आयुर्वेदिक डॉक्टरों को सर्जरी करने के अधिकार देने के विरोध में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) की ओर से शुक्रवार को पूरे देश में निजी अस्पताल और क्लीनिक बंद रखने का ऐलान किया गया था। आईएमए के ग्रेटर भोपाल ब्रांच ने भी राजधानी के एलोपैथिक डॉक्टरों की ओर से मरीजों को नहीं देखने का दावा किया था। लेकिन, शहर में बंद का मिला-जुला असर ही रहा। कुछ डॉक्टरों ने मरीज नहीं देखे तो कुछ डॉक्टरों ने अपने अस्पताल और क्लीनिक खुले रखे और मरीजों का इलाज भी किया।
सर्जरी के अधिकार दिए जाने के समर्थन और आईएमए के बंद के विरोध में आयुर्वेदिक डॉक्टरों ने शुक्रवार को मरीजों को नि:शुल्क देखने और पंडित खुशीलाल शर्मा आयुर्वेदिक अस्पताल की ओपीडी दोपहर दो बजे तक चलाने का दावा किया था। लेकिन, अस्पताल की ओपीडी हररोज की भांति एक बजे ही बंद हुई। अधिकांश आयुर्वेदिक डॉक्टरों ने शाम को अपने क्लीनिक खोले ही नहीं।
भास्कर लाइव.. पीछे के रूम में मरीज देख रहे थे डॉक्टर, इधर...1 बजे ही बंद हो गई ओपीडी
सिद्धांता अस्पताल, कोलार, समय - दोपहर 11 बजे
रिसेप्शन पर एक कर्मचारी के अलावा एक और महिला कर्मचारी मौजूद है। उन्होंने बताया कि डॉ. संदीप सिंह अवेलेबल हैं और मरीजों को देख रहे हैं। डॉ. सिंह अपने केबिन के बजाय पीछे एक रूम में मौजूद थे, जहां मरीजों को देख रहे हैं।
नर्मदा हॉस्पिटल, अरेरा कॉलोनी, समय - दोपहर 11.41 बजे
अस्पताल के बाहर 20 से ज्यादा लोग मौजूद हैं। काउंटर पर मौजूद कर्मचारी से पूछा कि महिला को पेट में दर्द है, इलाज मिलेगा? तो बताया जनरल फिजीशियन डॉ. गोपाल वाजपेयी देख लेंगे।
पं. खुशीलाल आयुर्वेद अस्पताल, समय- दोपहर 1.40 बजे
काउंटर के बाहर दो लोग मौजूद हैं, अंदर विंडो खाली हैं। पूछने पर एक युवक ने बताया कि रजिस्ट्रेशन तो यहीं होते हैं लेकिन 1 बजे ओपीडी का समय खत्म हो गया। पूछा कि शुक्रवार को ओपीडी दो बजे तक थी? जवाब मिला, नहीं।
आयुर्वेदम केंद्र, चूनाभट्टी, समय - दोपहर 2.10 बजे
यहां लाइट बंद है, बार-बार आवाज लगाने पर एक युवक सामने आया। डॉक्टर हैं? जवाब मिला- डॉक्टर तो दो बजे निकल गए। शाम को कितने बजे बैठते हैं ताे कहा- आज नहीं बैठेंगे।
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