बच्चे, महिलाएँ और बुजुर्ग यदि हाथों में विरोध वाली तख्तियाँ लेकर सड़क को जाम करें तो निश्चित ही मामला गंभीर होता है। ऐसा बहुत कम ही देखने मिलता है कि जब किसी आंदोलन का नेतृत्व यह वर्ग करे। मामला काफी संवेदनशील और तार्किक था क्योंकि भैंसासुर मार्ग वर्षों से इतना जर्जर है कि उस पर अब चलना खतरे से खाली नहीं है।
इस मार्ग पर रहने वाले लोगों का कहना है कि हम भी निगम को नियमित तौर पर टैक्स देते हैं तो फिर हमें सड़क की सुविधा क्यों नहीं दी जा रही है, बस इसी माँग को लेकर शुक्रवार को सड़क को जाम किया गया। भैंसासुर मंदिर के पास शुक्रवार की सुबह से ही सड़क पर कुर्सियाँ रखकर बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों ने जाम लगा दिया था। यहाँ से आवाजाही करने वालों को घूमकर जाना पड़ रहा था। बच्चे किसी को भी यहाँ से निकलने नहीं देना चाह रहे थे।
स्थानीय निवासी महेश बजाज, संदीप सिंह, योगेश जोशी और सत्यम अग्रवाल ने बताया कि इस मार्ग पर करीब 500 परिवारों के रहवास हैं और उनका रोजाना इसी मार्ग से आना-जाना होता है। सड़क इतनी खराब हो चुकी है कि अब इस पर चलना मुश्किल हो गया है। कई लोग दुर्घटना का शिकार हो चुके हैं। कई बार सीएम हैल्पलाइन में शिकायत की गई लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया, बल्कि यह जरूर कहा गया कि शिकायत वापस ले ली जाए सड़क बनवा देंगे। मौके पर निगम के अधिकारियों ने यह आश्वासन दिया कि शीघ्र ही सड़क की मरम्मत कराई जाएगी, तब जाकर धरना समाप्त हुआ।
केन्ट से भी माँग
लोगों ने केन्ट बोर्ड के नाम भी शिकायती पत्र सौंपाते हुए कहा कि सड़क किनारे खुले में मांस और मछली का विक्रय कराया जा रहा है। बदबू और गंदगी से लोग परेशान रहते हैं, आवारा कुत्ते भी परेशान करते हैं। सड़क पर ही ऑटो और अन्य वाहनों की मरम्मत होती है।
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from Dainik Bhaskar https://ift.tt/2KNWytx November 28, 2020 at 05:23AM https://ift.tt/1PKwoAf





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