श्रीराम जन्म मंदिर निर्माण महासंपर्क अभियान के तहत सागर रोड स्थित पं. मोतीलाल नेहरू विधि कॉलेज में अधिवक्ता श्रेणी द्वारा संगोष्ठी आयोजित की गई। सबसे पहले कार्यक्रम के मुख्य वक्ता विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय मंत्री व गौरक्षा प्रमुख प्रो. लाल बहादुर सिंह के साथ मंचासीन वरिष्ठ पूर्व अधिवक्ता राकेश शुक्ला, कॉलेज प्राचार्य सतपंथी और कार्यक्रम संयोजक अधिवक्ता अरुण देव खरे द्वारा मां सरस्वती, भारत माता, और प्रभु रामचन्द्र जी का पूजन कर दीप प्रज्जवलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।
राम मंदिर निर्माण के लिए सामाजिक सहयोग की भूमिका पर चर्चा
मंचासीन अतिथियों का परिचय अधिवक्ता पंकज पाठक द्वारा कराया गया। महासंपर्क अभियान के प्रचार प्रमुख दिलीप सेन ने बताया कि संगोष्ठी के मुख्य वक्ता प्रो. लाल बहादुर सिंह ने कहा कि संस्कृति में संविधान होना चाहिए, किसी भी देश की पहचान संस्कृति, उसकी भाषा और रीति रिवाजों से होती है। विश्व के मुस्लिम राष्ट्र इंडोनेशिया के संविधान में व संस्कृति में राम समाए हुए हैं, वहां पर वर्ष भर रामलीलाओं का आयोजन होता है। जहां भगवान राम का जन्म हुआ उस भूमि पर विवाद क्यों रहा? जिस पर न्याय होना चाहिए।
भारत में योजनाबद्ध ढंग से आक्रमण कारियों द्वारा प्रहार कर गौरवशाली संस्कृति के साथ अन्याय किया गया। रामजी के त्याग, शौर्य का वर्णन जन-जन तक पहुंचाएं, साथ ही रामकाज के महाअभियान को समाज के प्रत्येक वर्ग को शामिल करें। संगोष्टी में वरिष्ठ अधिवक्ता व शिक्षा प्रसार समिति अध्यक्ष योगेंद्र प्रताप सिंह, एडवोकेट राकेश शुक्ला, कॉलेज प्राचार्य सतपंथी द्वारा राम मंदिर निर्माण के लिए सामाजिक सहयोग भूमिका पर प्रकाश डाला गया।
ज्योति प्यासी द्वारा श्रीराम नाम का गुलाल अंग-अंग मलो रे, संग संग चलो रे गीत प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम में सुनील द्विवेदी, अमरदीप सेठ, और प्रो रामसिंह पटेल द्वारा अतिथियों का चंदन तिलक किया गया। कार्यक्रम में अधिवक्ता अरुण चौरसिया, आनंद शर्मा, नरेंद्र खरे, राजेंद्र शर्मा, मुनीष श्रीवास्तव, रमेश पटैल, राजेंद्र गुप्ता, संतोष गुप्ता सहित अन्य लोग मौजूद रहे।
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from Dainik Bhaskar https://ift.tt/37ZlsPU December 30, 2020 at 05:07AM https://ift.tt/1PKwoAf
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