नगर निगम पर भ्रष्टाचारी का आरोप लगाते हुए गुरुवार को शहर के 100 अधिक ठेकेदार लामबंद होकर निगम कार्यालय पर एकत्रित हुए। जहां उन्होंने बताया कि नगर निगम ऐसे विकास कार्यों का भुगतान नहीं कर रही है, जो दो से तीन साल पहले पूरे हो चुके हैं। राजनैतिक सरंक्षण प्राप्त व मोटा कमीशन देने वाले ऐसे ठेकेदारों का भुगतान किया जा रहा है, जिन्होंने हाल ही में कार्य किया है। नगर निगम के रवैये से आक्रोशित ठेकेदार गुरुवार को शहर से सटे जीगनी में आयोजित मुख्य मंत्री शिवराज सिंह चौहान व केंद्रीय मंत्री नरेंद्र तोमर की सभा में पहुंचे। जहां उन्होंने शेष राशि का भुगतान कराए जाने की मांग को लेकर लिए सीएम को ज्ञापन सौंपा।
वहीं श्रीजी कंस्ट्रक्शन कंपनी के ठेकेदार ने बताया कि वर्ष 2015 में जीवाजी क्लब बनाए जाने का टैंडर हुआ। अनुबंध के मुताबिक 2017 में 1.42 करोड की लागत से जीवाजी क्लब का निर्माण कर नगर निगम को सुपुर्द कर दिया। लेकिन इसमें अभी 1.10 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया। जबकि 32 लाख रुपए का भुगतान शेष है। वहीं नगर निगम कार्यालय के पीछे ऑडिटोरियम हॉल का निर्माण हुए पांच साल बीत गए। इसी हॉल में निगम परिषद की पहली बैठक हुई थी। इस भवन का निर्माण साधू बाबा कंस्ट्रक्शन कंपनी के जरिए कराया गया। ठेकेदार के मुताबिक नगर निगम पर अभी भी 22 लाख रूपए बकाया है। मेयर व आयुक्त के कई चक्कर लगाने के बाद भी वे भुगतान के लिए परेशान कर रहे हैं। वहीं मैसर्स राजेंद्र शर्मा ने बताया कि वर्ष 2015 में मेयर का बंगले का रिनोवेशन कार्य कराया गया। अनुबंध के मुताबिक यह कार्य 12 लाख रुपए की राशि से कराया गया। लेकिन इस कार्य के बदले अभी 2 लाख रुपए का ही पैमेंट किया गया। जबकि 10 लाख रूपए का भुगतान बाकी है।
लेखा नियमों की उल्लंघन कर रही एकाउंट शाखा
नगर निगम कार्यालय पर प्रदर्शन कर रहे ठेकेदारों ने बताया कि नगर निगम की एकाउंट शाखा के कर्मचारी एकाउंट नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं। क्योंकि ठेकेदारों को रोस्टर प्रणाली के आधार पर भुगतान किए जाने का प्रावधान है। जबकि रोस्टर प्रणाली का पालन न करते हुए सांठगांठ से ऐसे ठेकेदारों का भुगतान कर रहे हैं जिनका काम चालू है अथवा कुछ दिनों में ही पूरा हुआ है। रोस्टर प्रणाली के अनुसार ऐसे ठेकेदारों का पहले भुगतान किया जाता है, जिनका काम पूर्व में हो चुका है और भुगतान शेष बचा है।
गलत आरोप लगा रहे हैं ठेकेदार, निगम के पास पैसा ही नहीं है
यह सही है कि शहर के 100 से अधिक ठेकेदारों का 90 करोड़ रुपए का भुगतान नगर निगम को करना है। नगर निगम के पास पैसा नहीं होने के कारण यह स्थिति निर्मित हुई है। जिन ठेकेदारों का भुगतान किया गया है अथवा किया जाना है उनके लिए राज्य शासन के जरिए पूर्व विधायक की मांग पर विशेष राशि प्राप्त हुई है। ठेकेदारों का यह आरोप गलत है कि राजनैतिक प्रभाव व मोटा कमीशन लेकर ऐसे ठेकेदारों का भुगतान किया जा रहा जिन्होंने हाल ही में काम किया है।
अमरसत्य गुप्ता, आयुक्त नगर निगम मुरैना।
अब काली पट्टी बांधकर भूख हड़ताल करेंगे ठेकेदार
नगर निगम कार्यालय पर प्रदर्शन कर रहे ठेकेदार रघुवीर सिंह तोमर, देवेंद्र सिंह परमार, कुलदीप तोमर, प्रमोद शर्मा, आलोक गुप्ता आदि ने बताया कि नगर निगम द्वारा अगर जल्द ही भुगतान नहीं किया गया तो वे आचार संहिता प्रभाव हटते ही नगर निगम कार्यालय पर काली पट्टी बांधकर भूख हड़ताल करेंगे। क्योंकि निर्माण कार्यों का भुगतान नहीं होने से वे आर्थिक संकट से जूझने को मजबूर हैं।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3193nv6 October 16, 2020 at 05:20AM https://ift.tt/1PKwoAf
0 Comments