टोर से पहले सर्दी, खांसी व बुखार के मरीजों को आसानी से दवा नहीं मिलती थी। नाम पता लिखने के बाद फोन पहुंचता था, कई बार सैंपलिंग भी होती थी। अब फोन ताे पहुंच रहा है, लेकिन लोग खुद को स्वस्थ बता देते हैं।
इधर... मेडिकल कॉलेज के आइसोलेशन वार्ड में पहुंचे एसडीएम - रतलाम | शुक्रवार सुबह मेडिकल कॉलेज के आइसोलेशन वार्ड में एसडीएम अभिषेक गेहलोत और नोडल अधिकारी डॉ. प्रमोद प्रजापति ने निरीक्षण किया। दवाइयों की उपलब्धता, कैंटीन, ऑक्सीजन की जानकारी ली। मरीजों से चर्चा भी की गई।
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