प्रदेश के 56 नगरीय निकायों में वोटर लिस्ट का समरी रिवीजन 14 दिसंबर तक पूरा हो रहा है, जिनमें 30 नगर परिषद वे हैं, जिनका गठन अभी हुआ है। इसके बाद राज्य निर्वाचन आयोग प्रदेश में नगर सरकारों के चुनावों की घोषणा कर सकता है। प्रदेश में कुल 404 नगरीय निकायों में से 345 नगरीय निकायों के चुनाव कराया जाना है, जिनका कार्यकाल पूरा हो चुका है। 59 नगरीय निकाय ऐसे हैं जिनका कार्यकाल 1 जनवरी 2021 के बाद भी बाकी रहेगा इस लिहाज से इन निकायों में चुनाव नहीं होगा।
इन निकायों में कार्यकाल पूरा होने के बाद ही चुनाव कराए जाएंगे। प्रदेश के नगरपालिक निगमों, नगर पालिका और नगर परिषदों के आगामी निर्वाचन के लिए महापौर/ अध्यक्ष पद के आरक्षण की कार्रवाई 9 दिसंबर को होगी। महापौर/ अध्यक्ष पद के आरक्षण की कार्यवाही 407 नगरीय निकाय के लिए की जाएगी। इनमें 16 नगर निगम, 99 नगरपालिका और 292 नगर परिषद हैं।
सिर्फ नगरीय निकाय क्षेत्र तक सीमित रहेगी आचार संहिता: प्रदेश में होने जा रहे नगरीय निकायों के चुनाव में आचार संहिता के स्वरूप का निर्धारण राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा तय गाइड लाइन के हिसाब से होगा। इसमें जिस नगरीय निकाय में चुनाव होना है, आचार संहिता वहीं तक प्रभावी होगी। नगर निगम की सीमा के बाहर आचार संहिता प्रभावी नहीं होगी।
नगरीय निकाय चुनावों में देरी होने पर भी दिक्कत नहीं
यदि नगरीय निकाय चुनाव का ऐलान होने में देरी होती है तो वोटर लिस्ट 1 जनवरी 2020 की ही प्रभावी रहेगी। इसमें राज्य निर्वाचन आयोग को शक्तियां प्राप्त हैं कि वह चुनाव कराने के बाद अगली यानी 1 जनवरी 2021 की स्थिति में वोटर लिस्ट अपडेट करे।
इन पर कोई असर नहीं
- सरकार की जो योजनाएं चल रही हैं वे निरंतर चलती रहेंगी।
- कैबिनेट की बैठक हो सकेगी, सरकार के महत्वपूर्ण नीतिगत फैसले लिए जा सकेंगे।
- कोविड-19 महामारी से निपटने के कामों पर किसी तरह की रोक नहीं लगेगी।
- संबल योजना में हितग्राहियों के नाम जोड़े जा रहे हैं। इस योजना का काम आगे भी जारी रहेगा।
- सरकार को नगरीय निकाय क्षेत्र से संबंधित कोई जरूरी काम है तो वह राज्य निर्वाचन आयोग से इजाजत मिलने के बाद किया जा सकता है।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3lOi665 December 07, 2020 at 05:28AM https://ift.tt/1PKwoAf
0 Comments