जिले में सभी प्रकार के भू-माफियाओं, अतिक्रमण करने वालों और मिलावटखोरों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की गई है। इसी कड़ी में अब कलेक्टर रोहितसिंह ने सहकारिता उपायुक्त अंबरीष वैद्य को कोऑपरेटिव हाउसिंग सोसायटियों में गड़बड़ियों का पता लगाने को कहा है। प्लॉट में हेरफेर करने और सदस्यों से राशि लेने के बावजूद प्लॉट नहीं देने वालों का पता लगाया जाएगा।
इसके पहले कलेक्टर के निर्देश पर एडीएम जेएस बघेल, डिप्टी कलेक्टर ज्योति परस्ते और उपायुक्त अंबरीष वैद्य ने चिटफंड कंपनियों की जांच शुरू की है। डिपॉजिटर्स की ओर से उनके प्रतिनिधि आशीष पंड्या ने अभी तक की कार्रवाई पर संतोष जताया।
उनका कहना है जमा राशि मिलने का रास्ता निकल सकता है। हाउसिंग सोसायटी और चिटफंड कंपनियों को लेकर उपायुक्त वैद्य का कहना है, झाबुआ छोटा शहर होने से कई बार पीड़ित खुलकर सामने नहीं आते हैं। लेकिन ये लोग सीधे हमारे पास शिकायत करते हैं तो निराकरण के लिए कार्रवाई की जाएगी।
पहले हो चुकी बड़ी कार्रवाई
उपायुक्त सहकारिता वैद्य ने इसी साल जनवरी में मेघनगर के भाजपा नेता संजय श्रीवास और गणेश प्रजापत के यहां छापे मारे थे और जमीनों की हेराफेरी के दस्तावेज जब्त किए थे। गणेश प्रजापत को जेल भी जाना पड़ा था। इसके बाद वैद्य का तबादला धार हो गया। लेकिन 5 महीने पहले वह फिर से झाबुआ आ गए।
आने के बाद एक भाजपा नेता के प्रभाव वाली शासकीय कर्मचारी हाउसिंग सोसायटी और पीटर बबेरिया व रेमू भाबर के एकाधिकार वाली उदयपुरिया स्थित हाउसिंग सोसायटी की गड़बड़ियों का संज्ञान लेकर जांच शुरू की। है। देवझिरी सोसाइटी में खाद्यान्न सहित दूसरी गड़बड़ियों पर सहकारिता एक्ट की धारा 60 के तहत निरीक्षण टीम भी बनाई।
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