शहर के पश्चिमी हिस्से का प्रमुख चौराहा अंधमूक, सड़क पर ट्रकों के कब्जे की वजह से आम आदमी के लिए तकलीफदेय साबित हो रहा है। इस चौराहे के दो किलोमीटर के दायरे में हालात ऐसे हैं कि जैसे पूरी सड़कों पर ट्रक और गैराज मालिकों ने कब्जा कर लिया है।
यदि ये ट्रक किनारे खड़ें हों या पार्किंग की जगह हो तो इनसे किसी को परेशानी नहीं होगी, लेकिन स्थिति यह है कि ट्रकों को ऐसी जगह खड़े कर दिया जाता है जहाँ से लोगों को निकलना है।
तेज गति से हाईवे पर आदमी चौराहे से निकल ही नहीं सकता। ट्रकों का कब्जा यहाँ आस-पास इस तरह समझा जा सकता है कि चौराहे पर फ्लाई ओवर बनाया गया है लेकिन उसके ऊपर तक वाहनों को खड़ा किया जा रहा है। पश्चिमी हिस्से से शहर में प्रवेश करने वाले इस उपयोगी चौराहे से लेकर कई किलोमीटर के दायरे में अतिक्रमण करने की होड़ सी मच गई है।
कोई समझने तैयार नहीं है कि बड़ी मशक्कत और लंबे इंतजार के बाद हाईवे को चौड़ा किया गया है। यह आम आदमी की सहूलियत के लिए बनाया गया है लेकिन यहाँ देखकर लगता है कि जैसे इस 20 0 फीट के चौड़े हाईवे को ट्रक मालिकों के लिए कब्जा करने के लिए ही बनाया गया है। पहले जब सड़क सँकरी थी तब यहाँ पर इतने गैराज और ट्रक नहीं दिखाई देते थे पर इस समय तो जैसे बाढ़ सी आ गई है।
ट्रकों का सड़कों पर कब्जा होने से यहाँ गुजरने वाले लोगों को बड़ी परेशानी हो रही है। यह हाईवे पर सुगम ट्रैफिक के लिहाज से भी उचित नहीं है। सर्विस रोड की हालत तो ऐसी है कि पूरी तरह इसको निगल लिया गया है।
रेलिंग तोड़ रहे, ग्रिल उखाड़ दी
कब्जों के साथ ही सड़क की शक्ल को भी यहाँ पर गैराज मालिक चौपट करने पर आमादा हैं। हाईवे पर वाहन सीधे गति के साथ चौराहे के आस-पास निकलें, साथ ही सर्विस रोड से मुख्य रोड अलग हो इसके लिए ग्रिल, जालियाँ लगाई गई हैं लेकिन इन जालियों और ग्रिल को सड़क पर कब्जा करने वाले उखाड़कर फेंक रहे हैं।
अब इससे परेशानी यह है कि अगर कोई तेज गति से रात में आ रहा है तो इसी खुले जाली के हिस्से से मुख्य सड़क पर वह दुर्घटना का शिकार हो सकता है। मर्जी के मुताबिक सड़क पर डिवाइडर और ग्रिल को तोड़ा और काटा जा रहा है। यह ट्रैफिक के लिहाज से भी बेहद खतरनाक है।
यहाँ तक कब्जे ही कब्जे
चौराहे से भोपाल रोड तेवर गाँव तक, इसी तरह कटनी की ओर बहदन के रेलवे ब्रिज के करीब और तिलवारा की ओर सगड़ा गढ़ा रेलवे स्टेशन के पहले तक ट्रकों से यातायात पूरी तरह से चौपट हो रहा है। केवल ट्रैफिक की समस्या नहीं मुख्य खतरा यह है कि कब्जों की वजह से हादसों का खतरा भी लगातार बढ़ रहा है। चौराहे के नीचे गुमटियाँ, चाय-पान के ठेले हैं इनकी वजह से सड़क पर चलना मुश्किल है। पूरे एरिया को कब्जा करने वालों ने कस्बाई शक्ल में उभार दिया है।
एक नजर इस पर भी
- चौराहे के चारों ओर कब्जा और अतिक्रमण।
- ट्रकों ने सड़क को करीब बीच के हिस्से तक घेर लिया।
- आधी सड़क बंद कर इनको सुधारा जाता है। जहाँ दुकानें बनीं वहाँ सड़क पर मिट्टी डालकर अतिक्रमण।
- न नगर निगम कार्रवाई करता है, न एनएचएआई।
- चौड़े व सपाट हाईवे को बदहाल बनाने पर उतारू हैं।
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from Dainik Bhaskar https://ift.tt/36G2WKu November 16, 2020 at 04:53AM https://ift.tt/1PKwoAf
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