बारिश के बाद मौसम साफ होने से लगातार तापमान में गिरावट दर्ज की जा रही है। रात का पारा 6 डिग्री के नीचे पहुंच गया है। शुक्रवार को सीजन में सबसे कम 5.8 डिग्री रात का तापमान दर्ज किया गया।
पिछले पांच सालों में 19 दिसंबर के तापमान की स्थिति देखें तो इस साल 19 तारीख को रात का पारा सबसे कम है। इसके पहले 2016 में रात का पारा 6 डिग्री के कम पहुंचा था। 2019 में 19 दिसंबर को रात का तापमान 6.6 डिग्री दर्ज किया गया था। इस साल सर्द हवाओं का असर बढ़ने के साथ तापमान में गिरावट दर्ज की जा रही है।
जिससे ठंड बढ़ गई है। सुबह शाम ठंड लोगों को कंपा रही है। दिन के समय भी ठंड से राहत नहीं मिल पा रही है। दिनभर लोग गर्म कपड़ों का सहारा लेकर ठंड से राहत पा रहे हैं। शाम 7 बजे से ही लोग घरों में दुबकने लगे हैं।
सुबह छह बजे जिला अस्पताल में ठंड का असर अलग देखने को मिला। लोग सीएमएचओ कार्यालय के सामने अलाव जलाकर तापते रहे। रैन बसेरा में ताला पड़ा होने की वजह से लोगों को उसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। उधर वृद्धाश्रम में भी बुजुर्गों को परेशानी जा रही है। दो दिन तक उन्हें अलाव जलाने के लिए लकड़ी नहीं मिली, जिस पर बुजुर्गों ने नेकी की दीवार में पड़े पुराने कपड़े जलाकर आग तापी, जिससे कुछ उन्हें रात मिली, शुक्रवार को देर शाम उन्हें लकड़ी जलाने के लिए दी गई।
इधर बस स्टैंड और घंटाघर चौराहा पर भी अलाव जलाने के लिए अलग से कोई इंतजाम नहीं किया गया है। बाजार में भी रात 9 बजे तक दुकानें बंद होने लगी हैं। इधर धुंध छाने और शीत लहर चलने से फसलों को पाला कीट व्याधि से नुकसान की संभावना कृषि वैज्ञानिक जता रहे हैं।
कृषि विज्ञान केंद्र के कृषि मौसम वैज्ञानिक राजेश खवसे के अनुसार तीन दिन तक जिले में शीत लहर चलने की संभावना है। तापमान में गिरावट दर्ज की जा सकती है। किसान अपनी फसलों की सतत निगरानी करते रहें और कीटव्याधि आदि नुकसान से बचाव के लिए दवा का छिड़काव करें।
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from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3r97YsB December 20, 2020 at 04:40AM https://ift.tt/1PKwoAf
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