भगवान भरोसे चल रही शहर की यातायात व्यवस्था का दंश बुधवार को एक बार फिर शहरवासियों ने भुगता। दोपहर 2 बजे के बाद ब्लूम चौक, शास्त्रीब्रिज, छोटी लाइन फाटक चौराहे से लेकर ग्वारीघाट जाने वाला एक तरफ का मार्ग घंटों जाम से कराहता रहा।
इस दौरान ट्रैफिक पुलिस के आला अधिकारियों की उदासीनता ये थी कि उनके विभाग का कोई कर्मचारी मौके पर नजर नहीं आया। जाम में फँसे वाहन चालक शहर की लचर कार्यप्रणाली को एक बार फिर कोसते नजर आए।
शहर की ट्रैफिक पुलिस कभी अमला कम होने तो कभी संसाधनों की कमी का रोना रोेती है। लेकिन असलियत ये है कि शहर के ट्रैफिक को कंट्रोल करने के लिए जिस किस्म की प्लानिंग की आवश्यकता है वो ट्रैफिक पुलिस के आला अधिकारियों के पास नहीं है। स्मार्ट प्लानिंग न होने का नतीजा शहर को जाम के रूप में भुगतना पड़ता है। जिला प्रशासन भी इस ओर से विमुख है।
ऐसे बन रहे हालात- इन दिनों वाहनों के सर्वाधिक लोड वाले क्षेत्र ब्लूम चौक, शास्त्रीब्रिज व ग्वारीघाट मार्ग हैं। इसके प्रभाव से रसल चाैक, गोरखपुर के अलावा पश्चिम के गुलौआ, आमनपुर मार्ग तक प्रभावित हो रहे हैं। इसलिए ट्रैफिक के आला अधिकारियों को यहाँ वाहनों की संख्या व पीक ऑवर्स के मुताबिक ट्रैफिक पुलिस की तैनाती करनी चाहिए।
कितना है ट्रैफिक का अमला
शहर में यातायात के कुल 3 थाने हैं। इसमें यातायात थाना मालवीय चौक में सूबेदार 5, सब इंस्पेक्टर 1, एएसआई 5, हवलदार 20 व सिपाही 57 हैं। यातायात थाना गढ़ा में निरीक्षक 1, सूबेदार 2, एएसआई 3, हवलदार 16 व सिपाही 31 हैं।
इसी तरह यातायात थाना घमापुर में सूबेदार 2, सब इंस्पेक्टर 1, एएसआई 3, हवलदार 12, सिपाही 41 हैं। वहीं अधिकारियों में एएसपी 1 व डीएसपी 4 हैं। देखा जाए तो 5500 वाहनों पर एक ट्रैफिक पुलिस कर्मी है। लेकिन यदि ट्रैफिक पुलिस के अधिकारी पुख्ता प्लानिंग करें, रोजाना जाम वाले क्षेत्रों का निरीक्षण और जाम की वजह का आकलन करें तो काफी हद तक सड़कों को जाम मुक्त किया जा सकता है।
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from Dainik Bhaskar https://ift.tt/380Zg8b December 31, 2020 at 05:20AM https://ift.tt/1PKwoAf
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