संत सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना के फेस-2 की सुपर क्रिटिकल यूनिट दो माह से बंद हैं। तीन नंबर यूनिट की टरबाइन में वाइब्रेशन के बाद इसे खोलने पर पता चला था कि रोटर की ब्लेड टूटी हैं। भारत में इस तरह की समस्या पहली बार सामने आई है। एमपीपीजीसीएल, एलएंडटी पावर तथा एनटीपीसी के विशेषज्ञ यह समस्या आने का कारण बारीकी से तलाश कर रहे हैं। रोटर को रिपेयरिंग के लिए सूरत ले जाने की तैयारी चल रही है। इसी दौरान चार नंबर यूनिट में भी वाइब्रेशन हुआ था। इसकी टरबाइन भी खोली जा रही है। एमपीपीजीसीएल एमडी के अनुसार समस्या गंभीर है। हर पहलू से जांच की जा रही है।
सिंगाजी परियोजना की 660 मेगावाट की तीन नंबर यूनिट में पीजी टेस्ट के दौरान 5 अगस्त को वाइब्रेशन हुआ था। तभी से यह बंद है। कुछ दिन बाद ही चार नंबर यूनिट भी इसी समस्या के चलते बंद कर दी गई थी। तीन नंबर यूनिट में टरबाइन के रोटर की ब्लेड टूटना बड़ा फाल्ट माना जा रहा है, क्योंकि सुपर क्रिटिकल यूनिट में इस तरह की समस्या नहीं आती। यह देश में पहली बार हुआ है। ऊर्जा सचिव ने एनटीपीसी के विशेषज्ञों को भी जांच सौंपी है। हालांकि जांच चलते डेढ़ माह से अधिक समय हो चुका है लेकिन अब तक तीनों कंपनियों के विशेषज्ञ किसी निष्कर्ष तक नहीं पहुंच सके हैं।
रबी सीजन में बिजली को लेकर हो सकती है परेशानी
सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना में 600 - 600 की दो यूनिट और 660 - 660 की दो यूनिट है। ऐसी 2520 मेगा वाट बिजली उत्पादन होती है, लेकिन 660- 660 दोनों यूनिटी में खराबी होने के कारण रबी के सीजन में किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। क्योंकि पिछले साल चारों यूनिटों से बिजली उत्पादन किया गया था। लेकिन इस बार सिर्फ 1200 मेगावाट बिजली ही उत्पादन किया जा सकता है। तीन नंबर और चार नंबर यूनिट खराब होने के कारण वैसे तो मध्यप्रदेश में बिजली की डिमांड अभी नहीं है इसलिए 600 मेगा वाट की एक नंबर यूनिट से बिजली उत्पादन किया जा रहा है वही दो नंबर यूनिट को डिमांड नहीं होने के कारण शटडाउन रखा गया है जैसे ही डिमांड आती है दो नंबर यूनिट को भी शुरू कर दिया जाएगा लेकिन तीन नंबर और चार नंबर कब तक होती है इसका कोई समय निर्धारित नहीं है वैसे तो सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना चारों यूनिट बिजली उत्पादन करने के लिए कोयला 80 हजार टन का स्टॉक रखा गया है
35 से 40 करोड़ रु. के नुकसान का अनुमान
फेस-2 की दोनों यूनिट बंद होने से शासन व कंपनी को करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ है। कंपनी सूत्रों के अनुसार टरबाइन खोलने और रोटर की रिपेयरिंग तक करीब 35 से 40 करोड़ रुपए के नुकसान होने का अनुमान है। पीजी टेस्ट के समय एमपीपीजीसीएल व एलएंडटी पॉवर के इंजीनियर और विशेषज्ञ मौजूद थे। इसके बावजूद एमपीपीजीसीएल व ऊर्जा विभाग जांच में अब तक लापरवाह अफसर की जिम्मेदारी तय नहीं कर सके हैं।
खोली जा रही है चार नंबर टरबाइन
परियोजना की चार नंबर यूनिट भी बाइब्रेशन के चलते करीब डेढ़ माह से बंद है। इसकी समस्या जानने के लिए इसे खोलने का काम शुरू कर दिया गया है। संभवत: 10 दिन में यह काम पूरा हो जाएगा। इसके बाद ही पता चलेगा कि इसमें क्या समस्या आई है।
सीधी बात
मनजीत सिंग, एमडी एमपीपीजीसीएल
{ टरबाइन के रोटर की ब्लेड टूटने की घटना देश में और किसी प्लांट में हुई है?
- देश में इस तरह की समस्या पहली बार सिंगाजी ताप परियोजना में ही आई है। इसीलिए इसकी बारीकी से जांच की जा रही है। कारण तलाशे जा रहे हैं।
{ 3 नंबर यूनिट दो माह से बंद है। लापरवाह अफसरों पर कार्रवाई क्यों नहीं हुई?
- इस यूनिट में बड़ा फाल्ट आया है। रोटर सूरत ले जाने की तैयारी चल रही है। टरबाइन के उपकरणों की अलग-अलग जांच कई विशेषज्ञ कर रहे हैं। जो भी इस फाल्ट के लिए जिम्मेदार होगा पर सख्त कार्रवाई तय है। जांच में समय जरूर लग रहा है लेकिन किसी बेकसूर को सजा नहीं मिलना चाहिए।
{ 3 नंबर यूनिट कब तक शुरू होने की संभावना है?
- रोटर की रिपेयरिंग में कितना समय लगता है यह पता नहीं है। यूनिट शुरू करने के बारे में अभी कुछ नहीं कह सकते।
{ किस कंपनी के विशेषज्ञ जांच कर रहे हैं?
- एमपीपीजीसीएल के अलावा एलएंडटी पावर तथा एनटीपीसी के विशेषज्ञ सतत जांच में जुटे हैं।
{ चार नंबर यूनिट के फाल्ट के बारे में कुछ बताएंगे?
- इस यूनिट की टरबाइन में भी वाइब्रेशन हुआ था। इसे खोला जा रहा है। इसके बाद ही फाल्ट की जानकारी मिल सकेगी। ज्यादा समस्या नहीं आई तो दिसंबर तक इससे बिजली उत्पादन शुरू कर देंगे।
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