एक ट्राले में गाय के 59 बछड़ों को भरकर ले जा रहे चार आरोपियों को हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने इस शर्त पर जमानत दी है कि वह पशु चिकित्सा अस्पताल जाएंगे। वहां देखेंगे कि जानवरों को कैसी-कैसी पीड़ा होती है। साथ ही मवेशियों के इलाज के लिए 10-10 हजार रुपए भी देंगे। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने ही वकीलों से पूछा था कि इन्हें आखिर क्या सबक सिखाया जाए, ताकि इन्हें मवेशियों की भी पीड़ा समझ में आ सके। कोविड-19 के कोष में पैसा जमा करने, गौशाला में सेवा देने के सुझाव भी कोर्ट को दिए गए, लेकिन कोर्ट ने इलाज में दान और वहां जाकर जानवरों की पीड़ा समझने की शर्त रखी।
ठूंसकर भरे बछड़े, कुछ जख्मी हुए
मो. अकरम सहित चार लोगों के खिलाफ पुलिस ने गोवंश अत्याचार, पशु क्रूरता अधिनियम के तहत के केस दर्ज किया था। चारों आरोपी करीब तीन महीने से जेल में हैं। इनकी तरफ से अधिवक्ता मनीष यादव ने याचिका दायर की थी। याचिका में उल्लेख किया कि बछड़ों को वध करने के लिए नहीं, बल्कि मंडी में बेचने जा रहे थे। वहीं, पुलिस की ओर से बताया गया कि ट्राले में ठूंस-ठूंसकर बछड़े भरे हुए थे। इससे कई बछड़े बुरी तरह जख्मी भी गए थे।
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from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3mTgh9d December 07, 2020 at 05:22AM https://ift.tt/1PKwoAf
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