कोरोना से लड़ने के लिए स्वास्थ्य संचालनालय ने से जिला अस्पताल को चार वेंटिलेटर भिजवा दिए लेकिन एक सप्ताह से ये डिब्बों में पैक रखे हुए हैं। क्याेंकि ठेकेदार तीन महीने में भी काेराेना आईसीयू का काम पूरा नहीं कर पाया है।
20 सितंबर डेड लाइन भी निकल गई लेकिन अब तक मरीजाें काे सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं। गंभीर बीमार और सांस लेने में परेशानी वाले काेराेना मरीजाें काे भाेपाल रेफर किया जा रहा है। क्योंकि रोगियों के लिए आए जीवन रक्षक वेंटिलेटर शुरू ही नहीं हो पाए हैं। वहीं जिला अस्पताल के आला अधिकारी तो कह रहे हैं कि 83 लाख रुपए से बन रहे आईसीयू का काम 3 से 4 दिन में पूरा हो जाएगा। लेकिन वर्तमान में जितना काम हुआ है उससे अनुमान लगाया जा सकता है कि कम से कम एक सप्ताह में भी आईसीयू कंपलीट होकर अस्पताल के हैंड ओवर नहीं हो पाएगा। अब देखना यह है कि मरीजों को कब तक आईसीयू के लिए इंतजार करना पड़ेगा।
प्राइवेट अस्पतालों के 16 वेंटिलेटर हैं इमरजेंसी के लिए
मार्च में कोरोना के कारण लॉकडाउन लगा था। इसके बाद से ही वेंटिलेटर की कमी को लेकर बैठक और चर्चाओं का दौर जारी है। पूर्व में हुई बैठकों में तो निजी अस्पतालों के वेंटिलेटर अधिग्रहित किए जाने की बात तय की थी। पूरे जिले से 16 वेंटिलेटर की गिनती की गई थी।
वेंटिलेटर की कमी के कारण मरीजाें काे रेफर कर रहे हैं
वर्तमान में ऑक्सीजन की कमी होने पर कोरोना पेशेंट को बाहर रेफर किया जाता है। मरीजों को या तो गांधी मेडिकल कॉलेज भोपाल रेफर किया जाता है या प्राइवेट में उन अस्पतालों में रेफर किया जाता है जहां वे जाना चाहते हैं। वेंटिलेटर पर रखे जाने की स्थिति बनने पर रेफर कर दिया जाता है।
यह काम करता है वेंटिलेटर
{जिन लोगों की सांस लेने की क्षमता कमजोर हो गई, उन्हें सांस लेने में मदद करता है।
{कार्बन डाइऑक्साइड को शरीर से बाहर निकालने में मदद करता है।
पिछले सप्ताह आए थे चार वेंटिलेटर
स्वास्थ्य संचालनालय ने ऐसे जिलों को चिन्हित किया था, जहां वेंटिलेटर की कमी है, पिछले सप्ताह प्रदेश के 5 जिलों के लिए वेंटिलेटर भेजे गए थे। एक सप्ताह से वेंटिलेटर रखे हुए लेकिन आईसीयू का काम कंप्लीट नहीं है, जिसके कारण इन वेंटिलेटर को लगाया नहीं गया है।
जुलाई में दिया था ठेका
एनआरएचएम ने जुलाई 2020 में आईसीयू बनवाने का ठेका दिया था। आपातकाल में आईसीयू जल्दी बनाकर देना था लेकिन 3 माह बीतने के बाद भी आईसीयू नहीं बन पाया है।
जल्द शुरू करवाने की बात स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने कही है
^आईसीयू का काम जल्द पूरा करवाने के लिए हमने शनिवार को निरीक्षण किया था। दो-तीन दिन में काम पूरा करके आईसीयू शुरू करने की बात स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने कही है।
राकेश सिंह, कलेक्टर
एनआरएचएम आईसीयू बनवा रहा है, समय लगेगा
^पिछले सप्ताह 4 वेंटिलेटर आए हैं। आईसीयू का काम अभी पूरा नहीं हुआ है। एनआरएचएम की ओर से आईसीयू बनवाने का काम किया जा रहा है। चार-पांच दिन में काम पूरा हो जाएगा।
-डॉ. अशोक बारंगा, सिविल सर्जन, बैतूल
^आईसीयू स्टेट से मॉनिटरिंग कर बनवाया जा रहा है, 20 सितंबर बनाने की डेट लाइन थी, हमें ताे हैंडओवर लेना है। शासन द्वारा 10 बेड का आईसीयू बनाया जा रहा है। दो-तीन दिन में इसका काम पूरा हो जाएगा। गंभीर हालत में मरीजों को भोपाल रेफर करना पड़ता है।
-डॉ. प्रदीप धाकड़, सीएमएचओ, बैतूल
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