प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के तहत जिले के 34 अनुसूचित जाति बाहुल्य गांवों को आदर्श गांव के रूप में विकसित करने के लिए चयन किया गया है। अभिसरण समिति की बैठक में अध्यक्ष व कलेक्टर सुभाष कुमार द्विवेदी व समिति के अन्य शासकीय सदस्यों के समक्ष 34 गांवों की तैयार कंपलीट व्हीडीपी का पीपीटी के माध्यम से प्रदर्शन किया गया।
उन्होंने पीएचई, जिला पंचायत, आरईएस, कृषि कल्याण विभाग, महिला एवं बाल विकास, शिक्षा विभाग, एमपीईबी, जल संसाधन विभाग, खाद्य विभाग, लीड बैंक आदि विभागों के अधिकारियों से जिले के चयनित 34 गांवों की तैयार की गई, ग्राम विकास योजना व्हीडीपी में शामिल विकास कार्यों के प्रस्तावों की समीक्षा भी की।
ग्राम विकास योजना में पीएचई विभाग के जल जीवन मिशन अतंर्गत पहले से शामिल प्रस्तावों की 804.96 लाख रुपए की राशि के अलावा कलेक्टर द्विवेदी के निर्देश पर 13 गांवों में तैयार डीपीआर की 1229.40 लाख रुपए की राशि को सम्मिलित करने का निर्णय लिया।
शेष अन्य विभागों के सम्मिलित विकास कार्यों के प्रस्तावों का सर्वसम्मति से सहमति के बाद प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजनान्तर्गत जिले के चयनित कुल 34 गांवों में तैयार ग्राम विकास योजना की कुल 3821.36 लाख रुपए की ग्राम विकास योजना व्हीडीपी का अनुमोदन किया जाकर आवंटन की मांग के लिए आयुक्त अनुसूचित जाति विकास मप्र भोपाल को भेजने के लिए निर्देशित किया गया।
गौरतलब है कि भारत सरकार, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय की ओर से प्रवर्तित प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजनान्तर्गत जिले के 34 अनुसूचित जाति बाहुल्य ग्रामों का आदर्श ग्राम के रूप में चयन किया गया है।
भारत सरकार ने इस योजना के लिए आयुक्त, अनुसूचित जाति विकास, मप्र भोपाल को नोडल एजेंसी बनाया है। प्रमुख सचिव, अनुसूचित जाति कल्याण विभाग, मप्र शासन भोपाल एवं आयुक्त, अनुसूचित जाति विकास, मप्र, भोपाल के निर्देशानुसार जिले के चयनित 34 ग्रामों का संबंधित ग्राम पंचायत के सचिवों एवं जीआरएस तथा अन्य संबंधित ग्राम के मैदानी कर्मचारियों द्वारा भारत सरकार के निर्धारित एवं चयनित प्रपत्रों में गांव के हर परिवार का सर्वे काम पूरा कर, भारत सरकार के एमआईएस पोर्टल पर चयनित ग्रामों में नल जल मिशन योजना अंतर्गत हैंडपंप, ट्यूब बैल्स, पाइप लाइन का
विस्तार, पानी की टंकी, मनरेगा के तहत सड़क, नाली, शौचालय, बस्ती विकास योजना से सीसी रोड़, अनुजाति/जनजाति वर्ग के बीपीएल परिवारों को विद्युत कनेक्शन तथा स्ट्रीट लाईट, सोलर सिस्टम, आंगनवाड़ी भवन निर्माण, जैविक खाद उत्पादन, वर्मी कम्पोज्ड, गोबर गैस प्लांट कोमन सर्विस सेन्टर एवं साइबर कैफे, पंचायत भवन में इंटर नेट सुविधा, सीमेंट डस्टबिन, सूखा/ गीला कचरा के लिए डस्टबिन, इत्यादि विकास कार्यों की कार्ययोजना तैयार कर व्हीडीपी तैयार की गई। व्हीडीपी का ग्राम अभिसरण समिति के द्वारा अनुमोदन कराया गया।
योजना का उद्देश्य विकास करना
प्राथमिक रूप से, संगत केद्रीय एवं राज्य योजनाओं के अभिसरण क्रियान्वयन के माध्यम से इन गांवों को अंतराल पूर्ति निधि के रूप में केंद्रीय सहायता औसतन 20 लाख रुपए प्रति गांव तक प्रदान करना, इसमें 5 लाख रुपए की अतिरिक्त राशि प्रदान की जा सकती है यदि राज्य भी इसके अनुसार अंशदान करता है। उन कार्यकलापों को शुरू करने के लिए अंतराल-पूर्ति घटक की उपलब्धता कराना, जो केन्द्र एवं राज्य सरकार की मौजूदा योजनाओं के तहत कवर नहीं होते हैं, और उन्हें अंतराल-पूर्ति घटक के अंतर्गत शुरू किया जाना हो।
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from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3qw8dgH December 05, 2020 at 05:14AM https://ift.tt/1PKwoAf
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