विश्व मृदा दिवस के अवसर पर शनिवार को कृषि विज्ञान केंद्र में कृषि विशेषज्ञों ने मिट्टी की सेहत के बारे में जानकारी दी। इसमें 39 किसानों ने हिस्सा लिया। कृषि विज्ञान केंद्र प्रमुख डॉ. डीके वाणी ने किसानों को मिट्टी की आवश्यकता, मिट्टी के प्रमुख पोषक तत्व, नरवाई जलाने व रासायनिक तत्वों के उपयोग से होने वाले दुष्परिणामों से अवगत कराया। उन्होंने बताया जिलेभर की मिट्टी गेहूं वाले खेत में जिंक, सोयाबीन में सल्फर व टमाटर के खेत में आयरन व बोरान की कमी देखी गई है। मिट्टी विशेषज्ञ वायके शुक्ला ने किसानों स्पष्ट कहा कि किसी भी फसल का उत्पादन लेने के पूर्व मिट्टी की जांच आवश्यक रूप से करा लें। कमी मिलने पर पोषक तत्वों को डालकर मिट्टी की गुणवत्ता बढ़ाएं। खेत से मिट्टी के नमूने लेने की तरीके भी बताए गए। डॉ.आशीष बोबड़े ने रबी फसलों पर लगने वाले कीट को नियंत्रित करने के उपाय बताए। डॉ. सौरभ गुप्ता ने मौसम परिवर्तन के बारे में बताया। उधर, विश्व मृदा दिवस पर मिट्टी की सेहत को लेकर दिल्ली से कृषि राज्य मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला व कैलाश चौधरी को सीधा प्रसारण केविके में मौजूद किसानों को सुनाया। इसके बाद किसानों को मुर्गीपालन, अजोला, फसल संग्रहालय यूनिट का भ्रमण कराया। कृषकों को लाने में एफीकोर संस्था का सहयोग रहा।
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from Dainik Bhaskar https://ift.tt/2LbN0bX December 06, 2020 at 05:17AM https://ift.tt/1PKwoAf
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