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नया टाइम टेबल बना रहा रेलवे, जानें क्या खास {KSM} 

दीपक के. दास, नई दिल्ली कोविड- 19 महामारी के बाद से का संचालन अब वैसे नहीं हो रहा है, जिसके लिए इसे इस महामारी से पहले जाना जाता था। ऐसे में रेलवे अपने संचालन के लिए कुछ नया प्लान तैयार कर रहा है। वह 'जीरो बेस्ड' पर आधारित सभी ट्रेनों के लिए एक नया टाइमटेबल बना रहा है। इसका अर्थ है कि सभी यात्री ट्रेनों का शेड्यूल (समयसारणी) और उनकी फीक्वेंसी एक बार फिर से तैयार होगी। सूत्रों ने बताया कि रेलवे की योजना है कि वह अपनी सभी मेल, एक्सप्रेस और कुछ अन्य ट्रेनों के हॉल्ट (गंतव्य पर पहुंचने से पहले बीच में रुकने वाले स्टेशन) को कम करना चाहता है, ताकि इससे गंतव्य तक पहुंचने में ट्रेनों के यात्रा समय को कम किया जा सके। रेलवे बोर्ड के चेयरमैन वीके यादव ने हाल ही में कहा था कि कोरोना वायरस के कारण इस फैसले को अमल में लाने में देरी हुई, लेकिन इसे लागू किया जाएगा। सूत्रों ने बताया कि कुछ मामलों में एक्सप्रेस और मेल ट्रेनों के स्टॉपेज बाद में तय किए जाएंगे। इससे पहले अधिकारी इस बात का आकलन करेंगे कि जिन स्टेशनों को हॉल्ट से हटाने की योजना है, उनसे कितने यात्री चढ़ते हैं और कितने उतरते हैं। एक अधिकारी ने बताया, 'जो ट्रेन सप्ताह में एक या दो बार चलती हैं उनमें से कुछ ट्रेनों को यहां रोका जाए तो यह समझना आसान होगा। कई हॉल्ट्स को तो अतीत में राजनीतिक विचार-विमर्श के बाद ही मंजूरी मिली है।' रेलवे का मानना है कि ट्रेनों को अपने गंतव्य पर पहुंचे से पहले अगर इन हॉल्ट्स को कम कर दिया जाता है तो इससे ट्रेन का यात्रा समय कम हो जाएगा और तब वे लंबी दूरी तक नॉन स्टॉप दौड़ पाएंगी। रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष ने बताया कि 151 ट्रेनों का संचालन निजी कंपनियां करेंगी, जो इस जीरो बेस्ड टाइमटेबल का हिस्सा होंगी। बहरहाल, रेलवे के कुछ अधिकारियों ने हमारे सहयोगी टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि रेलवे मंत्रालय को निजी ऑपरेटरों के लिए टाइम टेबल तय करते हुए ध्यान रखना होगा। यह एयर इंडिया की तरह नहीं होना चाहिए कि हम निजी कंपनियों को उनके सबसे पसंदीदा समय पर ट्रेन चलाने की इजाजत दे दें।
अब जम्मू-कश्मीर में अपना घर बना सकेंगे गोरखा {KSM} 

रोहन दुआ, नई दिल्ली पिछले एक सप्ताह से जब से जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने मूल निवासी प्रमाण पत्र (डोमिसाइल सर्टिफिकेट) जारी करना शुरू किया है, तब से अभी तक करीब 6600 लोगों को यहां का मूल निवास प्रमाण पत्र मिल चुका है। इनमें बड़ी संख्या में गोरखा समुदाय के रिटायर्ड सैनिक और अफसर हैं। यहां का (डोमिसाइल) मूल निवास प्रमाण पत्र हासिल करने के बाद ये लोग यहां प्रॉपर्टी खरीद सकते हैं और इस केंद्र शासित प्रदेश में नौकरियों के लिए आवेदन भर सकेंगे। जम्मू के अतिरिक्त उपायुक्त (राजस्व) विजय कुमार शर्मा ने बताया कि अभी तक 5900 से ज्यादा सर्टिफिकेट जारी किए जा चुके हैं। कश्मीर में करीब 700 सर्टिफिकेट जारी किए गए हैं। इनमें से ज्यादातर गोरखा सैनिक और ऑफिसर ही हैं। जम्मू में बाहु तहसील के तहसीलदार डॉ. रोहित शर्मा ने बताया, 'सिर्फ मेरी तहसील में ही अब तक गोरखा समुदाय के करीब 2500 लोग, जिन्होंने भारतीय सेना में अपनी सेवा दी है और उनके परिवार के लोगों को यह सर्टिफिकेट जारी हो चुका है। करीब 3500 लोगों ने इसके लिए अप्लाई किया था। इनमें से थोड़े बहुत वाल्मीकि समुदाय से भी हैं।' वाल्मीकि समुदाय के लोगों को यहां 1957 में पंजाब से लाकर बसाया गया था। यह तब किया गया था जब राज्य के स्वच्छता कर्मी हड़ताल पर चले गए थे। यह मुख्यत: चार संगठनों का ही विरोध था, जिनमें गोरखा सैन्यकर्मी, वाल्मीकि, पश्चिमी पाकिस्तान से आए शरणार्थी और वे औरतें थीं, जिन्होंने जम्मू-कश्मीर से बाहर शादी की थी। जम्मू कश्मीर प्रशासन ने 18 मई को मूल निवास प्रमाणपत्र जारी करने के संदर्भ में नॉटिफिकेशन जारी किया था। इसके नियमों के अनुसार अगर मूल निवास प्रमाणपत्र जारी करने वाला अधिकारी (तहसीलदार) अगर 15 दिन के भीतर इसे जारी नहीं करता है तो उस पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगेगा। इन नियमों के अनुसार जो लोग मूल रूप से जम्मू-कश्मीर के नहीं हैं लेकिन यहां 15 साल रह रहे हैं, उनके बच्चे इसे हासिल करने के हकदार हैं। इसके अलावा केंद्र सरकार के कर्मचारी और केंद्रीय संस्थानों के कर्मी और कोई भी जिसने जम्मू और कश्मीर में 7 साल तक पढ़ाई की है और वह दसवीं और 12वीं परीक्षाओं में बैठा है वे इसे पाने के हकदार हैं। एक अधिकारी ने बताया कि इस संबंध में हमें लगातार ऐप्लीकेशंस मिल रही हैं। अभी तक करीब 33,000 आवदेन आ चुके हैं। हमें औसतन 200 आवेदन प्रतिदिन प्राप्त हो रहे हैं। सरकार के इस निर्णय से गोरखा समुदाय का एक बहुत लंबा संघर्ष खत्म हुआ है। गोरखा समुदाय के लोग यहां करीब 150 सालों से रह रहे हैं। उन्होंने इसकी लगभग आस छोड़ दी थी। लेकिन अब यह इंतजार खत्म होता दिख रहा है। 68 वर्षीय प्रेम बहादुर ने हमारे सहयोगी टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया, 'मेरे पिता हरक सिंह ने यहां तब के शासक महाराजा हरि सिंह की सेना में नौकरी की थी। इसके बाद मेरा भाई ओमप्रकाश और मैंने गोरखा राइफल्स जॉइन की। मैं बतौर हवलदार रिटायर हुआ और वे (भाई) लेफ्टिनेंट हैं।' उन्होंने बताया कि सेना से रिटायर होने के बाद हम हर साल यहां स्थायी आवास प्रमाणपत्र (PRC, जो जॉब्स, अडमिशन और संपत्ति के मालिकाना हक के लिए जरूरी है) के लिए अप्लाई करते थे। लेकिन इसका कोई इस्तेमाल नहीं होता था। लेकिन अब मेरा एमबीए पास बेटा यहां सरकारी नौकरी के लिए आवदेन कर सकेगा। और अब मैं शांति से मर सकूंगा यह जानकर कि मैंने भारत की सेवा की है।
करगिल में 4.7 तीव्रता का भूकंप, नुकसान नहीं {KSM} 

करगिल देश में लॉकडाउन शुरू होने के बाद भूकंप आने का सिलसिला अभी भी जारी है। रविवार तड़के महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 4.7 थी। नैशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी की रिपोर्ट के अनुसार 3.37 मिनट पर यहां भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप का केंद्र करगिल से 433 किलोमीटर उत्तर उत्तर पश्चिम में था। अभी तक जानमाल के किसी नुकसान की कोई खबर नहीं है। इससे पहले गुरुवार को भी इस इलाके में 4.5 तीव्रता का भूकंप आया था। तब यह भूकंप दोपहर 1.11 बजे दर्ज किया गया था। शुक्रवार को दिल्ली और आसपास के इलाकों में भी 4.5 तीव्रता वाला भूकंप आया था।
मुंबई की बारिश ने शहर में फिर लगाया लॉकडाउन! {KSM} 

मुंबईकोरोना के संक्रमण के खतरे के बीच पिछले तीन दिन से मुंबई मेट्रोपॉलिटिन रीजन (MMR) की 7 महानगरपालिकों में लॉकडाउन है। अपवाद हैं तो बीएमसी और वसई-विरार महानगरपालिका। लेकिन शुक्रवार से हो रही मूसलाधार बारिश ने वसई-विरार में लॉकडाउन जैसा ही काम किया है। लोग ज्यादातर घरों पर ही रहे। सड़कों पर रोज की तुलना में बहुत कम लोग दिखे। बिल्डिगों के अंदर घूमने वालों की गतिविधियों पर भी बंदिश लग गई। इसकी एक वजह बारिश तो है ही, दूसरा कारण लोगों में यह डर बैठा हुआ है कि कहीं बारिश की वजह से उन्हें बुखार या खांसी-जुखाम न हो जाए और इस कारण उन पर कोरोना होने का बेवजह शक न हो जाए। इसलिए मौसम विभाग के अलर्ट के बाद यहां काफी लोगों ने जरूरी सामान एक सप्ताह के लिए अपने घरों में लाकर रख दिया है, ताकि बारिश में घर से बाहर न निकलना पड़े। एक बिजनेसमैन जगदीश वासुदेव घरत ने एनबीटी से कहा कि अनलॉक होने के बाद से पिछले तीन या चार सप्ताह में जैसी हलचल बाहर सड़कों पर शुरू हुई थी, शनिवार को बाहर सन्नाटा देखकर ऐसा लगा, जैसे मार्च और अप्रैल के लॉकडाउन के दौर में हम वापस पहुंच गए हैं। होटल मालिक शानवास पुतिया पुराइल ने बताया कि शनिवार को उनके बहुत कम कर्मचारी काम पर आए। ग्राहक तो आने से रहे। वसई की एवरशाइन सिटी के एक केमिस्ट प्रकाश राठौर के अनुसार, शनिवार को भारी बारिश की वजह से उनकी दुकान पर रोज की तुलना में 50 प्रतिशत ग्राहक ही आए। हालांकि, आम लोगों के लिए लोकल गाड़ियां अभी शुरू नहीं हुई हैं, पर वसई-विरार में ऑटो पिछले एक महीने में चलने शुरू हो गए हैं। लेकिन शनिवार को सड़कों पर बहुत कम ऑटो देखने को मिले। वसई-विरार में कई इलाकों में बारिश का पानी शनिवार को थोड़ा-थोड़ा भरना शुरू हो गया था। घरों की खिड़कियों से बारिश के दृश्य को देखकर लोग खुश तो बहुत हैं। बस, उन्हें एक ही डर है कि यह बारिश बीमारी बढाने का काम न करे।
कानपुर: SSP को भी लगी गोली, ऐसे बची जान {KSM} 

कानपुर ने अपने साथियों के साथ सीओ समेत 8 पुलिसकर्मियों की बेरहमी से हत्या कर दी। घटना को अंजाम देने के बाद हिस्ट्रीशीटर और उसके साथी मौके से फरार हो गए थे। मौके पर पहुंचे आईजी रेंज ने आसपास के जंगलों में सर्च ऑपरेशन करने के लिए दो टीमों का गठन किया। एक टीम एसएसपी दिनेश कुमार पी के नेतृत्व में और दूसरी टीम का नेतृत्व खुद आईजी ने किया। शुक्रवार सुबह सर्च ऑपरेशन के दौरान जंगल में पुलिस और बदमाशों के बीच मुठभेड़ हो गई। बदमाशों ने एसएसपी की टीम पर फायरिंग कर दिया, जिसमें बदमाशों की एक गोली एसएसपी के सीने में जा लगी। एसएसपी ने बुलेटपप्रूफ जैकेट पहनी थी जिसकी वजह से उनकी जान बच गई। लेकिन पुलिस की दोनों टीमों ने मिलकर दो बदमाशों को मुठभेड़ में मार गिराया। घटनास्थल पर पहुंचे आईजी रेंज कानपुर ने तत्काल जिले की सीमाएं सील करने का आदेश दे दिया। गांव और आसपास की भौगोलिक स्थिति को समझते हुए, टीमों की गठन किया। इसके बाद जंगल और आसपास के इलाकों में सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया था। गांव के आसपास काफी बड़ा और घना जंगल है। पुलिस को शक था कि बदमाश ज्यादा दूर नहीं पहुंच पाए होंगे। एसएसपी की टीम पर बदमाशों ने की फायरिंग एसएसपी दिनेश कुमार पी की टीम जंगल में बदमाशों की तलाश कर रही थी। इसी दौरान एसएसपी को चार से पांच लोग चहलकदमी करते हुए दिखाई दिए। एसएसपी ने अवाज लगाकर रुकने को कहा तो बदमाशों ने पुलिस पर फायरिंग कर दी। इसमें दुगेश त्रिपाठी घायल हो गए। पुलिस ने भी फायरिंग की। फायरिंग की अवाज सुनकर आईजी की टीम भी मौके पर पहुंच गई और बदमाशों की घेराबंदी कर दी। आईजी ने बदमाशों से सरेंडर करने को कहा, लेकिन बदमाशों ने उनकी टीम पर फायरिंग जारी रखी। एसएसपी ने पहनी थी बुलेटप्रुफ जैकेट एसपी वेस्ट अनिल कुमार एसएसपी की टीम को कवर फायर दे रहे थे। दरअसल एसएसपी बदमाशों को जिंदा पकड़ना चाहते थे और वह अपनी टीम के साथ आगे बढ़ गए। एसएसपी बदमाशों की फायरिंग रेंज में पहुंच गए। इसी दौरान बदमाशों की एक गोली एसएसपी के सीने में जा लगी, लेकिन एसएसपी ने बुलेटप्रूफ जैकेट पहनी हुई थी। एसएसपी ने भी बदमाशों की तरफ सीधा फायर किया। इसके साथ टीम के अन्य सदस्यों ने भी बदमाशों की तरफ सीधे फायरिंग करना शुरू दिया। जिसमें एक बदमाश को गोली लग गई। जिसकी शिनाख्त अतुल दुबे के रूप में हुई थी। आईजी के बालों को छूती हुई निकली गोली बचे हुए चार बदमाश एक छोटे से मंदिर के पीछ की तरफ छिप गए। आईजी की टीम पहले से ही उनकी पीछे लगी थी। बदमाशों ने आईजी की टीम पर गोलियों की बौछार कर दी। जिसमें एक गोली आईजी के बालों को छूती हुई निकल गई। इसके बाद आईजी की टीम ने भी बदमाशों की फायरिंग का जवाब दिया, जिसमें एक बदमाश को गोली लग गई और वह वहीं गिर पड़ा। बाकी के तीन बदमाश जानवरों के झुंड का फायदा उठाते भाग निकले। आईजी की टीम ने प्रेमप्रकाश पांडेय को मार गिराया था। बदमाशों के पास से पुलिस से लूटी गई पिस्टल भी बरामद हुई है।
J&K: इस बार घर बैठे होंगे बाबा बर्फानी के दर्शन {KSM} 

गोविंद चौहान, जम्मू बाबा अमरनाथ के भक्तों के लिए खुशखबरी है। अब भक्तों को घर बैठे ही बाबा के दर्शन होंगे। कोरोना के इस संकट में जब यात्रा के समय को कम कर दिया गया है। अभी यात्रा को लेकर बैठक होनी है। इसी बीच भक्तों के लिए अच्छी खबर यह है कि पांच जुलाई से में सुबह-शाम दिव्य आरती शुरू होने जा रही है। जिसका पहली बार दूरदर्शन पर प्रसारण होगा। श्रद्धालु घर बैठे पवित्र हिमलिंग के दर्शन कर पाएंगे। दिल्ली दूरदर्शन पर सुबह छह बजे और शाम सात बजे इसका लाइव प्रसारण होगा। श्री अमरनाथ जी श्राइन बोर्ड ने दूरदर्शन के साथ मिलकर प्रबंध कर लिए हैं। इसके लिए तैयारी पूरी हो चुकी है। जानकारी के अनुसार अभी यात्रा को लेकर बोर्ड की बैठक नहीं हुई है। लेकिन फिर भी माना जा रहा है कि 21 जुलाई से तीन अगस्त तक यात्रा होगी। यात्रा के लिए कठुआ के लखनपुर में भक्तों का टेस्ट होगा। बुजुर्ग यात्रियों को आने की अनुमति नहीं है। यात्रा मार्ग पर सुरक्षाबलों को तैनात कर दिया गया है। दो दिन पहले ही सरकार की तरफ से छह अफसरों को डिप्टी कैंप डायरेक्टर तैनात करके यात्रा ड्यूटी पर भेज दिया गया है। प्रशासन की एक टीम लखनपुर में लगा दी गई है। जोकि बाहर से आने वाले भक्तों का टेस्ट करवाने के लिए उनके रहने और खाने-पीने का इंतजाम करेगी। उसके बाद ही भक्तों को आगे भेजा जाएगा। माना जा रहा है कि भक्तों को जम्मू में ना रखकर सीधा कश्मीर में भेजने का प्लान है। ताकि शहर में भीड़ ना हो सके। इस प्रकार से कई इंतजाम किए गए हैं। बस अब यात्रा की घोषणा करना रह गया है। जोकि अगले सप्ताह होने वाली बोर्ड की बैठक में होगा। हर साल छड़ी मुबारक का नेतृत्व करने वाले श्रीनगर में दशनामी अखाड़े के महंत देंपेंद्र गिरि जी महाराज व्यास पूर्णिमा पर पांच जुलाई को लिद्दर नदी किनारे पूजा अर्चना करेंगे।
4 साल पुराने प्यार के बाद शादी, 4 दिन में दी जान {KSM} 

दिल्ली से सटे गाजियाबाद के थाना कविनगर में एक दिल दहलाने वाला मामला सामने आया है। यहां एक विवाहित जोड़े ने शादी के महज 5 दिन के अंदर ही दोनों ने आत्महत्या कर ली। हालांकि दोनों के आत्महत्या किए जाने का कारण अभी तक साफ नहीं हो पाया है। नवविवाहित युवक ने शादी के महज 4 दिन बाद ट्रेन से कटकर आत्महत्या कर ली, इससे परेशान होकर एक दिन बाद ही उसकी पत्नी ने भी पंखे से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। इसके बाद से दोनों ही परिवारों में कोहराम मचा हुआ है। जानकारी के अनुसार, गाजियाबाद में प्राइवेट ट्यूशन देने वाले विशाल और नोएडा की आईटी कंपनी के एचआर टीम में काम करने वाली निशा के बीच 4 साल पहले प्यार परवान चढ़ा था। दोनों गाजियाबाद में रहते थे। कुछ दिन पहले दोनों के परिवारों ने विशाल और निशा के रिश्ते को मंजूरी दे दी। इसके बाद दोनों परिवारों की मर्जी से ही 4 दिन पहले 29 जून को दोनों की शादी कर दी गई, लेकिन किसी ने यह सोचा भी नहीं था कि 4 दिन में ही दोनों इस दुनिया को अलविदा कह देंगे। परिवार के मुताबिक, शादी के 4 दिन बाद ही अगले दिन सुबह विशाल की लाश रेलवे ट्रैक पर मिली। बताया जा रहा है कि विशाल ने किसी कारण से आत्महत्या की थी। विशाल का पूरा परिवार उसकी मौत की गुत्थी सुलझाने में ही लगा हुआ था। उधर इसी गम में बीती रात निशा भी पंखे पर झूल गई और जान दे दी। इसके बाद से दोनों ही परिवार गहरे सदमे में चले गए हैं। जिस खूबसूरत जोड़े की 4 दिन पहले शादी हुई थी, वह अब इस दुनिया में नहीं है। दोनों की इच्छा के अनुसार खुशी -खुशी हुई थी शादीइस पूरे मामले की जानकारी देते हुए विशाल के भाई प्रमोद ने बताया कि विशाल और निशा की दोस्ती पिछले 4 साल से चली आ रही थी। दोनों ही आपस में बेहद प्यार करते थे और शादी करना चाहते थे। दोनों परिवारों ने उनकी इच्छा को देखते हुए 29 जून को शादी करा दी। शादी से महज 4 दिन बाद ही अचानक विशाल लापता हो गया और सुबह सूचना मिली कि उसकी लाश रेलवे ट्रैक पर पड़ी हुई है। इस बारे में निशा से भी जानकारी ली गई तो उसने भी बताया कि उससे विशाल की ऐसी कोई बात नहीं हुई है। जो विशाल इस तरह का कदम उठाता। पुलिस ने कहा, हर ऐंगल से कर रहे मामले की जांच निशा के भाई ने भी बताया कि उसकी बहन और उसके जीजा की पिछले 4 साल से दोस्ती थी और दोनों की शादी खुशी-खुशी की गई थी। लेकिन किसी को कुछ नहीं पता, अचानक ये सब कैसे हो गया। इस पूरे मामले की जानकारी देते हुए थाना कविनगर के थानाध्यक्ष मोहम्मद असलम का कहना है कि इस तरह का मामला सामने आया है। इस मामले में किसी तरह का कोई सुसाइड नोट भी बरामद नहीं हुआ है। फिलहाल पुलिस इस पूरे मामले की कई एंगल से जांच करने में जुटी हुई है।
चीन की दादागीरी रोकने को एशिया में अपनी सेना भेजेगा अमेरिका {KSM} 

नई दिल्ली चीन की एशिया में बढ़ती दादागीरी के खिलाफ अमेरिका ने कड़ा रूख अख्तियार कर लिया है। अमेरिका ने यूरोप से अपनी सेना हटाकर एशिया में तैनात करने का फैसला किया है। इसकी शुरुआत वो जर्मनी से करने जा रहा है। माना जा रहा है कि अमेरिका जर्मनी में तैनात 34,500 अमेरिकी सैनिकों में से 9,500 सैनिकों को एशिया में तैनात करेगा। अमेरिका यह कदम ऐसे समय उठा रहा है कि जब चीन ने भारत में पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास तनावपूर्ण स्थिति पैदा कर दी है, तो दूसरी ओर वियतनाम, इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलिपीन और साउथ चाइना सी में खतरा बना हुआ है। अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पॉम्पिओ ने चीन को भारत और दक्षिणपूर्व एशिया के लिए खतरा बताया है। उन्होंने कहा कि भारत, मलेशिया, इंडोनेशिया, और फिलीपीन जैसे एशियाई देशों को चीन से बढ़ते खतरे के मद्देनजर अमेरिका दुनिया भर में अपने सैनिकों की तैनाती की समीक्षा कर उन्हें इस तरह से तैनात कर रहा है कि वे जरुरत पड़ने पर पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (चीन की सेना) का मुकाबला कर सकें। पोम्पिओ ने जर्मन मार्शल फंड के वर्चुअल ब्रसेल्स फोरम 2020 में एक सवाल के जवाब में यह कहा। तैनाती ऐसी हो कि पीएलए का मुकाबला कर सकें पोम्पिओ ने कहा कि हम तय करेंगे कि हमारी तैनाती ऐसी हो कि पीएलए का मुकाबला किया जा सके। हमें लगता है कि यह हमारे समय की यह चुनौती है और हम सुनिश्चित करेंगे कि हमारे पास उससे निपटने के लिए सभी संसाधन उचित जगह पर उपलब्ध हों। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के निर्देश पर सैनिकों की तैनाती की समीक्षा की जा रही है और इसी योजना के तहत अमेरिका, जर्मनी में अपने सैनिकों की संख्या करीब 52 हजार से घटाकर 25 हजार कर रहा है। 'कम्युनिस्ट पार्टी है खतरा' पोम्पिओ ने कहा कि सैनिकों की तैनाती जमीनी स्थिति की वास्तविकता के आधार पर की जाएगी। उन्होंने कहा कि कुछ जगहों पर अमेरिकी संसाधन कम रहेंगे। कुछ अन्य जगह भी होंगे... मैंने अभी चीनी कम्युनिस्ट पार्टी से खतरे की बात कही है, इसलिए अब भारत को खतरा, वियतनाम को खतरा, मलेशिया, इंडोनेशिया को खतरा, दक्षिण चीन सागर की चुनौतियां हैं। अमेरिका ने खतरों को देखा है और समझा है कि साइबर, इंटेलिजेंस और मिलिट्री जैसे संसाधनों को कैसे बांटा जाए। कहां तैनात हो सकती है अमेरिकी सेना सूत्रों की मानें तो अमेरिका हिन्द महासागर स्थित सैन्य ठिकाने डियोगार्शिया पर पहली बार में 9500 सैनिकों को तैनात करेगा। इसके अलावा ताइवन भी अपने यहां सैना तैनाती के लिए जगह दे सकता है। बता दें कि अमेरिका के सैन्य ठिकाने जापान, दक्षिण कोरिया, डियोगार्शिया और फिलीपींस में है।
चीन से आए सामान को कस्टम नहीं दे रहा क्लीयरेंस! {KSM} 

नई दिल्ली चीन से इंपोर्ट करके दिल्ली मंगाए गए तमाम माल को कस्टम क्लीयर नहीं कर रहा है। सूत्रों का कहना है कि इंटेलिजेंस का कोई ऐसा इनपुट शेयर किया गया है, जिसमें कहा गया है कि चीन से आने वाले माल में किसी तरह का वायरस आ सकता है। इस डर की वजह से फिलहाल तमाम चीनी कंटेनर को उस वक्त तक क्लियर ना करने के लिए कहा गया है, जब तक कि उनकी गहन जांच ना कर ली जाए। कहा गया है कि इस तरह की प्रैक्टिस दिल्ली समेत देशभर में अपनाई जा रही है। हालांकि, इस मामले में दिल्ली कस्टम के चीफ कमिश्नर आलोक तिवारी का कहना है कि इस तरह के कोई आदेश नहीं दिए गए हैं। ना ही कस्टम ने चीन से इंपोर्ट किए गए किसी कंटेनर या अन्य माल को क्लियर करने से रोका है। जिन कुछ मामलों में क्लियरेंस नहीं हो सका है। उनकी कुछ और वजहें हो सकती हैं। वरना रूटीन में सबकुछ आम दिनों की तरह की क्लियर किया जा रहा है। कस्टम क्लियर नहीं कर रहा यहीं दूसरी ओर, चीन से माल मंगाने वाले कई इंपोर्टर और कस्टम हाउस एजेंट्स ने बताया कि दिल्ली एयरपोर्ट पर सोमवार रात से ही अचानक कस्टम ने चीनी माल को क्लियर करने से रोकना शुरू कर दिया। शुरू में अफवाह फैली कि चीन से इंपोर्ट बंद हो रहा है। देखते ही देखते यह अफवाह कुछ ही देर में देशभर में फैल गई। लेकिन बाद में पता लगा कि इंपोर्ट तो बंद नहीं हो रहा है। लेकिन हवाई जहाज और पानी के जहाजों से जो माल चीन से यहां आ चुका है। उसे कस्टम क्लियर नहीं कर रहा है। इसकी ठोस वजह कोई नहीं बता रहा है। हेल्थ रिलेटिड आइटमों को क्लियर इंपोर्टर का कहना है कि हेल्थ रिलेटिड आइटमों को तो क्लियर किया जा रहा है। लेकिन अन्य कोई सामान क्लियर नहीं किया जा रहा है। अगर इंपोर्ट किए गए तमाम कंटेनरों की जांच की जाएगी तो फिर क्लियर होने वाले माल की लंबी-लंबी लाइनें लगनी शुरू हो जाएंगी। इंपोर्टर ने बताया कि पहले से उनका काफी पैसा फंसा हुआ है। ऐसे में अब हमारा यह माल क्लियर नहीं हुआ तो हम लोग नए ऑर्डर नहीं दे पाएंगे। इससे आने वाले समय में और परेशानी बढ़ेगी।
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