मुख्यमंत्री शिवराज का कहना है कि मुझे नालायक, मदारी, नौटंकी, झूठा, घुटने टेक और भूखा-नंगा तक कहा गया, लेकिन मैंने कभी माफी मांगने के लिए नहीं कहा। लेकिन, एक दलित महिला पर अभद्र टिप्पणी की तो बहुत पीड़ा हुई। उनकी व्यथा को, उनकी पीड़ा को, उनके आंसुओं को पूरे देश ने देखा, लेकिन वह कमलनाथ को नहीं दिखी।
कमलनाथ ने इमरती देवी को आइटम क्या बोल दिया आपने तो मुद्दा बना दिया?
- इमरती देवी पर अभद्र टिप्पणी के बाद कमलनाथ ने पहले कहा कि टिप्पणी उन पर नहीं थी, फिर कहा- उनका नाम याद नहीं आया, इसलिए कह दिया... फिर अपने अभद्र शब्द की व्याख्या करते हुए उसे सही ठहराने लगे। यह उनके दंभ और महिलाओं के प्रति दृष्टिकोण को दिखाता है। मैंने उनसे कुछ नहीं कहा, उनकी पार्टी अध्यक्षा सोनिया गांधी से आग्रह किया कि कमलनाथ के इस कृत्य के लिए माफी मांगी जाए और उन्हें सभी पदों से हटाया जाए।
कमलनाथ का कहना है कि आप अर्थ का अनर्थ लगा रहे हैं?
- अनर्थ तो खुद कमलनाथ कर रहे हैं। एक तो महिला मंत्री का अपमान करना और बेतुके तर्क देकर सभी को आइटम बताने का काम तो वे ही कर रहे हैं। जहां तक राजनीतिक लाभ लेने की बात है तो हम मानते हैं कि नारी सम्मान हमारी प्रतिबद्धता है, राजनीति करने का विषय नहीं। कांग्रेस की अध्यक्षा भले ही महिला हों, लेकिन कमलनाथ जैसे नेता महिलाओं का सम्मान करना ही नहीं चाहते। इसी सोच के चलते ही इमरती देवी से माफी मांगने में उनका अहं आड़े रहा है।
नाथ ने खेद जताया है तो मामला खत्म माना जाए?
- कमलनाथ जी अपनी अभद्र टिप्पणी को जायज ठहरा रहे हैं तो खेद किस बात पर व्यक्त कर रहे हैं। यह खेद व्यक्त करना नहीं, बल्कि महिलाओं के प्रति एक और पाप करना है। मैं सोनिया जी से अपील करूंगा कि वे मौन तोड़ें और कमलनाथ पर कार्रवाई करें...दलित महिला नेत्री व कैबिनेट मंत्री इमरती देवी की व्यथा को, उनकी पीड़ा को, उनके आंसुओं को पूरे देश ने देखा, लेकिन वह कमलनाथ को नहीं दिखा। इससे कमलनाथ जी की बेशर्मी और कुसंस्कार सभी के सामने आए हैं। कमलनाथ को उनके कृत्य के लिए, उनके दंभ और अहंकार के लिए प्रदेश की जनता कभी माफ नहीं करेगी। मैं मेडम श्रीमती सोनिया गांधी जी से अपील करना चाहूंगा कि वे अपना मौन तोड़ें।
राहुल गांधी ने कमलनाथ के बयान को दुर्भाग्यपूर्ण कहा है?
जवाब : केवल दुर्भाग्यपूर्ण कहना पर्याप्त नहीं है। यदि वे कमलनाथ के बयान को सही नहीं मानते तो उनके खिलाफ कार्रवाई करना चाहिए। उसके बाद भी यह कैसी निर्लज्जता और हठधर्मिता है कि राहुल गांधी कह रहे हैं कि दुर्भाग्यपूर्ण और कमलनाथ कह रहे हैं कि यह राहुल जी के विचार हैं। मैं माफी नहीं मांगूंगा। वे तो अपने ही नेता का अपमान कर रहे हैं।
आप अपनी सरकार की उपलब्धियों की बात करते हैं, आपकी सरकार ने किसानों के लिए क्या-क्या किया ?
जवाब : हमारी सरकार किसान हितैषी है। यह हम नहीं कहते हैं, आंकड़े बताते हैं। पिछले कुछ ही महीनों में हमारी सरकार ने किसानों को भरपूर सुविधाएं प्रदान की हैं। उसके सुपरिणाम देखने को मिल रहे हैं।
पिछले छह महीने में सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि क्या है, जिसके आधार पर आप जनता से वोट मांग रहे हैं?
जवाब : हमारी सरकार ने प्रदेश में विभिन्न योजनाओं के तहत हितग्राहियों को 65 हजार करोड़ रुपए सीधे उनके खातों में जमा किये। किसानों के अलावा विभिन्न जनकल्याणकारी कार्यक्रमों के अंतर्गत श्रमसिद्धि अभियान में 3 हजार करोड़ रुपए, मध्यान्ह भोजन के लिए 400 करोड़ रुपए, विभिन्न वर्गों के छात्र-छात्राओं की छात्रवृत्ति पर 523 करोड़ रुपए, प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को लैपटाॅप खरीदी के लिए 101 करोड़ रुपए, सामाजिक सुरक्षा पेंशन में 1 हजार 400 करोड़ रुपए, जनजाति की महिलाओं को आहार अनुदान के लिए 102 करोड़ रुपये खाते में जमा किए। कांग्रेस ने जो जनकल्याणकारी कार्य बंद करा दिए थे, उन्हें पुनः शुरू कराया। कोरोना के कारण अर्थव्यवस्था कमजोर थी, उसके बावजूद हमने जनकल्याणकारी योजनाओं के साथ-साथ अधोसंरचना विकास के कई रुके हुए कार्य प्रारंभ किए। अनेक नए कार्य शुरू किए और कई का लोकार्पण किया।
कांग्रेस ने कोरोना से मृत लोगों के परिजनों को पेंशन देने की घोषणा की है।
- न नौ मन तेल होगा और न राधा नाचेगी। न कांग्रेस को जीत मिलेगी और न ही सरकार में आएगी। वे भी जानते हैं कि कौन-सी उनकी सरकार बनने वाली है। इनको कोरोना की याद छह माह बाद आई है। जिन्होंने बच्चों के लैपटाॅप, आदिवासी महिलाओं की राशि और गरीबों का संबल छीना। इनसे क्या उम्मीद करेगी जनता? ये वादे हैं, वादों का क्या?
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