अब सरकारी स्कूल में पढ़ाई के साथ-साथ छात्राओं ने व्यवसाय के लिए इलेक्ट्रिक मैकेनिक बनने की कक्षा भी शुरू की है। छात्राएं स्कूल में ही फ्रिज, कूलर, वाशिंग मशीन, एसी, मिक्सर सुधारने का प्रशिक्षण भी ले रही हैं। छात्राओं ने कक्षा का नाम कबाड़ से जुगाड़ रखा है।
शासकीय सूरजकुंड कन्या हायर सेकंडरी जिले का पहला स्कूल है, जहां पर छात्राओं ने कबाड़ से जुगाड़ की क्लास शुरू की है। छात्राएं व स्कूल प्रबंधन लोगों के घरों पर खराब हो चुके इलेक्ट्रानिक संयंत्रों को स्कूल लाकर यह काम कर रहा है। प्राचार्य संजय निंभोरकर ने बताया कबाड़ से जुगाड़ प्रयोगशाला का नाम प्रोजेक्ट परी रखा गया है। प्रोजेक्ट का प्रमुख उद्देश्य छात्राओं को घरेलू उपकरणों की संचरना से अवगत कराना और इन उपकरणों में सुधार करवाना है। प्राचार्य ने बताया इसके पहले स्कूल में कई नवाचार हुए हैं। जिनमें चित्रकला, ताइक्वांडो, कम्प्यूटर क्लास, रेमेडियल क्लास, सुरक्षा गार्ड सहित अन्य नवाचार शामिल है।
लोग दान में दे रहे खराब इलेक्ट्रानिक उपकरण
प्राचार्य निंभोरकर ने बताया घर में यदि फ्यूज उड़ जाए तो घर के पुरुष व महिलाओं को उसे ठीक करवाने के लिए लाइनमेन की जरूरत पड़ती है। यहां कक्षा लेने पर अब छात्राएं अपने घर पर यह काम आसानी से कर सकी है। इस प्रोजेक्ट को प्रारंभ करने में लाेगों का सहयोग भी मिल रहा है। घरों में कबाड़ में पड़े ट्यूबलाइट, पंखा, कूलर, फ्रिज, गीजर, मिक्सर, ओवन, प्रेस, स्टेबलाइजर, इनवर्टर, टेबल लैंप इत्यादि उपकरण जो कबाड़ में पड़े हैं वे हमें दान में दे रहे हैं।
दो चरणों में लग रही कक्षाएं
छात्राओं को प्रशिक्षण दे रहे आईटीआई के शिक्षक अशोक श्रीवास ने बताया कक्षाएं दो चरणों में लगाई जाएगी। प्रथम चरण में प्रत्येक उपकरण के आंतरिक एवं बाह्य पार्ट्स के नाम और उसके कार्य जानना। रेखाचित्र इत्यादि का प्रोजेक्ट बनाना। दूसरे चरण में इन घरेलू उपकरणों में खराबी आने पर उनमें सुधार करना।
स्कूल की शैक्षणिक गतिविधियों पर गूगल शीट से रखी जा रही है नजर
भास्कर संवाददाता | खंडवा
शैक्षणिक गतिविधियों पर नजर रखने के लिए अधिकारियों ने गूगल पर ही एक प्रगति पत्रक तैयार किया है, जिसके माध्यम से शिक्षण की हर गतिविधि पर नजर रखने के साथ ही मिनटों में जांच रिपोर्ट भी मिल रही है। जिले के 1400 प्राथमिक व माध्यमिक स्कूलों की रिपोर्ट अधिकारी इस पोर्टल पर देखकर वहां की खामियों में सुधार करवा रहे हैं।
कोविड-19 के चलते वर्तमान में स्कूलें बंद हैं। ऐसे में जिला शिक्षा केंद्र द्वारा सर्व शिक्षा अभियान के तहत ओटला स्कूलें, मेरा घर मेरा विद्यालय, मोहल्ला स्कूल, ऑनलाइन क्लास सहित अन्य की मदद से बच्चों को शिक्षित किया जा रहा है। जिले में प्राथमिक व माध्यमिक स्कूलों को 1400 ऐसे स्थान हैं जहां पर यह गतिविधियां चल रही हैं, लेकिन इन गतिविधियों का हर दिन निरीक्षण व वहां पहुंचकर जांच करना संभव नहीं था। ऐसे में जिला शिक्षा केंद्र समन्वयक पीएस सोलंकी ने अन्य अधिकारियों की मदद से एक एप तैयार किया। प्रदेश के 52 जिलों में खंडवा जिले का जिला शिक्षा केंद्र ही एकमात्र समन्वयक संस्था है जहां पर यह नवाचार किया गया है। इस नवाचार से निरीक्षण की सराहना प्रदेश स्तर पर काफी सराहना भी की जा रही है। अब इस प्रकार का नवाचार अन्य जिलों में भी अपनाने की कवायद शुरू हो गई है।
^1400 स्थानों पर ओटला क्लास, मोहल्ला क्लास, मेरा घर मेरा विद्यालय सहित अन्य गतिविधियों के माध्यम से पढ़ाई कराई जा रही है। ऐसे में हर दिन वहां निरीक्षण करना व रिपोर्ट मंगवाना कठिन था। इस नवाचार ने प्रक्रिया को सरल कर दिया। अब स्कूलों के प्रधानपाठक हर दिन की रिपोर्ट गूगल शीट के माध्यम से शेयर कर रहे हैं।
-पीएस सोलंकी, जिला शिक्षा समन्वयक, जिला शिक्षा केंद्र
प्रधानपाठक को गूगल शीट में यह भरना है
गूगल शीट में दिनांक, ब्लाक का नाम, जनशिक्षा केंद्र का नाम, शाला का डाइस कोड, शाला का नाम, शाला का प्रकार, प्रधान पाठक का नाम, प्रधान पाठक का मोबाइल नंबर, कुल शिक्षक, उपस्थित, अनुपस्थित, अवकाश पर, फीडबैक फार्म, समर्थन फार्म, निष्ठा प्रशिक्षण में कुल शिक्षक, प्रशिक्षण पूरा करने वालों की संख्या, शाला में दर्ज छात्रों की संख्या, मोहल्ला क्लास की संख्या, मोहल्ला क्लास में उपस्थित छात्र, अनुपस्थित छात्र, क्या अभ्यास पुस्तिका पर कार्य कराया जा रहा है, अभ्यास पुस्तिका की जांच की जा रही है, छात्रों को रेडियो कार्यक्रम नियमित सुनाया जा रहा है, रेडियो कार्यक्रम के रजिस्टर में इंट्री दर्ज हो रही है। शीट भरकर जिला शिक्षा केंद्र के पोर्टल पर सबमिट करना है। शीट पांच मिनट में अधिकारियों तक पहुंच जाएगी।
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