सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि ADJ के सिर्फ 10 प्रतिशत पद ही विभागीय परीक्षा के माध्यम से भरे जाएं। न्यायमूर्ति MR Shah व न्यायमूर्ति CT Ravikumar की युगलपीठ ने अपने महत्वपूर्ण आदेश में साफ किया कि आगामी नियुक्तियों में पूर्व में भरे गए पदों में समायोजित किया जाए।
सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट द्वारा 740 ADJ के पदों पर की गई नियुक्तियों को आल इंडिया जजेस एसोसिएशन बनाम भारत संघ मे पारित निर्णय के विपरीत पाया। OBC Advocates Welfare Association के प्रतिनिधि पूर्व सेवानिवृत न्यायधीश राजेंद्र श्रीवास ने हाईकोर्ट द्वारा की गई नियुक्तियों को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।
सुप्रीम कोर्ट ने प्रथमदृष्ट्या पाया कि हाईकोर्ट ने ADJ के पदों पर विभागीय परीक्षा द्वारा निर्धारित कोटा 10 प्रतिशत से अधिक नियुक्तियां की हैं। सुप्रीम कोर्ट ने पाया कि संवैधानिक पीठ के फैसले में दी गई
गाइडलाइन के अनुरूप हाईकोर्ट ने भर्ती नियम में संशोधन भी नहीं किया है।
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