खसरों के कॉलम क्रमांक 12 में शहरी सीलिंग दर्ज हो जाने और उनकी रजिस्ट्री पर रोक लग जाने को लेकर भारी हंगामा मचा हुआ है। इन खसरों को भूत खसरा कह कर लोगों का डराया जा रहा है। ऐसा माना जा रहा है कि हजारों खसरों में कुछ गलत दर्ज हो गया है, जिससे उनकी रजिस्ट्री नहीं हो पा रही है। इस संबंध में दैनिक भास्कर ने कलेक्टर कर्मवीर शर्मा से चर्चा की, प्रस्तुत हैं बातचीत के प्रमुख अंश
प्रश्न : क्या सचमुच हजारों खसरों में कॉलम नम्बर 12 में शहरी सीलिंग दर्ज हो गया है?
उत्तर : कुछ कहा नहीं जा सकता कि ये अभी दर्ज हुआ है या पहले से, यह जरूर बताया जा रहा है कि पूर्व कलेक्टर छवि भारद्वाज के समय ऐसे प्रकरणों का पंजीयन रोक दिया गया था।
प्रश्न : तो क्या ऐसे प्रकरणों की रजिस्ट्री प्रतिबंधित है?
उत्तर : ऐसे आवेदन एसडीएम के पास आ रहे हैं, जहाँ से उन्हें सीलिंग शाखा में भेजा जा रहा है। वहाँ उनका पूर्ण विश्लेषण और परीक्षण किया जाता है, फिर वो मेरी कोर्ट में आते हैं, जहाँ उन्हें निराकृत कर दिया जाता है। अगर प्रकरण सही होता है तो खसरे में शहरी सीलिंग हटा दिया जाता है। फिर उसकी रजिस्ट्री में कोई दिक्कत नहीं रह जाती।
प्रश्न : ऐसे प्रभावित खसरे वाले भूस्वामियों को क्या करना चाहिए?
उत्तर : मैंने बताया कि ऐसे आवेदन एसडीएम के पास आ रहे हैं। फिर भी जो प्रभावित खसरों के भूस्वामी हैं, वे अपना आवेदन दे सकते हैं। परीक्षण उपरांत उन्हें निराकृत करने के आदेश दिए हुए हैं।
प्रश्न : अगर ये इतना आसान है तो भूस्वामी परेशान क्यों हैं?
उत्तर : दरअसल बिल्डरों ने भ्रम फैला रखा है। बिना प्रकरण निराकृत कराए प्लाॅट बेच दिए हैं। यहाँ तक कि कई जगह तो मकान भी बना दिए हैं। अब ऐसा प्रकरण जब रजिस्ट्री के लिए आता है तो स्वाभाविक तौर पर प्रतिबंध वाला प्रावधान उस पर लागू हो जाता है। इतना ही नहीं कई जगह सरकारी खसरों पर बिल्डरों ने प्लॉट काट दिए हैं। इसी कारण परीक्षण जरूरी हो गया है।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3nD9GAr October 10, 2020 at 06:47AM https://ift.tt/1PKwoAf
0 Comments