अवैध कटाई के मामले में प्रदेश में सबसे ज्यादा संवेदनशील होते जा रही चोरल रेंज में फिर डिप्टी रेंजर, वनरक्षक को सस्पेंड कर दिया गया, जबकि इंदौर वन मंडल के मिस मैनेजमेंट के कारण यहां जंगल साफ हो रहा। कई बीट में डिप्टी रेंजर, वनपाल के पद खाली पड़े हैं। खास ये है कि प्रधान मुख्य वन संरक्षक दो बार राज्य स्तरीय टीम बनाकर यहां की जांच करा चुक हैं। फिर भी यहां पेड़ों को कट (घावटी) लगाकर पहले सुखाया जा रहा है। फिर अंधेरे में काटकर अवैध परिवहन किया जा रहा है।
बड़े अधिकारी खुद को बचाने के लिए छोटे अधिकारियों को सस्पेंड कर भोपाल में कार्रवाई करना बता देते हैं, जबकि 50 से ज्यादा पेड़ कटने के बाद एसडीओ, वन संरक्षक भी कार्रवाई की जद में आ जाते हैं।
हर साल कट रहे एक हजार से ज्यादा पेड़, छोटों पर हो रही कार्रवाई
चोरल रेंज में तीन साल में दो बार राज्य स्तरीय टीम आकर जांच कर चुकी है। अब तक तीन हजार से ज्यादा पेड़ कट चुके हैं। पहली बार बनी कमेटी में महू एसडीओ राकेश लहरी भी शामिल थे। उस वक्त कमेटी ने दो वन संरक्षक, एसडीओ और तीन रेंजर से वसूली किए जाने की सिफारिश की थी।
इसके बाद दूसरी कमेटी ने भी महू और चोरल में जांच की थी। इस कमेटी की सिफारिश अभी आना बाकी है। अब फिर 150 के लगभग पेड़ कटने का मामला सामने आने पर वन संरक्षक डॉ. किरण बिसेन ने दो अदने से कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया, जबकि पहली कार्रवाई रेंजर पर होना चाहिए थी।
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from Dainik Bhaskar https://ift.tt/37xScj4 December 21, 2020 at 05:04AM https://ift.tt/1PKwoAf
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