हमीदिया अस्पताल के अपग्रेडेशन के मामले में लापरवाहियों का सिलसिला थम नहीं रहा है। आलम यह है कि दो साल पिछड़ चुके प्रोजेक्ट को जल्द पूरा करने में जिम्मेदार रुचि नहीं ले रहे हैं। यही वजह है कि आइटम एप्रूवल की फाइल सालभर बाद भी अटकी पड़ी है। यही वजह है कि भले बिल्डिंग का काम छह महीने में पूरा हो जाए, फिर भी बिल्डिंग का उपयोग अभी सालभर और नहीं हो पाएगा।
दरअसल, जब बिल्डिंग के निर्माण का काम निर्माण कंपनी को दिया गया था, उसके बाद से कुछ आइटम में बदलाव किया गया है। इनमें दरवाजे और खिड़कियों में लगने वाले कांच प्रमुख हैं। तब निर्माण कंपनी क्यूब कंस्ट्रक्शन ने आइटम एप्रूवल का प्रस्ताव निर्माण एजेंसी पीआईयू को भेजा। लेकिन, पीआईयू के अधिकारियों ने इस फाइल को दबाकर रख लिया है। कंपनी इस दौरान 10 से ज्यादा बार पत्र लिख चुकी है, लेकिन अब तक आइटम एप्रूवल नहीं मिला है।
कुछ प्रमुख सामानों में किए गए बदलाव
- फायर डोर - पहले एक घंटे तक आग सहन करने वाले दरवाजे लगने थे, अब 6-7 घंटे तक आग सहने वाले दरवाजे लगाए जाने हैं।
- टफन ग्लास - 13 मंजिला बिल्डिंग की खिड़कियों में पहले सामान्य कांच ही लगने थे, अब टफन ग्लास लगाए जाने हैं।
- ई वेपोरेटर - पानी को कम समय में सुखाने के लिए उपयोग में आता है।
अफसरों काे 10 से ज्यादा पत्र लिखे
करीब 20 आइटम में बदलाव किए गए हैं या फिर नए आइटम जोड़े गए हैं। लेकिन, इनका एप्रूवल सालभर से अटका है। 10 बार लिख चुके हैं।
विंगेश श्रीवास्तव, प्रोजेक्ट मैनेजर, क्यूब कंस्ट्रक्श्न
डेडलाइन तय- शुरू नहीं हो पा रही खरीदी प्रक्रिया- बिल्डिंग के निर्माण के लिए मार्च 2021 डेडलाइन है। निर्माण 85 प्रतिशत से अधिक हो चुका है। कंपनी रफ्तार तेज करके निर्माण की कोशिश कर रही है। लेकिन, जिन आइटम में बदलाव किया गया है या फिर नए आइटम जोड़े गए हैं, एप्रूवल नहीं मिलने के कारण कंपनी उनकी खरीदी की प्रक्रिया ही शुरू नहीं कर पाई है।
रेट ज्यादा होने से प्रस्ताव वापस किया
कंपनी की तरफ आइटम एप्रूवल के प्रस्ताव में रेट कुछ ज्यादा थे इस कारण प्रस्ताव वापस किया गया है।
एसएल सूर्यवंशी, चीफ इंजीनियर, पीआईयू
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