स्वास्थ्य विभाग में नर्सिंग होम के रजिस्ट्रेशन करवाने की पीड़ा अब पूर्व सीएमएचओ को भुगतना पड़ रही है। 4 जिलाें में सीएमएचओ रह चुके ये डॉक्टर खुद के नर्सिंग होम का स्थाई रजिस्ट्रेशन नहीं करवा पा रहे हैं। 1 साल 9 महीने तक दफ्तरों के चक्कर लगाने के बाद अब पूर्व सीएमएचओ ने वर्तमान सीएमएचओ पर मानसिक प्रताड़ना का आरोप लगाया है। उनका आरोप है कि वे 1.50 लाख रुपए वर्तमान सीएमएचओ को भी दे चुके हैं। रजिस्ट्रेशन के फेर में उलझे पूर्व सीएमएचओ ने सीएमएचओ को पत्र लिखा है... पढ़ें पूर्व सीएमएचओ की पीड़ा...।
20-20 हजार रुपए की मांग कर कहा-हम डील करते हैं
“सीएमएचओ महोदय, मैं डॉ. एसआर चौहान (एमबीबीएस, एमएस जनरल सर्जरी) रिटायर्ड गवर्नमेंट सर्जन हूं। मैंने 1980 से 2016 तक शासकीय सेवा में रहते हुए 1 लाख सर्जिकल ऑपरेशन किए हैं। 4 जिलों में सिविल सर्जन व सीएमएचओ के पद पर रहा हूं। 22 दिसंबर 2018 को आलोट में सेवालय नाम से 6 बेड का छोटा नर्सिंग होम खोला है। इसका ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन एप्लीकेशन नं. एनएचएस 1806289 था। मैंने आपको 1.50 लाख रुपए दिए। आपने कहा ये मार्जिन मनी है, ऑफिस खर्च में लगेगा। स्टाफ ने कहा अब नया फॉर्म भरना पड़ेगा। 12 सितंबर 2020 को दोबारा प्रक्रिया की। स्टाफ ने कहा कि अब दोबारा 1.50 लाख रुपए सीएमएचआे साहब को दे दो या हम दो व्यक्ति हैं शीला चौहान और भरत लिंबोदिया जो कि रजिस्ट्रेशन विभाग डील करते हैं। 20-20 हजार दोनों को दे दो। मैंने और मेरे साथी राहुल ने 20-20 हजार रुपए लिफाफे में दे दिए। उन्होंने कहा रजिस्ट्रेशन 2-3 दिन मेे हो जाएगा, 1.50 लाख की व्यवस्था करके आना। पुराने 1.50 लाख को एडजस्ट करने का कहा तो बोले - जोभी व्यवस्था हो जाए, ले आना, चर्चा कर लेंगे। अभी ऑनलाइन एप्लिकेशन ऑफिस में है, कृपया रजिस्ट्रेशन करने की कृपा करें। मुझे ऐसा लग रहा है कि 1.50 लाख नहीं देने से रजिस्ट्रेशन रोक रखा है। मैं रिजर्व क्लास का रिटायर्ड सीनियर सर्जन हूं। इस वजह से जातिगत भावना रखते हुए मेंटली टॉर्चर किया जा रहा है।
आरोपों से भी घिरे रह चुके हैं पूर्व सीएमएचओ
पूर्व सीएमएचओ डॉ. एसआर चौहान अपने कार्यकाल के दौरान कई बार आरोपों से भी घिरे हैं। मंदसौर में एक अस्पताल का लाइसेंस बहाल कराने के लिए डॉ. एसआर चौहान ने एक लाख रुपए की मांग की थी। रिकार्डिंग सुनने सहित अन्य जांच के बाद लोकायुक्त ने उन्हें रिश्वत लेते पकड़ा था।
मंदसौर में कायाकल्प अभियान के तहत एनजीओ से फर्जीवाड़ा करने का आरोप भी लगा था। 150 की जगह 450 से अधिक लोगों को नियुक्ति पत्र थमाने का मामला सामने आया था।
सीधी बात
डॉ. प्रभाकर ननावरे, सीएमएचओ
नर्सिंग होम का रजिस्ट्रेशन तब तक नहीं होगा जब तक कि वे शर्तों को पूरा नहीं करते
{ पूर्व सीएमएचओ के रजिस्ट्रेशन का मामला आपके पास आया है।
- हां, हमारे पास आया है, वे नियम पूरा नहीं कर रहे।
{ निरीक्षण में क्या कमी मिली।
- निरीक्षण हो गया है, ऑपरेशन थिएटर का स्टैंडर्ड साइज ही नहीं है। 10 बाय 10 का ही बना रखा है, हम कैसे अनुमति दे सकते हैं।
{ उन्होंने आपको रुपए देने के आरोप लगाए है।
- आरोप पूरी तरह गलत और निराधार है। दबाव बनाने का प्रयास कर रहे हैं। आवश्यक शर्तें पूरी करना होती है, वे कर नहीं पा रहे हैं।
{आपका कोई व्यक्तिगत मामला।
- हमारी कोई पर्सनली दुश्मनी का सवाल ही नहीं उठता। व्यक्तिगत कुछ नहीं है। रजिस्ट्रेशन तब तक नहीं होगा, जब तक वे शर्तों को पूरा नहीं करते हैं। हम नियमों के खिलाफ नहीं जा सकते।
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