खुद को टेक्सटाइल कारोबारी बताने वाला कथित तांत्रिक संजय पालीवाल को अब पछतावा हो रहा है। आरोपी रिमांड पर है। पुलिसकर्मियों से बातचीत के दौरान आरोपी बोला कि इतने लोगों को ठगा इसका कोई पछतावा नहीं है। मुझे पता है धोखाधड़ी की सजा क्या होती है। कुछ लोगों से रुपए लेकर गलती की, उन्होंने मेरे साथ मारपीट भी की। अगर उन लोगों के रुपए नहीं लेता तो चुनाव भी लड़ सकता था। विधायक-महापौर बनना मेरे लिए आसान था। आरोपी को यह गुमान इसलिए भी है कि उसे लोग गुरु कहते थे। खुद को तंत्र-मंत्र का जानकार बताने के लिए श्मशान भी जाता था। इसलिए लोग तांत्रिक भी समझते थे। आरोपी ने अपने करीबियों को भी नहीं छोड़ा जो लोग सबसे ज्यादा भरोसा करते थे उनके साथ भी विश्वासघात किया।
भक्तों से कहता था माता-पिता जज व भाई आईजी हैं
आरोपी खुद को टैक्सटाइल उद्योग का मालिक बताता था। लोगों से एक ही बात कहता था सब मोहमाया है, अपन तो दादाजी की सेवा करने आए हैं। होली, गणेशजी व नवदुर्गा के समय चंदा लेने पर युवकों को 5-10 हजार रुपए तो ऐसे ही दे देता था। इस कारण लोग उसे काफी पसंद करते थे। लोगों के सामने बड़ी बातें करता। मेरे माता-पिता जज हैं। भाई आईजी है। नागपुर में संतरे के कई एकड़ में खेत है। 40 करोड़ रुपए सालाना आय होती है। उसकी बड़ी बातों में शहर के कई लोग फंस गए।
महिलाओं को बनाया बहन
महाठग ने शहर में करीब 500 महिलाओं को बहन बनाया था। उन्हें भी कहीं न कहीं नुकसान पहुंचाया। किसी को 10 हजार रुपए दिए तो उसके बदले लोन के नाम पर दस्तावेज जमा कर 5 से 15 लाख रुपए तक लोन निकाल लिया। आरोपी ने घंटाघर और लैंडमार्क में ऑफिस खोल रखा था। जिसे दुकान मालिकों ने खाली करवा लिया। घंटाघर क्षेत्र की भाविका पटेल भी आरोपी को गुरुजी कहती थी। उसके नाम पर भी 5 से 10 लाख रुपए का लोन लिया। किस्त जमा नहीं होने पर बैंक से फोन आया तब पता चला कि ठगी हो गई है।
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from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3gdnmiv December 06, 2020 at 05:17AM https://ift.tt/1PKwoAf
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