हनी ट्रैप गैंग से एसआईटी द्वारा जब्त किए गए इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स की रिपोर्ट किसी भी आरोपी को नहीं दी जाएगी। निचली अदालत में जब एसआईटी ने रिपोर्ट पेश की थी, तब जांच रिपोर्ट सभी आरोपियों को देने के आदेश जारी किए गए थे।
इस आदेश पर रोक लगाने के लिए गुरुवार को एसआईटी ने हाई कोर्ट में अर्जी दायर की थी। शुक्रवार को हाई कोर्ट ने सुनवाई करते हुए निचली कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी है। एसआईटी की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता पुष्यमित्र भार्गव ने पैरवी की।
हाई कोर्ट को बताया कि विशेष कोर्ट में एसआईटी ने गैजेट्स की जांच रिपोर्ट पेश कर दी है। इसे कोर्ट को अपने स्तर पर ही रखा जाना चाहिए। इसे सार्वजनिक नहीं करना चाहिए। एसआईटी द्वारा अभी जांच की जा रही है। ऐसे में रिपोर्ट लीक हुई तो जांच प्रभावित हो सकती है।
पूर्व में भी एसआईटी ने जो जांच रिपोर्ट हाई कोर्ट को सौंपी थी, वह सीलबंद थी। केवल कोर्ट ने ही उसका अवलोकन किया था। जब्त गैजेट्स से मिली जानकारी के आधार पर एसआईटी आगे की जांच करेगी।
गैंग की एक महिला ने बयान के लिए दिया आवेेदन
हनी ट्रैप गैंग की एक आरोपी महिला ने धारा 164 में बयान देने के लिए भोपाल के जिला व सत्र न्यायालय में आवेदन दिया है। मानव तस्करी का आरोप भी एसआईटी द्वारा उक्त महिला पर लगाया गया है। एसआईटी ने आरोपी बनाने के बाद भी धारा 164 के बयान नहीं कराए थे।
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