चोरल नदी में झील गांव के जंगल में तीन महीने पहले मिली लाश का मामला अब हत्या में बदल गया है। सिमरोल पुलिस ने पहले इसे समान्य मौत माना था। विस्तृत पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद हत्या का खुलासा हुआ। अब पुलिस मृतक की पुरानी हिस्ट्री और उसकी दुश्मनी खंगाल रही है।
सिमरोल टीआई अभिनव विश्वकर्मा ने बताया कि 17 अगस्त को झील गांव के पास चोरल नदी के किनारे एक शव मिला था। ऐसा लग रहा था कि वह नदी में बहकर आया है। पुलिस ने उसे सामान्य तो माना, लेकिन चोट के निशान दिख रहे थे। प्रारंभिक तौर पर अंदाजा लगाया जा रहा था कि नदी में बहने के दौरान या मछलियों के खाने के निशान हो सकते हैं। मृतक की पहचान 45 वर्षीय सोहन पिता बाबूलाल निवासी तलाई नाका अहिल्या पठार सिमरोल के रूप में हुई।
तीन महीने बाद आई विस्तृत पीएम रिपोर्ट में हत्या का खुलासा हुआ। शव परिक्षण रिपोर्ट में उल्लेखित चोट से प्रतीत होता है कि मृतक सोहन की हत्या कर अपराध छुपाने की नीयत से शव नदी में फेंका गया है। पुलिस को पता चला है कि सोहन नदी से रेती निकालने का काम करता था। यह भी आशंका है कि नशे के दौरान उसे तत्कालीन विवाद में मारा गया होगा।
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