जिले में खाद्यान्न लेने वाले परिवार के पीओएस मशीन से फिंगर नहीं मिलते हैं तो वह अपना नामिनी बना सकता है। इसके लिए उसे राशन दुकान जाकर उसकी जानकारी अपडेट करानी होगी। इससे परिवार को राशन मिलेगा, वहीं दुकान के चक्कर भी नहीं लगाने पड़ेंगे। यह बात खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के संचालक तरूण पिथाेड़े ने कही है। श्री पिथोड़े ने कहा कि अब राशन दुकान महिला स्व सहायता समूह को दी जाएगी। इसके लिए वह जिले के भ्रमण पर आए थे, ताकि जो दुकानें पहले से संचालित है उन्हे देखा जा सके कि जो दुकाने पहले से संचालित है उनमें क्या दिक्कत आ रही है।
श्री पिथोड़े जिले के एक दिवसीय दौरे पर आए। जिन्होने बोड़ा, नरसिंहगढ़, पचोर, खुजनेर, संडावता सहित अन्य क्षेत्र का दौरा किया। इस दौरे के दौरान उन्होने वेयर हाउस का निरीक्षण कर राशन दुकानों का संचालन देखा। इस दौरान जिन गांवों में महिला समूह दुकाने चला रही, उनकाे देखा कि कहीं इन पर किसी एक व्यक्ति का कब्जा तो नहीं। इसके लिए श्री पिथोड़े ने रेस्ट हाउस मंे जिले के अधिकारियों की बैठक भी ली है, जिसमें पीडीएस की व्यवस्था सुधारने के साथ ही गेहूं का भंडारण व समय से आवंटन देने के लिए कहा है।
समय से होगा आवंटन, तीन स्तर पर बनेगी निगरानी समितियां
श्री पिथोड़े ने कहा कि जिले में 5 तारिख से पहले गेहूं का आवंटन किया जाए। इस ताकि लोगों केा 10 तारिख तक राशन मिल सके, इसमंे किसी प्रकार की लापरवाही नहीं हो। वहीं आवंटन व वितरण के लिए तीन स्तर पर समितियां बनाई जाए। पहली समिति राशन दुकान पर होगी, जो आवंटन व वितरण की रिपोर्ट देगी, तभी अगला राशन मिलेगा। इसके साथ ही इस तरह की समितियां ब्लॉक व जिला स्तर पर भी होगी। इसके लिए इनका पहला प्रशिक्षण शुक्रवार को होगा। इसके बाद अगला प्रशिक्षण 24 दिसंबर को आयोजित होगा।
दो साल का अनुभव जरूरी
श्री पिथोड़े ने कहा कि अब समूह को दुकान लेने के लिए कम से कम दो साल का अनुभव जरूरी है।
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from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3gWfcvf December 18, 2020 at 05:24AM https://ift.tt/1PKwoAf
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